Edited By Manisha rana, Updated: 21 Jul, 2024 11:33 AM
पलवल में एक बार फिर भाजपा को झटका लगा है। भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य सीमा राजपाल, समाजसेविका अनीता वशिष्ठ व मंजू छाबड़ा ने अपने समर्थकों सहित कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री करन दलाल के नेतृत्व में कांग्रेस का दामन थाम लिया।
पलवल (दिनेश कुमार) : पलवल में एक बार फिर भाजपा को झटका लगा है। भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य सीमा राजपाल, समाजसेविका अनीता वशिष्ठ व मंजू छाबड़ा ने अपने समर्थकों सहित कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री करन दलाल के नेतृत्व में कांग्रेस का दामन थाम लिया। इस दौरान पूर्व मंत्री करन दलाल ने पटका पहनाकर उनका पार्टी में स्वागत किया। इस दौरान दलाल ने कहा कि भाजपा के राज में अपराध और बेरोजगारी चरम पर है। आने वाले चुनावों में जनता वोट की चोट से भाजपा को सत्ता से बाहर करने का काम करेंगे। साथ भी इस दौरान दलाल ने कांग्रेस विधायक सुरेंद्र पवार की ईडी द्वारा की गई गिरफ्तारी पर कहा कि द्वेषपूर्ण कार्यवाही करना उचित नहीं है और चुनावों में सुरेंद्र पवार की गिरफ्तारी से कांग्रेस को फायदा होगा।
इस दौरान पूर्व मंत्री करन दलाल ने कांग्रेस ज्वाइन करने वाले सभी का स्वागत करते हुए कहा कि भाजपा की कथनी और करनी में बहुत अंतर है। यही वजह है कि लंबे समय से भाजपा को समर्थन देते आ रहे लोग आए दिन कांग्रेस ज्वॉइन कर रहे है, जिससे कांग्रेस को मजबूती मिल रही है। आने वाले समय में बहुमत से प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनेगी। दलाल ने कहा कि हमने अपने राज में पलवल की एक पहचान बनाई थी, लेकिन अब भाजपा ने उस पहचान को खत्म करने का काम किया है। आने वाले समय में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने पर गुरुग्राम और नॉएडा की तर्ज पर पलवल का विकास कर हरियाणा में नंबर एक जिला बनाना उनका पहला लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि यहां शिक्षा स्वास्थ्य जैसी मुलभूत जरूरतों का आभाव है, जिन्हें सरकार बनने पर प्राथमिकता से पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नारी उत्थान के भाजपा के दावे केवल नारों तक ही सीमित रहे धरातल पर उनका कोई क्रियान्वन नहीं हुआ।
वहीं भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुई भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य सीमा राजपाल ने कहा कि उनका मुख्य उद्देश्य महिलाओं के लिए काम करना है। मैंने भाजपा में रहकर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर काम किया, लेकिन मुझे वहां निराशा मिली। क्योंकि वहां काम नहीं होते थे, केवल दिलाशा दिया जाता था। इसलिए मैंने भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने का फैसला लिया है। वहीं सोशल वर्कर और शिक्षाविद अनीता वशिष्ठ ने कहा कि उनका लम्बे समय से मन था कि वह कांग्रेस ज्वाइन करके महिला उत्थान की हिस्सेदार बनना चाहती हैं और मुझे सभी जगह से प्रेरणा मिली कि यह सब करण सिंह दलाल के नेतृत्व से ही संभव हो सकता है।
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