स्वच्छ भारत अभियान को सफल बनाने के लिए CM की नई पहल, अब शहरी स्थानीय निकाय में बनेगी फ्लाइंग स्कवॉड

Edited By Isha, Updated: 07 Dec, 2023 11:47 AM

cm new initiative to make swachh bharat abhiyan successful

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान को सफल बनाने की दिशा में पहले ही स्वच्छ भारत-स्वच्छ हरियाणा योजना चला रखी है। इस कड़ी में एक कदम और आगे बढ़ाते हुए हुए उन्होंने आज ठोस कचरा तौल

चंडीगढ़(धरणी):  हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान को सफल बनाने की दिशा में पहले ही स्वच्छ भारत-स्वच्छ हरियाणा योजना चला रखी है। इस कड़ी में एक कदम और आगे बढ़ाते हुए हुए उन्होंने आज ठोस कचरा तौल में गड़बड़ी करने वाले ठेकेदारों पर कड़ी कार्रवाई करने के लिए सीएम फ्लाइंग स्कवॉड की तर्ज पर शहरी स्थानीय निकाय में भी फ्लाइंग स्कवॉड गठित करने का निर्णय लिया है।

  मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बुधवार को चंडीगढ़ में नगर निगमों, नगर परिषद व नगर पालिकाओं में ठोस कचरा प्रबंधन को लेकर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।  उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कचरा ले जाने वाले वाहनों की निकासी तथा एंट्री प्वाइंट पर तौल मशीनें लगाई जाएं और वास्तविक भार के अनुसार ही ठेकेदार को भुगतान किया जाए। उन्होंने कहा कि कचरे से जो भी बायो उत्पाद निकलता है, उसकी भी मार्केटिंग की जाए। गुरुग्राम, फरीदाबाद, अंबाला जैसे बड़े शहरों में कूड़ा निस्तारण प्रोजेक्ट की ड्रोन तकनीक से भी निगरानी की जाए, ताकि डंपिंग प्वाइंट तक कचरे की कितनी मात्रा पहुंच रही है, उसका पता लगता रहे।

मुख्यमंत्री ने कचरे के साथ-साथ सीवरेज प्रणाली के सुदृढ़ीकरण और विस्तारीकरण के निर्देश देते हुए कहा कि जिन शहरों में पुरानी सीवरेज प्रणाली है, वहां पर नई सीवरेज लाइनें डाली जाएं, ताकि शहरों के पानी की निकासी सुचारू रूप से हो सके। शहरी  स्थानीय निकाय फ्लाइंग स्कवॉड में पुलिस के डीएसपी, इंस्पेक्टर व सब-इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी व अन्य कर्मचारी शामिल होंगे। जिस प्रकार सीएम फ्लाइंग स्कवॉड भ्रष्टाचार की शिकायत मिलने या विभागों में गड़बड़ी होने के अंदेशों के चलते स्वतः संज्ञान लेते हुए छापेमारी करती है, उसी प्रकार शहरी स्थानीय निकाय फ्लाइंग स्कवॉड भी ठोस कचरा संयत्रों और डोर-डू-डोर कचरा एकित्रकरण तथा वाहनों के निकासी व प्रवेश प्वाइंट पर दबिश देगी।

टेंडर प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाये रखने के लिए मुख्यमंत्री हर टेंडर की स्वयं निगरानी कर रहे हैं। मोल-भाव के लिए उच्च अधिकार प्राप्त खरीद कमेटी और कार्य आवंटन कमेटी के समक्ष सीधे बैठने का ठेकेदारों को अवसर मिला है, जिससे खरीद प्रक्रिया में न केवल पारदर्शिता आई है, बल्कि सरकार निविदा में दिए गए रेट से 30 प्रतिशत तक बचत करने में सफल रही है।

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