Edited By Manisha rana, Updated: 23 Dec, 2022 11:17 AM

23 दिसम्बर को हुए अग्रिकांड को याद करके हर कोई सिहर जाता है। 23 दिसम्बर साल 1995 को डबवाली के चौटाला मार्ग पर स्थित राजीव पैलेस में डी.ए.वी पब्लिक...
डबवाली (संदीप) : 23 दिसम्बर को हुए अग्रिकांड को याद करके हर कोई सिहर जाता है। 23 दिसम्बर साल 1995 को डबवाली के चौटाला मार्ग पर स्थित राजीव पैलेस में डी.ए.वी पब्लिक स्कूल का वार्षिक उत्सव मनाया जा रहा था। उत्सव के दौरान शार्ट सर्किट की वजह से एक चिंगारी उठी और चंद सैंकडों में इस चिंगारी ने पूरे पंडाल को अपनी गिरफ्त में ले लिया।
442 लोगों की जानों को लील लिया था
देखते ही देखते पंडाल धू-धू कर जलने लगा। पंडाल के अंदर भारी संख्या में मौजूद लोग आग की लपटों से घिर गए। उस हृदय विदारक और देश के सबसे भयानक अग्रिकांड ने 442 लोगों की जानों को लील लिया था। करीब 150 लोग बुरी तरह से झुलस गए थे। अग्रिकांड में मारे गए 442 लोगों के शवों का जब अंतिम संस्कार किया गया तो पूरे शहर में चारों और सन्नाटा पसर गया।
बता दें कि 23 साल पहले यानि 23 दिसम्बर 1995 को डबवाली को इतिहास की सबसे भयंकर तबाही का सामना करना पड़ा था। चंद मिनटों के भीतर ही सैंकड़ों मासूम बच्चे, महिलाएं व पुरूष मौत के मुंह में चले गए थे। डबवाली अग्रिकांड की इस घटना का नाम सुनते ही आज भी लोग सहम जाते हैं। इस तबाही को आज दो दशक से भी अधिक का समय हो चुके हैं। साल 1995 में हुए इस भयानक अग्रिकांड से डबवाली आज भी पूरी तरह से उबर नहीं पाया है।
डी.ए.वी. स्कूल की लापरवाही बनी हादसे की वजह
अग्रिकांड पीड़ित बताते हैं कि हादसा आयोजकों की लापरवाही के कारण हुआ था। जिस पैलेस में स्कूल का वार्षित उत्सव मनाया जा रहा था, उसका मुख्य द्वार कार्यक्रम शुरू होने के बाद बंद कर दिया गया था। जबकि स्टेज के पास एक छोटा गेट खुला रखा गया। इसी गेट से कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि पहुंचे थे। तत्कालीन उपायुक्त एम.पी. बिदलान को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए सुरक्षाकर्मी गेट को रोककर खड़े हो गए थे। इस दौरान लोगों को बाहर निकलने की और कोई जगह नहीं मिल पाई। लोग पंडाल के भीतर ही चीखते पुकारते रहे। अधिकतर लोगों की मौत धुएं से दम घुटने की वजह से भी हुई। पीड़ितों को डी.ए.वी. संस्था से मुआवजा राशि लेने के लिए लम्बी कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ी। अदालत के आदेश से ही डी.ए.वी. मुआवजा देने के लिए माना।
पीड़ितों की सरकारों के प्रति नाराजगी
अग्रिकांड पीड़ितों को अगर किसी के प्रति सबसे ज्यादा गुस्सा और नाराजगी है तो वह अब तक सत्ता में रही सभी सरकारों से है। पीड़ितों को डी.ए.वी. प्रशासन के प्रति भी गुस्सा है। अग्रिकांड पीड़ितों का कहना है कि घटना के वक्त पीड़ितों से सरकार ने वायदे तो बहुत बड़े-बड़े किए लेकिन आज तक किसी भी सरकार ने उनके लिए कुछ नहीं किया।
श्रद्धांजलि सभा व रक्तदान शिविर आज
अग्रिकांड पीड़ित एसोसिएशन के प्रधान विनोद बांसल ने बताया कि स्मारकर पर सुबह 10 बजे हवन यज्ञ का आयोजन किया गया। 11 बजे सुखमणी साहब का पाठ शुरू होगा। दोपहर 1 बजे भोग डाला जाएगा। दोपहर 1 बजकर 47 मिनट पर मौन श्रद्घांजलि दी जाएगी। इसके अलावा डबवाली अग्रिकांड त्रासदी में जान गंवाने वालों की याद में सामाजिक संस्था अपने, युवा रक्तदान सोसायटी शहर में रक्तदान शिविर का आयोजन किए जाएंगे।
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