जिन चंद्र प्रकाश से भव्य हारे,वह चंद्र प्रकाश भजनलाल के पारिवारिक सदस्य भी माने जाते थे

Edited By Isha, Updated: 10 Oct, 2024 07:53 PM

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राजनीति भी क्या खेल खिलाती है,जिन चंद्र प्रकाश से भव्य हारे,वह चंद्र प्रकाश भजनलाल के पारिवारिक सदस्य भी माने जाते थे। भजनलाल के जमाने में उनके धर्म भाई राम जी लाल व धर्म पाल मालिक रहे है। चंद्र प्रकाश

चंडीगढ़(चंद्र शेखर धरणी ): राजनीति भी क्या खेल खिलाती है,जिन चंद्र प्रकाश से भव्य हारे,वह चंद्र प्रकाश भजनलाल के पारिवारिक सदस्य भी माने जाते थे। भजनलाल के जमाने में उनके धर्म भाई राम जी लाल व धर्म पाल मालिक रहे है। चंद्र प्रकाश रामजीलाल के भतीजे हैं।भजनलाल के शासन में चंद्र प्रकाश को सदैव बढ़िया पोस्टिंग एच सी एस रहते मिली।सेवानिवृत ब्यूरोक्रेट्स से भजनलाल के बाद उनके पोते भी हारे।

हरियाणा में राजनीति के पीएचडी कहलाए जाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी भजनलाल और उनके परिवार को हमेशा ही ब्यूरोक्रेट के हाथों चुनावी दंल में पटखनी मिली है। आदमपुर से विधानसभा चुनाव में भव्य बिश्नोई के हार का सामना करने के बाद इस बात की जांच की गई तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। चौ़. भजनलाल और उनके पोते भव्य बिश्नोई सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारियों के सामने ही चुनाव हारे हैं। हालांकि उनके बेटे कुलदीप बिश्नोई का कभी सीधे तौर पर किसी अधिकारी के साथ सामना नहीं हुआ है, लेकिन कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई दो बार आईएएस अधिकारियों के सामने चित हुए हो चुके हैं। 

1998 में करनाल से कांग्रेस की टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़कर चौधरी भजनलाल ने जीत हासिल की। उस समय केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में बनी सरकार ज्यादा दिन तक नहीं चल पाई। ऐसे में 1999 में फिर से लोकसभा के चुनाव हुए। भजनलाल ने इस बार भी करनाल से ही किस्मत आजमाई। इस पर करनाल से भाजपा टिकट पर सेवानिवृत्त आईएएस आईडी स्वामी ने चुनाव लड़ा और भजनलाल को पटखनी दी। इसके बाद आईडी स्वामी केंद्र सरकार में गृह राज्य मंत्री भी रहे। इसके बाद भजनलाल ने कभी भी करनाल से लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा।

इसी तरह 2019 के लोकसभा चुनावों में भजनलाल के पोते व पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई ने हिसार लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़ा। उनके मुकाबले में भारतीय जनता पार्टी की ओर से पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह के बेटे और आईएएस की नौकरी से वीआरएस लेकर राजनीति में आए बृजेंद्र सिंह को चुनावी मैदान में उतारा। 2019 में बृजेंद्र सिंह ने 6 लाख 3 हजार 289 वोट लेकर जीत हासिल की थी। दूसरे स्थान पर जजपा के दुष्यंत चौटाला रहे थे, जबकि भव्य बिश्नोई को महज 1 लाख 84 हजार 369 वोट हासिल हुए थे। इस चुनाव में कांग्रेस अपनी जमानत भी नहीं बचा पाई। यानी आईएएस अधिकारी के सामने भव्य बिश्नोई बुरी तरह से चुनाव हारे।

अब तीसरी बार भी भजनलाल परिवार एक आईएएस अधिकारी के हाथों ही हारा है। यह हार इसलिए बड़ी हो गई है, क्योंकि 56 वर्षों से आदमपुर हलके से भजनलाल परिवार कभी चुनाव नहीं हारा। इस अवधि में हुए सभी आमचुनाव और उपचुनाव भजन परिवार के सदस्यों ने ही जीते हैं। सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी चंद्र प्रकाश ने कांग्रेस टिकट पर आदमपुर सीट से भजनलाल के पोते भव्य बिश्नोई को पटखनी दी।

हार के बाद भावुक हो गए थे कुलदीप

चुनावी हार के बाद बुधवार को आदमपुर हलके में बिश्नोई समर्थकों की बैठक हुई। इस बैठक में कुलदीप बिश्नोई व भव्य बिश्नोई के अलावा परिवार के अन्य सदस्य मौजूद रहे। लोगों से संवाद के दौरान पहले भव्य बिश्नोई भावुक हो गए। इसके बाद जब कुलदीप बिश्नोई ने अपने हाथों में माइक संभाला तो उनकी भी आंखें भर आईं। वे कुछ नहीं बोल सके और माइक छोड़कर कुर्सी पर बैठ गए। हाथों से आंखों को पोंछने की कोशिश की लेकिन बेटे की हार से वे टूटे हुए नज़र आए।

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