चौटाला के निधन से हरियाणा में राजनीति के एक युग का हुआ अंत, दृढ़ और प्रभावशाली नेतृत्व के लिए थे प्रसिद्ध

Edited By Isha, Updated: 20 Dec, 2024 04:58 PM

chautala s death marks the end of an era of politics in haryana

इनेलो सुप्रीमो ओम प्रकाश चौटाला के निधन से हरियाणा में राजनीति के एक युग का अंत हो गया। उनके निधन से प्रदेश की राजनीति को एक बड़ा झटका लगा है। ओम प्रकाश चौटाला को प्यार से ओपी चौटाला के नाम से जाना जाता था। उनका जन्म

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी) : इनेलो सुप्रीमो ओम प्रकाश चौटाला के निधन से हरियाणा में राजनीति के एक युग का अंत हो गया। उनके निधन से प्रदेश की राजनीति को एक बड़ा झटका लगा है। ओम प्रकाश चौटाला को प्यार से ओपी चौटाला के नाम से जाना जाता था। उनका जन्म 1 जनवरी 1935 को हुआ था।
वह देश के उपप्रधानमंत्री और प्रसिद्ध किसान नेता चौधरी देवी लाल के पुत्र थे। उनका राजनीतिक सफर हरियाणा की राजनीति में मील का पत्थर साबित हुआ। चौटाला ने चार बार हरियाणा के मुख्यमंत्री पद को संभाला और अपने नेतृत्व में राज्य को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का प्रयास किया। चौटाला पहली बार 2 दिसंबर 1989 से 22 मई 1990 तक, फिर 12 जुलाई 1990 से 17 जुलाई 1990 तक, 22 मार्च 1991 से 6 अप्रैल 1991 तक और 24 जुलाई 1999 से 5 मार्च 2005 तक हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे। वह राष्ट्रीय स्तर पर एनडीए और तीसरे मोर्चे का भी हिस्सा रहे।

चौटाला परिवार की राजनीतिक धरोहर

ओमप्रकाश चौटाला का विवाह स्नेह लता से हुआ था, जिनका निधन अगस्त 2019 में हुआ। उनके दो बेटे और तीन बेटियां हैं। उनके पुत्र अजय सिंह भिवानी लोकसभा सीट से पूर्व सांसद है और छोटे बेटे अभय ऐलनाबाद से पूर्व विधायक हैं।  उनके पोते दुष्यंत चौटाला हिसार लोकसभा से पूर्व सांसद और हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री हैं। ओम प्रकाश चौटाला चार बार प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं। मौजूदा समय में इंडियन नेशनल लोकदल की हरियाणा विधानसभा में दो सीट ड़बवाली व रानिया है। ओम प्रकाश साहब के छोटे भाई जगदीशचंद्र के पुत्र अदित्य देवीलाल ड़बवाली से नवनिर्वाचित विधायक है और अभय सिंह के छोटे बेटे अर्जुन सिंह चौटाला रानिया विधानसभा से विधायक है।

तिहाड़ जेल से रिहाई तक का सफर

ओपी चौटाला का नाम 2000 में हुए शिक्षक भर्ती घोटाले में आया था, जिसके चलते उन्हें 2013 में 10 साल की जेल की सजा सुनाई गई। वह तिहाड़ जेल में सबसे बुजुर्ग कैदी के रूप में जाने गए। हालांकि, कोविड-19 महामारी के दौरान जेल की आबादी कम करने के लिए उन्हें 2021 में रिहा कर दिया गया।

87 साल की उम्र में पास की 10वीं और 12वीं

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री एवं इनेलो सुप्रीमो चौधरी ओम प्रकाश चौटाला ने 87 साल की उम्र में दसवीं और बारहवीं की परीक्षा पास की थी। चौटाला ने 2019 में 10वीं की परीक्षा दी थी, लेकिन किन्हीं कारणों से अंग्रेजी का पेपर नहीं दे पाए थे। अंग्रेजी विषय का परिणाम न आने के चलते हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने उनका 12वीं का परिणाम भी रोक लिया था। अगस्त 2021 में 10वीं का अंग्रेजी का पेपर दिया था, जिसमें उन्होंने 88 प्रतिशत अंक प्राप्त किए थे। इसके बाद बोर्ड ने उनका 12वीं का परीक्षा परिणाम जारी किया था। उम्र के इस पड़ाव में भी उनकी स्मरण शक्ति पूरी तरह से मजबूत थी। अपने अंतिम समय तक वह राजनीति में पूरी तरह से सक्रिय रहे। पिछले दो सालों में पूरे हरियाणा के सभी जिलों और हलकों का कई-कई बार दौरा कर चुके थे। चौटाला जहां भी जाते थे वहां कार्यकर्ताओं का उत्साह देखते ही बनता था। 

राज्य के विकास के लिए उठाए कईं कदम

ओम प्रकाश चौटाला ने अपने राजनीतिक करियर में हरियाणा के मुख्यमंत्री के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और राज्य के विकास के लिए कई अहम कदम उठाए। उनकी राजनीति में मजबूत पकड़ और सादगी भरा जीवन उन्हें आम जनता के करीब ले गया। विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं और समाजसेवियों ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है।

राजनीतिक और सामाजिक योगदान

ओमप्रकाश चौटाला ने हरियाणा की राजनीति में अपने दृढ़ और प्रभावशाली नेतृत्व के लिए ख्याति अर्जित की। उनके नेतृत्व में राज्य में कृषि, शिक्षा और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए।

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