Edited By Nitish Jamwal, Updated: 20 Apr, 2024 08:07 PM
कलायत से पूर्व मंत्री तेजी मान के बेटे बोनी मान ने इनेलो की जनसभा में बोले गए कुछ अपशब्दों पर आपत्ती आने के बाद हल्का के लोगों से माफी मांगी है। शनिवार को जिमखाना कल्ब में आयोजित पत्रकार वार्ता में बोनी मान ने खड़े होकर दोनों हाथ जोड़ सर झुकाकर कलायत...
कैथल (जयपाल रसूलपुर): कलायत से पूर्व मंत्री तेजी मान के बेटे बोनी मान ने इनेलो की जनसभा में बोले गए कुछ अपशब्दों पर आपत्ती आने के बाद हल्का के लोगों से माफी मांगी है। शनिवार को जिमखाना कल्ब में आयोजित पत्रकार वार्ता में बोनी मान ने खड़े होकर दोनों हाथ जोड़ सर झुकाकर कलायत की जनता से माफी मांगी। बोनी मान ने कहा कि अगर माफी मांगने के बाद भी चुनाव अधिकारी या उनके विरोधी खुश नहीं है तो वो गिरफ्तारी देने के लिए भी तैयार हैं।
अमर्यादित भाषा का किया इस्तेमाल
बता दें कि कुछ दिन पहले इनेलो पार्टी के कुरुक्षेत्र लोकसभा से प्रत्याशी अभय सिंह चौटाला कलायत विधानसभा के गांवों में जनसभा कर अपना चुनाव प्रचार कर रहे थे। इस बीच गांव मटौर और बालू गांव में भी उनके कार्यक्रम रखे गये थे। जहां उनके समर्थन में कलायत हलके से पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता तेजी मान के बेटे बोनी मान भी उनके साथ उपस्थित थे। बोनी मान ने लोगों को संबोधित करते हुए भरे मंच से कई बार अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल किया। जबकि उनके सामने और मंच पर काफी महिलाएं बैठी हुई थी। जब वो ऐसे शब्द बोल रहे थे, तब मंच पर अभय चौटाला और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रामपाल माजरा भी मौजूद थे। हैरानी की बात है किसी भी नेता ने उन्हें ऐसा बोलने से एक बार भी नहीं रोका। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ।
नवीन जिंदल पर अपमान करने का लगाया आरोप
प्रेसवार्ता में बोनी मान ने पूर्व सांसद व कुरुक्षेत्र लोकसभा से भाजपा के उम्मीदवार नवीन जिंदल पर अपमान करने का आरोप लगाया है। बोनी ने कहा कि जब नवीन जिंदल को कुरुक्षेत्र लोकसभा से टिकट देने की बात चली तो उन्होंने जिंदल को व्हाट्सएप पर बधाई दी। ये मार्च की बात है, लेकिन 3 महीने तक नवीन ने उनकी किसी बात का कोई उत्तर नहीं दिया। उन्होंने नौकरों की तरह नवीन जिंदल को सर कहकर संबोधित किया, लेकिन उन्होंने मान परिवार के रुतबे का ख्याल न करते हुए उनका जवाब देना जरूरी नहीं समझा। जिसे वो अपना अपमान समझते हैं।
बोनी मान ने कहा कि उनकी तीन पीढ़ियां कॉवेटेड एजुकेटेड है। क्षेत्र में उनसे पढ़ा लिखा कोई परिवार नहीं है। दूसरी और अभय सिंह चौटाला ने चुनावी व्यस्तता के दौरान भी उनसे दो बार लंबे समय तक मुलाकात की और उनका पूरा सम्मान किया। इसलिए उन्होंने अभय का साथ देना जरूरी समझा। भले ही उनके पिताजी के कुछ समर्थकों ने उनके साथ आने से मना कर दिया लेकिन वो तन-मन-धन से अभय चौटाला के साथ हैं।
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