कैथल में उजागर हुआ को-ऑप्रेटिव सोसायटी भर्ती घोटाला, जिले की 2 पैक्सों में फर्जी तरीके से लगे 11 कर्मियों को हटाया

Edited By Manisha rana, Updated: 25 Oct, 2024 12:14 PM

co operative society recruitment scam exposed kaithal

जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में बनी दो को-आप्रेटिव सोसायटियों में लगे 11 कर्मचारियों की भर्ती फर्जी पाई गई है। इनमें कुराड पैक्स के 6 और पाडला पैक्स के 5 कर्मचारियों को नौकरी से हटाया गया है। जो सेल्समैन, क्लर्क और पी.एन के पद पर लगे गये थे।

कैथल (जयपाल रसूलपुर) : जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में बनी दो को-आप्रेटिव सोसायटियों में लगे 11 कर्मचारियों की भर्ती फर्जी पाई गई है। इनमें कुराड पैक्स के 6 और पाडला पैक्स के 5 कर्मचारियों को नौकरी से हटाया गया है। जो सेल्समैन, क्लर्क और पी.एन के पद पर लगे गये थे। इनकी भर्तियों को रद्द करने के लिए डिप्टी रजिस्ट्रार कुरुक्षेत्र व सहायक डिप्टी रजिस्ट्रार कैथल की कोर्ट में केस चल रहे थे। जिसका निर्णय आने के बाद पैक्स कर्मियों को हटाया गया है। मामले हैरानी की बात ये है कि विभाग द्वारा दोनों भर्तीयों को तो रद्द कर दिया, परन्तु न तो भर्ती करने वाले किसी अधिकारी या पैक्स के सदस्य पर कार्रवाई की गई और न हटाए गए कर्मियों से रिकवरी ली। जबकि इस मामले में एफ.आई.आर और रिकवरी दोनों बनती हैं। इससे विभाग की कार्यशैली पर भी सवाल उठता है।

इन भर्तियों में विभाग के अधिकारियों व कमेटी के प्रबंधक और सदस्यों की मिली भक्ति से विभागीय नियमों को दरकिनार कर गलत तरीके से विभिन्न पदों पर पैसे लेकर या अपने चहेतों को नौकरी पर रखा गया था। जबकि नियम के अनुसार कमेटी सदस्य अपने ब्लड रिलेशन में किसी को भर्ती नहीं कर सकते। ग्रामीण क्षेत्रों में बनी एक दर्जन से अधिक को-ऑपरेटिव सोसायटी में भी सैकड़ों युवाओं गलत तरीके से नियुक्ति देकर नौकरी पर रखा है। अब तक की अगर बात की जाए तो जिले के 337 कर्मचारियों की नियुक्ति में धांधली के आरोप लग चुके है। इनमें सबसे बड़ी भर्ती साल 2021 में कैथल के सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक में हुई है।  इसमें 231 कर्मचारियों को सरकार द्वारा आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की भर्ती पर रोक लगाने के दो दिन पहले ही बैक डेट में जॉइनिंग करवाने के आरोप लगे हैं। इस तरह सहकारिता विभाग में पिछले तीन सालों के दौरान बैक डोर से हुई तमाम भर्तियों की भी अगर उच्च स्तरीय जांच होती तो इनमे भी कई बड़े खुलासे होंगे।

बता दें कि रजिस्ट्रार सहकारी समितियां हरियाणा ने 12 अगस्त 2013 को अपने कार्यालय से पत्र जारी करते हुए प्रदेश के सभी उप रजिस्ट्रार को उनके अधीन सहकारी समितियों (पैक्स) में नई नियुक्ति व भर्ती न करने के आदेश जारी किए थे। लेकिन इसके बाद भी जिले की कई सहकारी समितियां में विभागीय नियमों को दरकिनार करते हुए गलत तरीके से अपने निजी लोगों की भर्ती करनी पाई गई है। ज्यादातर मामलों में कर्मचारियों की भर्ती करने के लिए सहायक रजिस्ट्रार की अनुमति भी नहीं ली गई है। जबकि भर्ती के लिए जरुरी होती है। इसके साथ ही भर्ती के नियमों का पालन नहीं करना पाया गया है। कुछ भर्तियों में सहकारी समितियों (पैक्स) के डायरेक्टर व मैनेजर द्वारा अपने परिवार के सदस्यों को नौकरी पर रखा गया है। जिनके खिलाफ लोगों द्वारा शिकायत भी की गई है। परंतु इसके बाद भी विभाग के अधिकारीयों व कमेटी के प्रबंधक और मेम्बरों की मिली भक्ति से आज भी सैकड़ों फर्जी भर्ती में लगे कर्मचारी अपनी ड्यूटी कर रहे हैं।

पाडला निवासी नरेश ने की थी फर्जी भर्ती की शिकायत

गांव पाडला निवासी नरेश ने अपने गांव की को-ऑपरेटिव सोसायटी में फर्जी भर्ती की शिकायत विभाग को दी थी। नरेश ने बताया कि उसके गांव की को-ऑपरेटिव सोसायटी में 10 युवकों को फर्जी तरीके से भर्ती किया गया है। कमेटी में शामिल एक पदाधिकारी ने अपने साले व जमाई को नियुक्ति दे दी, जबकि नियम के अनुसार कमेटी सदस्य अपने ब्लड रिलेशन में किसी को भर्ती नहीं कर सकते। इसके अलावा किसी की खाद-बीज की दुकान है तो उसे भी भर्ती नहीं किया जा सकता, लेकिन पाडला को-ऑपरेटिव  सोसायटी में भर्ती के समय नियमों को अनदेखा करके नियुक्ति दी गई हैं। भर्ती से पहले समाचार पत्र में विज्ञापन भी नहीं दिया गया। उसने विभाग को शिकायत दी थी।

ये होती है भर्ती की पूरी प्रक्रिया

कैथल को-ऑप्रेटिव सेंट्रल बैंक के महाप्रबंधक रणबीर बेनीवाल ने बताया कि पैक्सों में कर्मचारियों की भर्तियां करने से पहले मैनेजिंग कमेटी द्वारा सहकारी समितियां के ए.आर व डी.आर से भर्ती की परमिशन लेनी होती है। उसके बाद भर्ती का प्रस्ताव पास करके अखबार में इसका विज्ञापन निकालना होता है। इस सब के बाद लोगों के आवेदन लिए जाते हैं। जिनकी स्क्रूटनी करने के बाद एक रिकमेंडेशन कमेटी होती है। जिसमें ए.आर, जी.एम और दो कमेटी मेंबर होते हैं। जो चयनित किए गए कर्मचारियों को भर्ती करने की सिफारिश वापस मैनेजिंग कमेटी को भेजते हैं। इस पूरी प्रक्रिया के बाद पैक्सो में कर्मचारियों की नियमानुसार भर्ती की जाती है।

इन गांवों में हुई भर्तियों पर में भी लगे हैं धांधली के आरोप

खुराना- 14
पाई- 12
पाडला- 10
कुराड़- 6
पूंडरी- 2
कौल- 4
भूसला- 2
मटौर- 6
ढांड- 3
चीका-6
सेन्ट्रल बैंक- 231

उप रजिस्ट्रार व सहायक उप रजिस्ट्रार के फैसले के बाद की भर्ती रद्द

कैथल को-ऑपरेटिव बैंक जीएम रणबीर बेनीवाल ने बताया कि उनके पास जिले के दो पैक्सों की सूचना आई है, जिनमें कुराड में 6 और पाडला में 5 कर्मचारियों को नौकरी से हटाया गया है। ये सब सेल्समैन, क्लर्क और पी.एन के पद पर थे। इनके केस डी.आर.सी.एस व ए.आर.सी.एस की कोर्ट में चल रहे थे, जहां इनकी भर्ती नियमों के विरुद्ध पाई गई, जिसको उप रजिस्ट्रार व सहायक उप रजिस्ट्रार के फैसले के बाद भर्ती को रद्द कर दिया गया।       

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