Edited By Isha, Updated: 12 Jul, 2025 09:24 AM

हरियाणा की पहचान मजबूत कद-काठी, भरपूर दूध-दही और खेती-बाड़ी की समृद्ध परंपरा से जुड़ी रही है लेकिन जब बात औसत जीवन दर की आती है, तो हरियाणा राष्ट्रीय औसत से पीछे नजर आता है।
चंडीगढ़: हरियाणा की पहचान मजबूत कद-काठी, भरपूर दूध-दही और खेती-बाड़ी की समृद्ध परंपरा से जुड़ी रही है लेकिन जब बात औसत जीवन दर की आती है, तो हरियाणा राष्ट्रीय औसत से पीछे नजर आता है। हाल ही में जारी सेंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (एसआरएम) के आंकड़े बताते हैं कि भारत के लोगों की औसत जीवन दर 69.9 वर्ष है जबकि हरियाणा के लोगों की 60.6 वर्ष।
यह अंतर भले ही एक साल से थोडा अधिक ही लेकिन यह एक राज्य के स्वास्थ्य परिदृश्य पर गंभीर सवाल खड़े करता है। 1970-75 में हरियाणा की जीवन दर 57.5 वर्ष थी बानी करीब 11 वर्षों का काफी सुधार हुआ है लेकिन इस दौरान देश की औसत जोवन दर 49.7 वर्ष से बढ़कर 69.9 वर्ष हो गई यानी 20.2 वर्ष की बढ़त हरियाणा का सुधार राष्ट्रीय औसत से 9 वर्ष पीछे रहा। देश में सबसे लंबे समय तक केरल के लोग जीते हैं जिनको औसत आयु 74.8 साल है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि जीवनशैली में बदलाव, शहरीकरण, मानसिक तनाब, वायु प्रदूषण, शराब और नशे की लत जैसी बजहें इस अंतर के लिए जिम्मेदार हो सकती हैं। साथ ही, ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी, प्रसव के समय जटिलताएं और मातृ-शिशु मृत्यु दर भी चिंताजनक है।
महिलाएं पुरुषों से छह साल ज्यादा जीती हैं
हरियाणा में पुरुषों के मुकाबले महिलाओं का जीवन ज्यादा है। पहलू यह है कि हरियाणा की महिलाओं की औसत आयु राष्ट्रीय दर से भी ज्यादा है। वहीं, शहर-ग्रामीण की तुलना में शहरी लोग ज्यादा जीते हैं।
पंजाव, हिमाचल, उत्तराखंड आगे, उत्तर प्रदेश हमसे पीछे
पंजाब के लोगों को 70.3 दिन की बचत आयु 74.8. हिमाचल को 73.6 साल की 70.8 साल है। हालांकि उचर प्रदेश से थोड़ा हरिआ है। गृहे की औसत आयु 67.2 साल है।