चरम सीमा पर आतंकवाद के वक्त मोदी के मार्गदर्शन में अनिल विज ने किया था संघर्ष

Edited By Ajay Kumar Sharma, Updated: 26 Nov, 2022 11:15 PM

anil vij had fought under the guidance of modi

''भारत की तकदीर ना देंगे, हम कुछ भी हो कश्मीर ना देंगे हम" यह स्लोगन अपने आप में बयां कर रहा है कि आरएसएस के अथक प्रयासों के कारण आज कश्मीर हमारा है।

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी):''भारत की तकदीर ना देंगे, हम कुछ भी हो कश्मीर ना देंगे हम" यह स्लोगन अपने आप में बयां कर रहा है कि आरएसएस के अथक प्रयासों के कारण आज कश्मीर हमारा है। बेशक भारत के नक्शे में कश्मीर भारत का दिखाया जाता रहा है, लेकिन वास्तव में वहां अंदर की तस्वीर कुछ और ही थी। यह दुर्लभ तस्वीर उस संघर्ष को खुद बयां कर रही है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आर एस एस) के एक पूर्ण रूप से समर्पित अनिल विज की यह दुर्लभ तस्वीर देश के मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उस समय की यादें ताजा कर रही है जब कश्मीर में आतंकवाद चरम सीमा पर था। उस दौरान हालात बेहद गंभीर थे और रोजाना हिंदू नेताओं की हत्याओं और हिंदू महिलाओं के साथ बलात्कार की घटनाएं देशभक्तों के खून में उबाल ला रही थी। कश्मीर के लाल चौक पर तिरंगा लहराने की अनुमति इसलिए नहीं थी, क्योंकि वहां देश की कानून व्यवस्था का कोई प्रभाव नहीं था, लेकिन उस दौरान कश्मीर के मुद्दे पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ लगातार संघर्ष कर रही थी।

 

फोटो उस दौरान की है जब प्रदेश के गृहमंत्री संघ के एक अधिकारी द्वारा कहने पर अपनी बैंक की नौकरी को छोड़ राजनीति में कदम रख चुके थे और आरएसएस की विचारधारा से पूरी तरह से जुड़े हुए थे। कश्मीर हमारा है, के नारे आर एस एस की पहचान थे। आतंकवाद से सीधा लोहा लेते हुए भारतीय जनता पार्टी उस दौरान लगातार कश्मीर यात्राएं कर रही थी। लाल चौक पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ हुंकार भरते हुए वहां तिरंगा भी लहराया था। वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत हिंदू नेताओं के कश्मीर के लिए संघर्ष में प्रदेश के मौजूदा गृह मंत्री अनिल विज की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। विज की यह दुर्लभ तस्वीर देश के प्रति उनके भावना को प्रदर्शित करने के लिए काफी है। 1991 में भाजपा की एकता यात्रा के दौरान  की तस्वीर में नरेंद्र मोदी (मौजूदा प्रधानमंत्री) , तत्कालीन केसरी वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष माननीय अनिल विज (मौजूदा गृह मंत्री हरियाणा ) और पूर्व विदेश मंत्री स्वर्गीय सुषमा स्वराज नजर आ रहे हैं। प्रदेश के मौजूदा गृह मंत्री अनिल विज  हमेशा आरएसएस के सच्चे भगत रहे हैं और उसे एक राष्ट्रवादी संगठन बताते रहे हैं। विज का मानना है कि व्यक्ति के चरित्र निर्माण में आर एस एस बेहद मददगार है इसलिए देश के हर व्यक्ति का आरएसएस में जाना अनिवार्य कर देना चाहिए।

 

बता दें कि प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज पहले बैंक में एक कर्मचारी थे, लेकिन आरएसएस के लिए वह लगातार काम करते रहे। अंबाला छावनी की तत्कालीन विधायक स्वर्गीय सुषमा स्वराज को केंद्र द्वारा राज्यसभा में भेजने के फैसले के बाद खाली हुई सीट पर केंद्रीय नेतृत्व ने अनिल विज को चुनाव लड़ाने की इच्छा जताई। लेकिन अनिल विज ने इसके लिए बिल्कुल इंकार कर दिया था। अनिल विज बैंक की नौकरी नहीं छोड़ना चाहते थे। कई वरिष्ठ नेताओं के कहने के बावजूद अनिल विज इस पर राजी नहीं हुए थे। लेकिन एक आरएसएस के अधिकारी द्वारा एक बार कहने मात्र से ही अनिल विज ने नौकरी से त्यागपत्र दे दिया था। उसके बाद वह चुनाव लड़े और जनता ने उन्हें भारी मतों से चुनाव जिताया था। उनके इस त्याग से अनुमान लगाया जा सकता है कि वह आरएसएस के प्रति कितने निष्ठावान कार्यकर्ता रहे हैं। 

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