नायब सैनी और मोहन बड़ौली की जोड़ी ने हरियाणा की राजनीति में बनाए दो रिकॉर्ड

Edited By Isha, Updated: 15 Dec, 2024 04:47 PM

pair of nayab saini and mohan baroli made two records in haryana politics

2014 में देश भर में चली मोदी लहर के सहारे हरियाणा में पहली बार अपने दम पर सत्ता में आई भारतीय जनता पार्टी ने 2024 के चुनाव में प्रदेश में कमाल का रंग दिखाया। भारतीय जनता पार्टी की ओर से पहले से घोषित मुख्यमंत्री के चेहरे के रुप में नायब सिंह सैनी और...

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी) :  2014 में देश भर में चली मोदी लहर के सहारे हरियाणा में पहली बार अपने दम पर सत्ता में आई भारतीय जनता पार्टी ने 2024 के चुनाव में प्रदेश में कमाल का रंग दिखाया। भारतीय जनता पार्टी की ओर से पहले से घोषित मुख्यमंत्री के चेहरे के रुप में नायब सिंह सैनी और लोकसभा चुनाव में हार का मुंह देखने के लिए मोहन लाल बड़ौली को प्रदेश अध्यक्ष जैसा महत्वपूर्ण पद देना हरियाणा में बीजेपी के लिए एक करिश्मा साबित हुआ।

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और प्रदेश अध्यक्ष के रूप में मोहन लाल बड़ौली ने पुरानी फिल्म धर्मवीर के धर्म और वीर की जोड़ी की तरह काम करते हुए भारतीय जनता पाटी को हरियाणा में अब तक की सबसे अधिक सीटें दिलाने का काम किया। 2024 के चुनाव में सभी एग्जिट पोल और आंकलनों के विपरीत भारतीय जनता पार्टी ने 48 सीट जीतकर प्रचंड बहुमत हासिल करते हुए प्रदेश में लगातार तीसरी बार किसी दल की सरकार बनाने का रिकॉर्ड भी अपने नाम किया। 

एक साथ दो रिकॉर्ड बनाए
2014 से पहले भारतीय जनता पार्टी हरियाणा के विधानसभा चुनाव में हमेशा किसी ना किसी क्षेत्रीय दल का सहारा लेती थी। इससे पहले भारतीय जनता पार्टी हरियाणा में चौधरी बंसीलाल की हरियाणा विकास पार्टी और चौधरी ओम प्रकाश चौटाला की इंडियन नेशनल लोकदल के साथ गठबंधन कर सत्ता में रह चुकी है, लेकिन 2014 के चुनाव में मिली पहली बड़ी जीत के बाद बीजेपी ने केंद्र के साथ हरियाणा में भी सत्ता पर अपनी पकड़ ढीली नहीं की। हालांकि चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी ने कईं पहलुओं को ध्यान में रखकर काम किया। इसी के चलते राजनीति के चाणक्य अमित शाह के नेतृत्व में हरियाणा का 2024 का विधानसभा चुनाव लड़ा गया और पार्टी ने एक साथ दो रिकॉर्ड बनाए। प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर मोहनलाल बड़ौली और मुख्यमंत्री चेहरे के रूप में नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में चुनाव लड़ते हुए भारतीय जनता पार्टी ने हरियाणा में अब तक की सबसे अधिक सीटें हासिल करने के साथ ही लगातार तीसरी बार सत्ता बनाने का भी रिकॉर्ड बनाया। 

2014 से 2024 तक के चुनावी परिणाम
हरियाणा में अगर साल 2014 के विधानसभा चुनाव के नतीजों की बात करें तो बीजेपी को 47 सीटें मिली थी और उसका वोट शेयर 33.2 प्रतिशत था। वहीं इनेलो ने 19 सीटें हासिल की थी और उसका वोट शेयर 24.01 प्रतिशत था, जबकि कांग्रेस ने 15 सीटें हासिल की थी और उसका वोट शेयर 20.06 प्रतिशत था, वहीं निर्दलीयों ने 5 सीटें हासिल की थी और उसका वोट शेयर 10.06 प्रतिशत था। इसके अलावा हरियाणा जनहित कांग्रेस यानि हजकां ने भी 2 सीटें हासिल की थी और उसका वोट शेयर 3.6 प्रतिशत था। वहीं बसपा ने 1 सीट हासिल की थी और उसका वोट शेयर 4.4 प्रतिशत था। वहीं शिरोमणि अकाली दल ने 1 सीट हासिल की थी और उसका वोट शेयर 0.6 प्रतिशत था।

2019 विधानसभा चुनाव का रिजल्ट
हरियाणा में अगर साल 2019 के विधानसभा चुनाव के नतीजों की बात करें तो बीजेपी को 40 सीटें मिली थी, उसका वोट शेयर 36.49 प्रतिशत था, जबकि कांग्रेस को 31 सीटें मिली थी और उसका वोट शेयर 28.08 प्रतिशत था। वहीं जजपा को 10 सीटें हासिल हुई थी और उसका वोट शेयर 14.80 प्रतिशत था, जबकि निर्दलीय उम्मीदवारों को 7 सीटें मिली थी, जबकि उनका वोट शेयर 9.17 प्रतिशत था। वहीं इनेलो ने 1 सीट हासिल की थी और उसका वोट शेयर 2.44 प्रतिशत था। वहीं गोपाल कांडा की पार्टी हलोपा ने 1 सीट हासिल की थी और उसका वोट शेयर 0.66 प्रतिशत था।

2024 विधानसभा चुनाव का रिजल्ट
2024 में हरियाणा आए विधानसभा चुनाव के परिणाम ने सबको चौंका दिया। बीजेपी ने सभी अनुमानों के विपरीत ना केवल प्रचंड बहुमत हासिल किया, बल्कि सभी एग्जिट पोलों को भी धराशाई कर दिया। बीजेपी ने 90 में से 48 सीट जीतकर एक इतिहास बनाने के अलावा लगातार तीसरी बार सरकार भी बनाई। 2024 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 37 सीट मिली, जबकि इनेलो को केवल 2 सीट ही मिल पाई। इस चुनाव में आजाद उम्मीदवारों की जीत का आंकड़ा भी केवल 3 पर ही सिमट कर रह गया। 

हिट हुआ भाजपा का जाट वर्सेज गैर-जाट फॉर्मूला
हरियाणा में 36 से ज्यादा बिरादरी हैं। इनमें सबसे ज्यादा बड़ी आबादी जाटों की है। भाजपा ने यहां गैर-जाट की राजनीति करनी शुरू कर की। सवर्णों की पार्टी जाने वाली भाजपा ब्राह्मण, बनिया, पंजाबी और राजपूत वोटों को लेकर आश्वस्त थी। भाजपा ने पिछड़े और दलित वोट बैंक को अपने पक्ष में करने की कोशिश की। यह फॉर्मूला 2014 और 2019 के बाद 2024 में भी कामयाब रहा है। हरियाणा में अनुसूचित जातियों की कुल जनसंख्या करीब 20 प्रतिशत है। एससी समुदाय के लिए कुल 17 सीटें आरक्षित हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 17 में से 4 सीटें जीती थीं, जबकि इस बार भाजपा एससी के लिए आरक्षित सीटों में 7 पर जीत रही है। भाजपा ने हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले 25 सीटों पर चेहरे बदल दिए। इनमें आधे  से अधिक प्रत्याशियों ने जीत हासिल की।
 

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