2 दिसंम्बर 2019 को बनाए स्टैंडिंग ऑर्डर्स में गृह मंत्री के क्षेत्राधिकार में सीआईडी

Edited By Shivam, Updated: 11 Jan, 2020 01:04 AM

cid under the jurisdiction of home minister

चर्चा में आया सीआईडी विभाग क्या अलग विभाग है? यह यक्ष प्रश्न, बिना तथ्यों के सुर्खियों में है। पोलिटिकल इंटेलिजेन्स देखने का यह विभाग राजनैतिक वर्चस्व के कारण सुर्खियों में आया है। बिजनिस ऑफ द एलोकेशन रूल्स पेज 30 के 5 नम्बर पहरा में गृह मंत्री के...

चंडीगढ़  (धरणी): चर्चा में आया सीआईडी विभाग क्या अलग विभाग है? यह यक्ष प्रश्न, बिना तथ्यों के सुर्खियों में है। पोलिटिकल इंटेलिजेन्स देखने का यह विभाग राजनैतिक वर्चस्व के कारण सुर्खियों में आया है। बिजनिस ऑफ द एलोकेशन रूल्स पेज 30 के 5 नम्बर पहरा में गृह मंत्री के अधीन सीआईडी विभाग होने का जिक्र है। हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज भी बार बार इसका हवाला इस लिए दे रहे हैं, क्योंकि प्रजातांत्रिक प्रणाली में सवैंधानिक प्रक्रिया के वह बारीकी से वाकिफ हैं।

हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज द्वारा 2 दिसंम्बर 2019 को बनाये स्टैंडिंग ऑर्डर्स में भी सीआईडी विभाग के कार्यों का जिक्र किया हुआ है, जिसमें बिंदु 29 में स्पष्ट है कि सीआईडी, विजिलेंस या एफएसएल लैबोरेट्री से सम्बंधित सभी केसिस होम मनिस्टर के माध्यम से जाएंगे।

फिर यह विवाद क्यों खड़ा हुआ?
हरियाणा की वेबसाइट पर क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन सीआईडी विभाग सीएम के विभागों में दर्शाए जाने से जो हलचल मची है। उसमें अभी तक कोई भी अधिसूचना जारी नहीं हुई है। सूत्रों का कहना है कि गृह मंत्री अनिल विज ने पिछले दिनों हरियाणा में गनमैन किस किस व्यक्ति को किस आधार पर मिले है? इसका रिकॉर्ड भी तलब किया था। इसके साथ ही सूत्रों के अनुसार किस किस व्यक्ति के फोन सर्विलेंस पर बिना इज्जाजत के रखे गए हैं कि जानकारी भी मांगी थी।

विज ने पिछले दिनों सीआई डी विभाग को फसीडी भी बताते हुए उसमे व्यापक सुधारों की बात की थी। साथ ही गृह सचिव विजय वर्धन की अध्यक्षता में सुधारों के लिए 3 वरिष्ठ अधिकारियों की जिस कमेटी को बनाने की प्रस्तवना की थी उस पर मुहर लग गई है तथा अधिसूचना जारी कर दी गई है। इसमें दो डीजीपी स्तर के अधकारी के पी सिंह(डीजीपी हरियाणा विजिलेंस) व प्रभात रंजन देव (डीजीपी होंम गार्ड व सिविल डिफेंस) शामिल हैं।

इस पर मुहर लगने के बाद विज जिन सुधारों की वकालत कर रहें है को सहमति मिली है। यह अधिसूचना 8 जनवरी को जारी की गई। 7 व 8 जनवरी को सीआईडी विभाग विज के पास नहीं रहा की चर्चाएं हर जगह थी। 

राज्यपाल हरियाणा की स्वीकृति से जारी हुई यह अधिसूचना की प्रति 8 जनवरी को ही गृह मंत्री व एसीएस होम को भी भेजी गई। आठ जनवरी से ही जिस वेबसाइट पर क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन सी आई डी विभाग सी एम के विभागों में दर्शाये जाने से जो हलचल मची थी, उस पर कुछ नहीं आ रहा, अंडर रिपेयर प्रदशित हो रहा है।
 

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