Edited By kamal, Updated: 06 Apr, 2019 10:56 AM
![beginning of shitala mata mela in gurugram crowds of devotees](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2019_4image_10_53_474480150khgfhjk-ll.jpg)
गुरुग्राम के प्रसिद्ध शीतला माता मंदिर में हर साल की तरह पवित्र और प्राचीन चैत्र मेले की शुरुआत...
गुरुग्राम(मोहित कुमार): गुरुग्राम के प्रसिद्ध शीतला माता मंदिर में हर साल की तरह पवित्र और प्राचीन चैत्र मेले की शुरुआत हुई। इसकी शुरुआत के साथ ही देश के कोने-कोने से माता शीतला के भक्तों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया है, लगभग तीन महीने तक चलने वाले इस वाले मेले में दूर-दराज से लाखों कि संख्या में श्रद्धालुओं आ रहे हैं।
![PunjabKesari, Shitala Mata Mela, crowd, temple](https://static.punjabkesari.in/multimedia/10_54_510960150gjhfjgh-ll.jpg)
मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की मान्यता है की जो भी मंदिर में सच्ची श्रद्धा से आता है, माता शीतला उन्हें कभी निराश नहीं करती और उनकी मानी हुई हर मन्नत पूरी होती है। मंदिर प्रशासन की माने तो लगभग सवा लाख श्रद्धालु यहाँ रोजाना माँ के दर्शनों के लिए आते हैं। नवरात्रों के नौ दिन तक शीतला माता के दरबार में लोगो की भारी भीड़ देखने को मिल रही है।
![PunjabKesari, Shitala Mata Mela, crowd, temple](https://static.punjabkesari.in/multimedia/10_55_119688150jkghk-ll.jpg)
शीतला माता को नौ दुर्गों में सप्तकाल रात्रि माता के रूप में माना गया है। बताया जाता है कि शीतला माता गुरुद्रोण की पत्नी और पांडव काल के कृपाचार्य की बहन कृपी है। माता कृपी ने पांडव काल में इसी स्थान पर भगवान शंकर की तपस्या की थी जिस फल स्वरूप भगवान् शंकर ने वरदान दिया था की हर युग में माँ आरोग्य व शीतला माता के रूप में पूजी जाएंगी। सैकड़ों साल पहले गुरुग्राम में गुडगाँव गाँव के दादा सिंघा को सपने में माँ ने दर्शन दिए और तालाब में अपनी मूर्ति के होने का सकेत दिया था, जिसके बाद तालाब में खुदाई के दौरान माता शीतला की मूर्ति प्रकट हुई।