तीर्थराज कपाल मोचन में 8 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने लगाई प्रकाशपर्व पर डुबकी

Edited By Saurabh Pal, Updated: 27 Nov, 2023 03:03 PM

a large number of devotees took bath in tirthraat kapal

तीर्थराज कपाल मोचन का नज़ारा देखते ही बन रहा था। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है, जिसे देश के विभिन्न राज्यों से आने वाले लाखों श्रद्धालु पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ हर साल कार्तिक पूर्णिमा की रात 12 बजते ही इसी तरह निभाते चले आ रहें है...

यमुनानगर (सुरेंद्र मेहता): तीर्थराज कपाल मोचन का नज़ारा देखते ही बन रहा था। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है, जिसे देश के विभिन्न राज्यों से आने वाले लाखों श्रद्धालु पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ हर साल कार्तिक पूर्णिमा की रात 12 बजते ही इसी तरह निभाते चले आ रहें है।  इस अवसर पर लोगों की आस्था को ध्यान में रखते हुए स्थानीय प्रशासन द्वारा भी विशेष इंतजाम किए गए थे। कपाल मोचन स्थित प्रमुख गुरूद्वारा साहिब एवं गाय बच्छा घाट मंदिर किसी दुल्हन की तरह सजाया गया है।  गए थे और लोगों की आस्था देखते ही बन रही थी।

PunjabKesari

विशेष बात यह भी है कि इस तीर्थ में हिंदू, सिख और मुस्लिम तीनों धर्म मज़हब के लोगों की आस्था है। श्रद्धालु कपाल मोचन स्थित एतिहासिक एवं पवित्र सरोवर, ब्रह्मसरोवर, ऋण मोचन एवं सूर्यकुण्ड में आस्था की डुबकी लगाते हैं और सदियों से चले आ रहे पारंपरिक तौर-तरीकों से दीप दान भी करते है। कपाल मोचन तीर्थ स्वयं में प्राचीन इतिहास समेटे हुए है। पुराणों के अनुसार कपाल मोचन तीर्थ तीनों लोकों के पाप से मुक्ति दिलाने वाला स्थल है। इसके पवित्र सरोवरों में स्नान करने से ब्रहम हत्या जैसे महापाप का निवारण होता है। 

आदि काल में कार्तिक पूर्णिमा की अर्धरात्रि के समय ही भगवान शिव की ब्रह्म कपाली इसी कपाल मोचन सरोवर में स्नान करने से दूर हुई थी। दसवीं पातशाही श्री गुरु गोबिंद सिंह जी भी इस स्थान पर आकर चंडीयज्ञ कर चुकें हैं और यहां के मुख्य पुजारी को खुद अपने हाथों से लिखकर एक ताम्रपत्र भी देकर गए हैं, जो आज भी यहां मौजूद है। मुगलकाल के दौरान अकबर साम्राज्य के परगना सढौरा के काजी फिमूदीन भी यहां आए और उन्हें संतान सुख की प्राप्ती हुई। उन्हीं के वंशज के रूप मे सढौरा में आज भी काजी महौल्ला आबाद है। इसी कारण हिन्दू व सिखों के अलावा मुस्लमान भी कपाल मोचन तीर्थ एवं मेला के प्रति गहरी श्रद्धा रखते हैं। 

 मेला प्रशासक एवं एसडीम बिलासपुर जसपाल सिंह गिल ने बताया कि इस बार 10 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने स्नान किया। मेले में यात्रियों की सुविधाओं के लिए सभी तरह के प्रबंध किए गए थे। इस अवसर पर संत समाज द्वारा मेला प्रशासक जसपाल सिंह गिल एवं अन्य अधिकारियों को सम्मानित भी किया गया। 

विभिन्न सामाजिक एवं धार्मिक संस्थाओं द्वारा मेला क्षेत्र में लंगर लगाए गए थे। प्रदर्शनियां लगाई गई थी। मनोरंजन के लिए झूले एवं संस्कृति कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए। जिसका यहां आने वाले श्रद्धालुओं ने खूब आनंद लिया। कार्तिक पूर्णिमा एवं गुरु नानक जयंती पर आयोजित इस मेले में 10 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई।

(हरियाणा की खबरें अब व्हाट्सऐप पर भी, बस यहां क्लिक करें और Punjab Kesari Haryana का ग्रुप ज्वाइन करें।) 
(हरियाणा की खबरें टेलीग्राम पर भी, बस यहां क्लिक करें या फिर टेलीग्राम पर Punjab Kesari Haryana सर्च करें।)

 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!