Edited By Shivam, Updated: 18 Jan, 2020 08:06 PM
चर्चा है कि हरियाणा सरकार आने वाले समय में डॉक्टर्स की भर्ती सीधे आवेदन व इन्टरव्यू के माध्यम से न करके एचपीएससी के माध्यम से करने की तैयारी में है। हरियाणा स्वास्थ्य विभाग में होने वाली डॉक्टरों की 457 पोस्टों का मामला पूर्णतया खटाई में चला गया है।...
चंडीगढ़ (धरणी): चर्चा है कि हरियाणा सरकार आने वाले समय में डॉक्टर्स की भर्ती सीधे आवेदन व इन्टरव्यू के माध्यम से न करके एचपीएससी के माध्यम से करने की तैयारी में है। हरियाणा स्वास्थ्य विभाग में होने वाली डॉक्टरों की 457 पोस्टों का मामला पूर्णतया खटाई में चला गया है। हरियाणा में इस वक्त डॉक्टर्स के 1262 पद रिक्त हैं व 3410 डॉक्टरों की सेंक्शन्ड पोस्ट हैं, जिनमें से 2048 भरी हुई हैं।
हरियाणा स्वास्थ्य विभाग द्वारा वित्त विभाग व मुख्यमंत्री की एप्रूवल के बाद 457 पोस्टों को भरने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। हरियाणा में इस वक्त सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर्स की भारी कमी को देखते हुए मनोहर पार्ट 2 सरकार में स्वास्थ्य मंत्री बनते ही अनिल विज ने यह प्रक्रिया पूरी करवाने के लिए फाईल चलवाई थी। सूत्रों के अनुसार हरियाणा में अब सी आई डी को लेकर गृह, स्वास्थ्य व निकाय मंत्री अनिल विज व मुख्यमंत्री कार्यालय में चल रही खींचतान के मध्य मुख्यमंत्री कार्यालय ने पहले से एप्रूवड फाइल को कैंसिल करने की नोटिंग दे दी है।
हरियाणा में अनिल विज द्वारा स्वास्थ्य मंत्री बनने के बाद जून 2015 में 561 पोस्टों को विज्ञापित किया गया। जिनमें से 389 डॉक्टर्स के नियुक्ति पत्र जारी हुए। इसमें 247 एमबीबीएस व 61 स्पेशलिस्ट थे। अगस्त 2017 में 662 पद विज्ञप्ति किए गए। इनमें 554 डॉक्टर्स ने जॉइन किया। जिनमें से 374 एमबीबीएस व 166 स्पेश्लिस्ट थे।
स्वास्थ्य मंत्रालय संभालने के बाद अनिल विज ने हरियाणा में डॉक्टर्स की कमी दूर करने को एक चुनौती के रूप में लिया था। हरियाणा स्वास्थ्य विभाग द्वारा वित्त विभाग व मुख्यमंत्री की एप्रूवल के बाद 457 पोस्टों के मामले में एकाएक आया यह यू टर्न हरियाणा में सीआईडी के मामले की छाया से प्रभावित के रूप में देखा जा रहा है।