Edited By Deepak Paul, Updated: 29 Dec, 2018 12:25 PM
ल्यो जी विधानसभा का शीतकालीन सत्र हंगामेपूर्ण बोण रे आसार तो दिख ई रह्ये थे, उसकी तो पूरी उम्मीद बी थी, पर जूत बी बजैंगे इसका अंदाजा कोणी था। कडै तो सोच यू थी कौ दूजियां पाॢटयां आले सरकार नै घेरैंगै पर ऐडे तो जूतमजूत ही होण लाग ग्यी सै। हरी पगड़ी...
चंडीगढ़(मीनू): ल्यो जी विधानसभा का शीतकालीन सत्र हंगामेपूर्ण बोण रे आसार तो दिख ई रह्ये थे, उसकी तो पूरी उम्मीद बी थी, पर जूत बी बजैंगे इसका अंदाजा कोणी था। कडै तो सोच यू थी कौ दूजियां पाॢटयां आले सरकार नै घेरैंगै पर ऐडे तो जूतमजूत ही होण लाग ग्यी सै। हरी पगड़ी आलेआं का नेता किसानां के मुद्दे पै बात करै था, इतने म्हैं भगवांधारियां के नेता नै उसनै कुछ कह दिया अर किसानां का मुद्दा जूत बाजण का मुद्दा बण ग्या।
इसी गर्मागर्मी म्हैं सरकार नै अपणे प्रस्ताव पास करा लिए जिसतै हरी पगड़ी आलेआं के विधायकां नै वाकआऊट कर लिया। इन्नैं पहल्यां हाथ आले किसानां की कर्जमाफी के मुद्दे पै सदन तै बाहर लिकड गए। इसतै पहल्यां मानसून सत्र म्हैं बी नेतावां म्हैं जूत बाजै थे। तब्बै तो हरी पगड़ी आलेआं नै नेता नै जूत हाथ म्हैं ई ले लिया था अर मरणे-मारने की नौबत आ ग्यी थी। इबकै तो बातां-बातां म्हैं ई तीखी नोंकझोंक हुई सै। हंगामेदार सत्र तो हो लिया सै इब्ब देखैंगे सदन की लड़ाई सदन तै बाहर किस तरैं का मोड लेवैगी।