CM ने No confidence motion को लेकर किया खुलासा, बोले-  प्रस्ताव पर नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा के हस्ताक्षर ही नहीं....

Edited By Isha, Updated: 19 Dec, 2025 04:27 PM

chief minister made a revelation regarding the no confidence motion

हरियाणा विधानसभा शुक्रवार को उस समय सियासी अखाड़ा बन गई, जब मुख्यमंत्री नायब सैनी ने प्रश्नकाल के बाद एक ऐसा खुलासा कर दिया, जिसने कांग्रेस को आक्रामक और भाजपा को हमलावर बना दिया।

डेस्क: हरियाणा विधानसभा शुक्रवार को उस समय सियासी अखाड़ा बन गई, जब मुख्यमंत्री नायब सैनी ने प्रश्नकाल के बाद एक ऐसा खुलासा कर दिया, जिसने कांग्रेस को आक्रामक और भाजपा को हमलावर बना दिया। सीएम ने सदन को बताया कि कांग्रेस द्वारा सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा के हस्ताक्षर ही नहीं हैं।

बस इतना कहना था कि विपक्ष की सीटों से लेकर स्पीकर की बेल तक हंगामे की गूंज सुनाई देने लगी। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा कि बृहस्तिवार को विधानसभा में पहली बार नेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति के स्वागत में प्रस्ताव पारित किया गया। सत्तापक्ष ने सकारात्मक राजनीति की बात कही और नेता प्रतिपक्ष ने रचनात्मक भूमिका निभाने का भरोसा दिलाया। लेकिन, इसके महज दो घंटे बाद ही कांग्रेस सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ले आई।

 

सीएम ने जब प्रस्ताव पढ़ने का हवाला देते हुए कहा कि उसमें भूपेंद्र सिंह हुड्डा के हस्ताक्षर नहीं हैं, तो कांग्रेस विधायक अपनी सीटों से उठ खड़े हुए। नारेबाजी शुरू हुई और सदन का माहौल पूरी तरह गरमा गया। कांग्रेस विधायकों ने पलटवार करते हुए कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर नियमानुसार 18 विधायकों के हस्ताक्षर मौजूद हैं, इसलिए इसे तकनीकी रूप से गलत बताना सरासर भ्रामक है। हुड्डा ने कहा कि सरकार जानबूझकर प्रस्ताव की वैधता पर सवाल खड़े कर रही है, ताकि असल मुद्दों से ध्यान भटकाया जा सके।

 
हंगामा इतना बढ़ा कि कुछ कांग्रेसी विधायक नारे लगाते हुए स्पीकर की बेल तक पहुंच गए। दूसरी ओर, भाजपा विधायकों ने भी कांग्रेस के खिलाफ जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी। हुड्डा स्वयं खड़े हुए और मुख्यमंत्री के बयान पर कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव में कोई तकनीकी खामी नहीं है और कांग्रेस के 18 विधायकों के हस्ताक्षर स्पष्ट रूप से दर्ज हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि बिना तथ्यों के बयान देकर प्रस्ताव को कमजोर दिखाने की कोशिश की जा रही है।

 
हालात बिगड़ते देख स्पीकर हरविन्द्र कल्याण ने सख्त रुख अपनाया। उन्होंने तल्ख लहजे में दोनों पक्षों के विधायकों को सीटों पर बैठाया और साफ रूलिंग दी कि अविश्वास प्रस्ताव पर अगली बैठक से पहले कोई चर्चा या बहस नहीं होगी। स्पीकर के हस्तक्षेप के बाद करीब 15 मिनट से चल रहा हंगामा शांत हुआ और सदन की कार्यवाही आगे बढ़ाई गई।
 

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