Edited By vinod kumar, Updated: 05 Feb, 2020 06:45 PM
लेकर कहां कुछ वापिस जाना है, यह शरीर भी अब दान है, यह शरीर भी अब दान है...। इन पंक्तियों को वास्तविक अर्थों में चरितार्थ कर दिखाया है पानीपत के ब्लॉक नागलखेडी की नलवा कॉलोनी से सतबीर इंसा के पिता 85 वर्षीय मोतीलाल राम इंसा ने। मोतीराम इंसा के...
पानीपत(सचिन शर्मा): लेकर कहां कुछ वापिस जाना है, यह शरीर भी अब दान है, यह शरीर भी अब दान है...। इन पंक्तियों को वास्तविक अर्थों में चरितार्थ कर दिखाया है पानीपत के ब्लॉक नागलखेडी की नलवा कॉलोनी से सतबीर इंसा के पिता 85 वर्षीय मोतीलाल राम इंसा ने। मोतीराम इंसा के मरणोपरांत उनके परिजनों ने उनकी पार्थिव देह को मेडिकल रिसर्च हेतु शोभित यूनिवर्सिटी, मेरठ यूपी मेडिकल कॉलेज को दान कर दिया।
जहां अब मेडिकल कॉलेज के विद्यार्थी उनकी मृतक देह पर विभिन्न बीमारियों पर शोध करेंगे। इस दौरान क्षेत्र की साध-संगत के अलावा क्षेत्र के जन सेवा दल के सदस्यों ने सचखंडवासी को श्रद्धासुमन अर्पित किए। प्रेमी मोतीराम इंसा 85 अपनी सांसारिक यात्रा पूरी करके कुल मालिक के चरणों में सचखंड जा विराजे। उन्होंने जीते-जी मरणोपरांत शरीरदान करने का लिखित में संकल्प लिया हुआ था।
डेरा सिरसा के अनुयायी सचखंड वासी मोतीराम के मरणोपरांत उनकी बेटियों कुसुम लता इंसा, रेखा इंसा ने अपने पिता की अर्थी को कंधा देकर बेटा बेटी एक समान मुहिम को सार्थक किया। अंतिम विदाई के अवसर पर सचखंडवासी के निवास स्थान से उनकी डेरा सच्चा सौदा की मुहिम बेटा-बेटी एक सम्मान का अनुसरण करते हुए मोतीराम इंसा की अर्थी को कंधा देते हुए उनकी पार्थिव देह को फूलों से सजी एंबुलेंस तक पहुंचाया। ओर गांव में अमर रहे...के नारे लगाते हुए शवयात्रा निकाली।
जन सेवा दल के सदस्य चिमन गुलाटी ने कहा कि डेरा सच्चा सौदा के मार्गदर्शन में देशभर में चलाई जा रही देहदान और नेत्रदान संकल्प की मुहिम अब जोर पकड़ गई है। जागरुकता का ही प्रभाव है कि अब लोग समाज में फैली रूढि़वादी विचार धाराओं से ऊपर उठकर शरीर दान के लिए आगे आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि हर रोज हरियाणा, पंजाब, राजस्थान में ही दर्जनों लोगों के देहदान करने के समाचार सामने आ रहे हैं।