साठी धान की खेती करना पड़ सकता है महंगा, किसानों पर है कृषि विभाग की नजर

Edited By Vivek Rai, Updated: 14 Jul, 2022 04:39 PM

cultivation of banned sathi paddy administration have their eyes on farmers

गांव सहराला स्थित करीब 20 एकड़ भूमि में अवैध रूप से की जा रही प्रतिबंधित साठी धान की खेती को लेकर कार्रवाई की गई है। कृषि विभाग के द्वारा 20 एकड़ की फसल को नष्ट करने के लिए दवाई का छिड़काव किया गया।

पलवल(दिनेश): गांव सहराला स्थित करीब 20 एकड़ भूमि में अवैध रूप से की जा रही प्रतिबंधित साठी धान की खेती को लेकर कार्रवाई की गई है। कृषि विभाग के द्वारा 20 एकड़ की फसल को नष्ट करने के लिए दवाई का छिड़काव किया गया। इस दौरान भारी पुलिस बल भी मौके पर मौजूद रहा। 

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यही नहीं अब इन किसानों पर जुर्माना भी लगाया जाएगा। दरअसल साठी धान की खेती में अन्य धान के मुकाबले पानी की कई गुना खपत होती है।

60 दिन में तैयार होती है साठी धान की फसल, लेकिन इसलिए है प्रतिबंधित

सहराला गांव में ड्यूटी मिजस्ट्रेट के रूप में नियुक्त हुए जीवन दास ने बताया कि गांव में अवैध तरीके से साठी धान की खेती की जा रही थी। जिला उपायुक्त के आदेश पर करीब 20 एकड़ में बोई गई फसल को नष्ट किया गया है। यदि आगे भी कोई साठी धान की खेती करता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। 

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कृषि विभाग के अनुसार साठी धान की फसल भू-गर्भ जल स्तर के लिए संकट पैदा कर रही है। बेमौसम होने वाली इस धान की फसल में सामान्य फसल की तुलना में कई गुना अधिक पानी सिंचाई के लिए जरुरी होता है। 60 दिन में पैदा होने वाली साठी धान की फसल से उपजाऊ जमीन से नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटास की मात्रा लगातार घट रही है। इस धान की खेती से भूमि बंजर हो जाती है। इससे भू-गर्भ जल का अत्यधिक दोहन होता है। जल स्तर नीचे जा रहा था। इसकी रोपाई प्रतिबंधित होने के बाद भी कोई भी साथी धान की बुवाई करता है, तो उस किसान के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। 

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