Edited By Deepak Kumar, Updated: 03 Aug, 2025 05:27 PM

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि 700 करोड़ रुपए की लागत से शुरू की गई इस योजना का सरकार ने खुद ही बेड़ा गर्क कर डाला। विद्यार्थियों को दिए गए टैब खिलौना बनकर रह गए हैं।
चंडीगढ़: बीजेपी सरकार सिर्फ कल्याणकारी योजनाओं और सरकारी स्कूलों को बंद कर सकती है, ना कि कोई नया स्कूल या नई योजना शुरू कर सकती है। अगर गलती से इस सरकार ने कोई योजना शुरू भी कर दी, तो खुद ही उसका बंटाधार कर डाला। यह कहना है पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का। हुड्डा इस सरकार की स्कूलों में टैब बांटने वाली योजना पर टिप्पणी कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि 700 करोड रुपए की लागत से शुरू की गई इस योजना का सरकार ने खुद ही बेड़ा गर्क कर डाला। विद्यार्थियों को दिए गए टैब खिलौना बनकर रह गए हैं। क्योंकि बिना सिम और बिना इंटरनेट के अप्रैल महीने से ये पूरी तरह बंद पड़े हुए हैं। खबरें यहां तक सामने आ रही हैं कि यह सरकार अपनी ही योजना को बंद करने जा रही है। अगर ऐसा हुआ तो इसमें कोई हैरानी नहीं होगी। क्योंकि बीजेपी पहले ही कांग्रेस सरकार द्वारा गरीब, एससी व ओबीसी बच्चों को दी जानी वाली वजीफा योजना को लगभग समाप्त कर चुकी है। कांग्रेस की ही स्पैट व गरीब स्कूली खिलाड़ियों को आर्थिक मदद की योजना को भी बंद किया जा चुका है।
हुड्डा ने कहा कि टैब योजना की तरह इस सरकार ने खुद की चलाई आयुष्मान योजना को भी खेल बनाकर रख दिया है। यही सलूक फसल बीमा योजना और कौशल रोजगार निगम के साथ हुआ है। क्योंकि विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने जमकर झूठ फैलाया कि उनकी सरकार ने कौशल निगम के तहत आने वाले सभी सवा लाख कर्मचारियों को पक्का कर दिया है। अब उन्हें रिटायरमेंट तक कोई नौकरी से नहीं निकल पाएगा।
लेकिन जब से तीसरी बार भाजपा सत्ता में आई है, लगातार कौशल कर्मियों को नौकरी से निकाला जा रहा है। अब इसको लेकर एक और नोटिस जारी कर दिया गया है कि जो लोग कौशल निगम में 5 साल से कम समय से कार्य कर रहे हैं, उनका नौकरी से निकलना तय है। इसीलिए माम कौशलकर्मी आज बीजेपी के वादों पर भरोसा करके और उन झूठे वादों के बहकावे में जाकर बीजेपी को वोट करके पछता रहे हैं।
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