Edited By Isha, Updated: 27 Aug, 2025 03:14 PM

हरियाणा के किसानों के लिए इस समय एक बड़ी चिंता का विषय सामने आया है। राज्य में लगभग 40 लाख एकड़ में धान की बुवाई हुई थी। लेकिन इनमें से लगभग 92,000 एकड़ की फसल प्रभावित हो चुकी है।
डेस्क: हरियाणा के किसानों के लिए इस समय एक बड़ी चिंता का विषय सामने आया है। राज्य में लगभग 40 लाख एकड़ में धान की बुवाई हुई थी। लेकिन इनमें से लगभग 92,000 एकड़ की फसल प्रभावित हो चुकी है। यह समस्या एक वायरस की वजह से हुई है।इस वायरस के कारण धान के पौधे कमजोर हो रहे हैं और उनकी बढ़वार रुक गई है। प्रभावित पौधे छोटे यानी ‘बौने’ दिखाई दे रहे हैं और उनका रंग और आकार भी असामान्य हो जाता है. हालांकि, कृषि मंत्रालय ने तुरंत एक्शन लेते हुए डैमेज कंट्रोल कर लिया है।
वायरस का नाम और असर किसानों और विशेषज्ञों के अनुसार, हाल ही में हरियाणा में जो धान की फसल प्रभावित हुई है, उसके पीछे ‘साउदर्न राइस ब्लैक-स्ट्रिक्ड ड्वार्फ वायरस’ (SRBSDV) जिम्मेदार है। यह वायरस धान के पौधों को गंभीर रूप से प्रभावित करता है। सबसे पहले तो यह पौधों को छोटा यानी बौना बना देता है. इसके अलावा, पौधों की तने कमजोर हो जाते हैं, पत्तियां झुर्रियों जैसी दिखती हैं और पौधे ठीक से बढ़ नहीं पाते है. जब पौधे छोटे और कमजोर हो जाते हैं, तो उनका धान देने की क्षमता भी कम हो जाती है।इसका मतलब यह है कि किसानों की फसल का उत्पादन घट सकता है और उन्हें अपेक्षित लाभ नहीं मिलेगा।
किसानों के लिए सुझाव कृषि विशेषज्ञों और हरियाणा कृषि विभाग की सलाह के अनुसार, जिन खेतों में धान की फसल पर वायरस का असर देखा गया है, उन प्रभावित क्षेत्रों में तुरंत और सावधानीपूर्वक कदम उठाना बेहद जरूरी है। सबसे पहले, संक्रमित पौधों की पहचान कर उन्हें तुरंत खेत से उखाड़कर नष्ट करना चाहिए। इससे वायरस के फैलाव की प्रक्रिया को काफी हद तक रोका जा सकता है। साथ ही, कृषि विशेषज्ञ यह भी सुझाव दे रहे हैं कि किसान सुरक्षित बुवाई तकनीक अपनाएं. इसमें रोग-प्रतिरोधी बीजों का उपयोग, उचित दूरी पर रोपाई और मिट्टी की स्थिति के अनुसार सिंचाई जैसी सावधानियों को शामिल किया जाता है।