Edited By Shivam, Updated: 03 May, 2019 02:35 PM
जिस देश में गाय को माता का दर्जा दिया जाता है, उसी देश और प्रदेश में लोगों की अनदेखी के चलते गायें दम तोड़ रही हैं। आलम यह है कि भूख और प्यास के कारण मौत का शिकार हो रही हैं। ऐसा ही मामला पानीपत के गांव नैन सरकार द्वारा बनाए गए गौ अभ्यारण्य...
पानीपत (अनिल कुमार): जिस देश में गाय को माता का दर्जा दिया जाता है, उसी देश और प्रदेश में लोगों की अनदेखी के चलते गायें दम तोड़ रही हैं। आलम यह है कि भूख और प्यास के कारण मौत का शिकार हो रही हैं। ऐसा ही मामला पानीपत के गांव नैन सरकार द्वारा बनाए गए गौ अभ्यारण्य केंद्र से आया है, जहां एक सप्ताह में करीब एक दर्जन गायों की मौत हो चुकी है।

बताया जा रहा है कि मृत गायों के पोस्टमार्टम से पता चला है कि उनके शरीर से भारी मात्रा में पॉलीथीन निकला, जिससे उनका पाचनतंत्र खराब हुआ और उनकी मौत हो गई। वहीं इस मामले को मीडिया में उठाए जाने के बाद प्रशासन भी हरकत में आया और तुरंत प्रभाव से गौशाला के प्रधान को बदल दिया। वहीं समाजसेवी भी गौशाला में चारा और पानी के टैंकर भेजने लगे हैं।

दरअसल, सरकार ने गाय को आवारा न घूमने देने के लिए गौ अभ्यारण केंद्र का निर्माण करवाया था। शहर से बड़ी मात्रा में गायों को एक साथ इस गौशाला में भेज दिया गया, जिसके कारण गायों की संख्या एक साथ बढ़कर एक हजार के करीब पहुंच गई। जिसपर गौशाला के संचालकों ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया, जिसके चलते गर्मी के मौसम में गौशाला में पीने के पानी के साथ गायों के लिए चारे का प्रबन्ध नहीं हो पाया और गायों की मौत होने लगी। हालांकि अब मामला मीडिया के सामने आने के बाद प्रशासन आनन-फानन में गौशाला के प्रधान को हटाकर नए प्रधान को कार्यभार सौंपा।