Edited By Yakeen Kumar, Updated: 07 Feb, 2025 09:09 PM
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23 जनवरी को दिल्ली से प्रारंभ हुई महासंगम यात्रा भारत के प्रमुख तीर्थ स्थलों का भ्रमण करते हुए लाखों श्रद्धालुओं को सनातन संस्कृति से जोड़ने का कार्य कर रही है। इस यात्रा का आयोजन इंटरनेशनल मंदिर प्रबंधक परिषद (आईएमपीसी) और भगवा ऐप द्वारा किया गया है
नई दिल्ली : 23 जनवरी को दिल्ली से प्रारंभ हुई महासंगम यात्रा भारत के प्रमुख तीर्थ स्थलों का भ्रमण करते हुए लाखों श्रद्धालुओं को सनातन संस्कृति से जोड़ने का कार्य कर रही है। इस यात्रा का आयोजन इंटरनेशनल मंदिर प्रबंधक परिषद (आईएमपीसी) और भगवा ऐप द्वारा किया गया है, जिसका उद्देश्य भारत के प्रमुख धार्मिक स्थलों को एक सूत्र में पिरोना, मंदिरों के आधुनिकीकरण को बढ़ावा देना और युवाओं को सनातन संस्कृति से जोड़ना है,यात्रा के दौरान विभिन्न राज्यों में मंदिरों के प्रबंधन, धार्मिक जागरूकता और आधुनिक तकनीक को सनातन परंपराओं से जोड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं।
इस दौरान अंतरराष्ट्रीय मंदिर प्रबंधक परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री व यात्रा के संयोजक दीप सिहाग सिसाय ने बताया कि महासंगम यात्रा की शुरुआत प्रयागराज महाकुंभ में पवित्र स्नान से हुई, जहां लाखों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाकर इस ऐतिहासिक यात्रा को शुभारंभ दिया। इसके पश्चात यात्रा काशी विश्वनाथ मंदिर बनारस, झारखंड स्थित बाबा बैद्यनाथ धाम, ओडिशा के लिंगराज मंदिर, आंध्र प्रदेश के द्राक्षरमाम एवं अमर लिंगेश्वर स्वामी मंदिर, दक्षिण काशी श्रीशैलम मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग, तमिलनाडु के वेल्लोर स्थित जलाकंडेश्वर मंदिर तथा रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग पहुँची। इन सभी स्थानों पर यात्रा का भव्य स्वागत हुआ और स्थानीय श्रद्धालुओं ने बड़े उत्साह के साथ इसमें भाग लिया।
इस दौरान अंतरराष्ट्रीय मंदिर प्रबंधक परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन डॉ नवीन नैन भालसी ने बताया कि आगे यह यात्रा चित्र दुर्गा से महाराष्ट्र के कोल्हापुर और भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग दर्शन के लिए की ओर बढ़ रही है और इसके बाद यह सोलापुर, पंढरपुर, भीमाशंकर, नासिक, घृष्णेश्वर, छत्रपति संभाजी नगर, सूरत, सोमनाथ, द्वारका, अहमदाबाद, उज्जैन, ओंकारेश्वर, मथुरा, वृंदावन, हरिद्वार, ऋषिकेश और उखीमठ होते हुए 24 फरवरी, 2025 को दिल्ली में संपन्न होगी।इस यात्रा का उद्देश्य केवल धार्मिक स्थलों का भ्रमण करना नहीं है, बल्कि युवाओं को भारतीय संस्कृति से जोड़कर उन्हें अपनी परंपराओं के प्रति जागरूक बनाना है।
अंतरराष्ट्रीय मंदिर प्रबंधक परिषद और भगवा ऐप के सहयोग से मंदिरों में डिजिटल बुकिंग, श्रद्धालुओं के लिए ऑनलाइन सेवाएँ और अन्य तकनीकी सुविधाओं को लागू करने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं, जिससे सनातन परंपराओं को भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप बनाया जा सके।भगवा ऐप द्वारा समर्थित इस महासंगम यात्रा का उद्देश्य भारत की संस्कृति और सभ्यता से युवाओं को जोड़ना है। आईएमपीसी का लक्ष्य 1 लाख वालंटियर जोड़कर देशभर के धार्मिक स्थलों को पुनर्जीवित करना है।