अभिनव अरोड़ा को ट्रोल करने वालों को आचार्य पुंडरीक की ये नसीहत सुननी चाहिए

Edited By Gaurav Tiwari, Updated: 22 Dec, 2024 06:02 PM

those trolling abhinav arora should listen to this advice of acharya pundarik

पिछले कई दिनों से बाल संत के नाम से मशहूर अभिनव अरोड़ा को सोशल मीडिया पर जमकर किए जा रहे ट्रोल को आचार्य पुंडरीक ने बेबुनियाद बताया है।

गुड़गांव, ब्यूरो : पिछले कई दिनों से बाल संत के नाम से मशहूर अभिनव अरोड़ा को सोशल मीडिया पर जमकर किए जा रहे ट्रोल को आचार्य पुंडरीक ने बेबुनियाद बताया है। उनके अनुसार कम उम्र में भक्ति को समाज के कुछ लोग अपराध की तरह पेश कर रहे हैं, जो कहीं से उचित नहीं है। एक पॉडकास्ट में आचार्य गोस्वामी ने अभिनव से जुड़े कई सवालों के जवाब दिए। उन्होंने लोगों को कम उम्र में भक्ति या कथावाचन को मुद्दा नहीं बनाने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि ये सनातन धर्म के लिए नया नहीं है। वे स्वयं 7 वर्ष की उम्र में कथा करते आ रहे हैं। साथ ही भगवान के कई भक्त ध्रुव प्रहलाद और मीरा जैसे बड़े नामों ने भी कम उम्र में ही भक्ति शुरू की थी।

 

लोगों की असंवेदनशीलता और ट्रोलिंग पर बात करते हुए आचार्य ने कहा कि ट्रोलिंग आजकल एक प्रोफेशन बन गया है। इन ट्रोलर्स ट्रोलिंग के लिए हर 15 दिनों में एक नया आदमी चाहिए होता है। जो हम में से कोई भी हो सकता है। उन्होंने कहा कि ये ट्रोलर्स अपनी बात इस तरह रखते हैं कि ट्रोलर्स लोगों को आसानी से बहका जाते हैं। बच्चों के भक्ति करने के सवाल पर उन्होंने आगे कहा कि आज के समय में कई रिएलिटी शोज़ में बच्चियाँ अश्लील गाने गाती और पर उसपर नृत्य करती है तो लोगों को कोई दिक्कत नहीं होती है लेकिन कोई अध्यात्म के रस्ते पर आगे बढ़ रहा है तो लोगों को उससे दिक्कत हो जाती है। राधे-राधे बोलने वाले बच्चे को बच्चों को  ट्रोल करना कहीं तक भी सही नहीं है। वह बच्चा कुछ अच्छी बात ही कर रहा है, कथा सुना रहा है तो इसमें दिक्कत क्या है।

 

राधारमण मंदिर वृंदावन के गोस्वामी पुण्डरीक जी आगे कहते हैं कि इंसान की प्रकृति ऐसी हो गई है कि उसका ध्यान बुरी चीजों की तरफ जल्दी जाता है। उन्होंने अभिनव के माता पिता को भी सलाह संवेदन होने की सलाह दी। उन्होंने ज्ञान और व्यवहार में संयम रखने को लेकर अपनी बात कही। उनका मानना है कि भक्ति में किसी तरह की मिलावट से लोगों को दूर रहना चाहिए। जहां तक हो सके लोगों को सच्चे मन से भगवान की आराधना करनी चाहिए इसके  लिए किसी उम्र सीमा की कोई जरूरत नहीं है।

 

गोस्वामी पुण्डरीक ने तामसिक खाने को लेकर बताया कि अगर कोई भक्ति में आकर किसी चीज का त्याग करता है तो यह एक सराहनीय कदम है। उन्होंने कहा कि भक्ति मार्ग पर चलकर कई विदेशी भी जो पहले बहुत बुरी चीजों का सेवन करते थे अब सात्विक जीवन जी रहे हैं। उन्होंने लोगों को अपने नजरिए में बदलाव करने की जरूरत पर जोर दिया और इंटरनेट को जानकारी साँझा करने के माध्यम के रूप में ही इस्तेमाल करने की सलाह दी।

 

अभिनव अरोड़ा के पुराने वीडियो पर हो रही ट्रोलिंग के बाद कई धर्मगुरु और कथावाचक उसके समर्थन में नज़र आ रहे हैं। कुछ दिनों पहले प्रख्यात कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर महाराज ने भी लोगों को बच्चे के पीछे ना पड़ने की सलाह दी थी।

 

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