बीमार पिता का सहारा बनीं बॉक्सर बेटी, मां की मौत के बाद संभाली पूरी जिम्मेदारी

Edited By Updated: 23 Oct, 2016 12:46 PM

haryana klawanti champion boxer gold medal

हरियाणा के भिवानी के दिनौद गांव की रहने वाली चैपियन कलावंती ने अपनी जिंदगी में बहुत कुछ झेला है।

भिवानी: हरियाणा के भिवानी के दिनौद गांव की रहने वाली चैपियन कलावंती ने अपनी जिंदगी में बहुत कुछ झेला है। जी हां, मां को खो देने के बाद घर की सारी जिम्मेदारी उसके सिर पर आ गई है। पिता भी बीमार रहते है। 

ठेके पर जमीन लेकर की खेतीबाड़ी 
कलावंती बॉक्सिंग की प्रैक्टिस के लिए 16 कि.मी दूर साइकिल पर जाती थी। इसी दौरान उसके पिता भागमल जैक हटाने के कारण ट्रैक्टर के नीचे दब गए, जिससे उनकी रीढ्ड की हड्डी में चोट लग गई। इस सदमे से कलावंती उभर रही थी कि पिछले साल उनकी मां ओमपति की मौत हो गई। 

घर की एेसी स्थिति देख कलावंती ने खेती बाड़ी करने की सोची। उनके पास खुद की जमान नहीं थी परन्तु फिर भी उसने ठेके पर जमीन ली और खेतीबाड़ी शुरू की। इन सबके बीच उन्होंने पढ़ाई के साथ-साथ बॉक्सिंग की प्रैक्टिस जारी रखी। कलावंती का सपना था कि वह 2020 के ओंलपिंक में देश के लिए खेंले और मेडल जीतकर लाएं।

3 महीनें पहले जीता गोल्ड मेडल
18 साल की कलावंती के कदम सन 2020 में जापान के शहर टोक्टो में होने वाले ओलंपिक की ओर बढ़ रहे है। 3 महीनें पहले ही दिल्ली में उन्होंने जूनियर नेशनल बॉक्सिंग चैपियनशिप में गोल्ड जीता है। इससे पहले वह ओल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी चैपियनशिप 2015 में रजत जीत चुकी है। अब उनका चयन साई की नेशनल बॉक्सिंग एकेडमी में हो गया है। रेहतक में रहकर वह बॉक्सिंग की प्रैक्टिस कर रही है। 


 

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