Edited By Isha, Updated: 17 Dec, 2024 01:16 PM
हरियाणा के करनाल के रहने वाला एक बुजुर्ग दंपती शादी के 43 साल बाद एक-दूसरे से अलग हो गया। दोनों ने आपसी सहमति से तलाक ले लिया। व्यक्ति की उम्र 69 साल व महिला की उम्र 73 साल है। दोनों ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के मध्यस्थता
करनाल: हरियाणा के करनाल के रहने वाला एक बुजुर्ग दंपती शादी के 43 साल बाद एक-दूसरे से अलग हो गया। दोनों ने आपसी सहमति से तलाक ले लिया। व्यक्ति की उम्र 69 साल व महिला की उम्र 73 साल है। दोनों ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के मध्यस्थता और सुलह केंद्र की मदद ली। पति ने पत्नी को 3.07 करोड़ का स्थायी गुजारा भत्ता देने का समझौता किया।
इसके लिए व्यक्ति ने अपनी जमीन और फसल तक बेच दी। दोनों की शादी 27 अगस्त 1980 को हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार हुई थी। शादी के बाद उन्हें 3 बच्चे हुए। इनमें 2 बेटियां और एक बेटा शामिल है। हालांकि, समय के साथ दोनों के रिश्तों में खटास आ गई। 8 मई 2006 से दोनों अलग रहने लग गए थे।
हाईकोर्ट ने 4 नवंबर 2024 को इस मामले को सुलह और समझौते के लिए मध्यस्थता केंद्र में भेजा। मध्यस्थता के दौरान पति, पत्नी और उनके तीनों बच्चों ने 3.07 करोड़ के भुगतान पर शादी समाप्त करने पर सहमति जताई। पति ने अपनी कृषि योग्य जमीन बेचकर 2.16 करोड़ का डिमांड ड्राफ्ट पत्नी को दे दिया। इसके अलावा गन्ने व अन्य फसलें बेचकर जे-फार्म के तहत 50 लाख रुपए कैश का भुगतान किया।
कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि 3.07 करोड़ की राशि स्थायी गुजारा भत्ता मानी जाएगी। इन पैसों के अलावा पत्नी और बच्चे, पति या उसकी संपत्ति पर कोई अधिकार नहीं जताएंगे। अगर पति की मौत भी हो जाती है तो वह उसकी संपत्ति पर दावा नहीं कर सकते। जस्टिस सुधीर सिंह और जस्टिस जसजीत सिंह बेदी की बैंच ने समझौते को स्वीकार करते हुए शादी खत्म करने का आदेश जारी किया।