Burning of Crop Residue: फसल अवशेष जलाने वालों के लिए बुरी खबर, पढ़ें पूरी जानकारी

Edited By Manisha rana, Updated: 10 Oct, 2024 08:06 AM

bad news for those who burn crop residue

धान की कटाई के बाद अवशेष जलाने वाले किसानों के लिए बुरी खबर यह है कि अवशेष जलाने पर उनको जुर्माना देना होगा।

जींद : धान की कटाई के बाद अवशेष जलाने वाले किसानों के लिए बुरी खबर यह है कि अवशेष जलाने पर उनको जुर्माना देना होगा। डी.सी. ने किसानों का आह्वान किया कि फसल अवशेष जलाने से भूमि की उपजाऊ शक्ति के साथ-साथ भूमि की ऊपरी सतह पर उपस्थित लाभदायक जीवाणु नष्ट हो जाते हैं व हानिकारक गैसों का उत्सर्जन होता है। 

पराली जलाने से भूमि के पोषक तत्वों में नाइट्रोजन, सल्फर, पोटाश व ऑर्गेनिक कार्बन की भी हानि होती है, जिससे पर्यावरण दूषित होता है तथा मानव जीवन विशेषकर बच्चों व बुजुर्गों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इन सभी घटनाओं से जिले का क्षेत्र ही नहीं अपितु आस-पास 200-250 किलोमीटर का पर्यावरण भी श्वास लेने योग्य नहीं रहता तथा आस-पास की हवा की गुणवत्ता भी प्रभावित होती है जोकि हानिकारक है। उन्होंने कहा कि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा फसल अवशेष न जलाने के लिए प्रोत्साहन राशि देने की भी घोषणा की है, जिसमें जिले के 13 रैड जोन वाले गांवों में फसल अवशेष को जलाने की घटनाओं को शून्य करने पर संबंधित ग्राम पंचायत को 1 लाख रुपए तथा यैलो जोन वाले 58 गांवों में ग्राम पंचायत को 50 हजार रुपए प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। हम सभी को इस दिशा में सकारात्मक कदम उठाने चाहिएं।

डी.सी. मोहम्मद इमरान रजा ने जिले के सभी पंच, सरपंच, नम्बरदार, जिला परिषद सदस्य, पंचायत समिति सदस्य तथा प्रत्येक सकारात्मक सोच वाले व्यक्तियों से अनुरोध किया कि सभी जनप्रतिनिधि अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन कर स्वयं और आस-पास के किसानों को फसल अवशेष जलाने पर रोक लगाएं, ताकि पर्यावरण व मानव जीवन को फसल अवशेषों को जलने से होने वाले प्रदूषण के दुष्प्रभाव से बचाया जा सके और भूमि की उपजाऊ शक्ति को नष्ट होने से भी रोका जा सके। इस जिम्मेदारी का निर्वहन कर हम सभी को अपनी फसल-अपनी नस्ल को बचाने में अग्रिम पंक्ति में खड़े होकर योगदान करना चाहिए। 

डी.सी. ने बताया कि गांव व खंड स्तर पर कृषि विभाग के कर्मचारी भी आपकी मदद एवं सहयोग के लिए उपलब्ध होंगे। प्रत्येक गांव में विभाग द्वारा ग्राम स्तरीय कैम्पों का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें अधिक से अधिक किसानों की भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है। उन्होंने बताया कि किसान जागरूकता शिविरों में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अधिकारियों द्वारा किसानों को पराली न जलाकर आधुनिक कृषि यंत्र जैसे एस.एम.एस., सुपर सीडर, स्ट्रा बेलर, एम.बी. प्लाऊ व अन्य यंत्रों को प्रयोग करके पराली को मिट्टी में मिलाने बारे प्रेरित किया जा रहा है। उपायुक्त ने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि फसल अवशेष न जलाने के मामले में सभी जनप्रतिनिधि अपना व्यक्तिगत रूप से सहयोग देकर वांछित कार्रवाई करते हुए जिले  को इस वर्ष शून्य अवशेष जलाने की घटनाओं का परिणाम प्राप्त करने में जिला प्रशासन का पूर्णतया सहयोग करेंगे तथा प्रति दिन की रिपोर्ट कमेटी को भिजवाने में अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करेंगे।

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