जींद रियासत का गौरवशाली इतिहास होगा संरक्षित, पंजाब उठा रहा बीड़ा

Edited By Punjab Kesari, Updated: 09 Jul, 2017 11:59 AM

punjab will save zind heritage

250 साल पुरानी जींद रियासत के गौरवशाली इतिहास को सहेजने का काम पंजाब सरकार ने उठाया है। इस रियासत में लगभग 850 दुर्लभ छायाचित्र हैं, जिन्हें  पंजाब

जींद:250 साल पुरानी जींद रियासत के गौरवशाली इतिहास को सहेजने का काम पंजाब सरकार ने उठाया है। इस रियासत में लगभग 850 दुर्लभ छायाचित्र हैं, जिन्हें  पंजाब के पर्यटन विभाग ने डिजिटलाइजेशन करवाकर रखा है। हालांकि जींद से संबंधित कोई बड़ी निशानी आज नहीं बची है। यहां तक कि यहां का किला भी नष्ट हो चुका है। जींद रियासत पर 1763 में फुलकियां सिखों का राज कायम हुआ था। नाभा के साथ जंग के बाद संगरूर भी इस रियासत का हिस्सा बन गया तो 1827 में राज्य का हेडक्वार्टर जींद से संगरूर शिफ्ट कर दिया गया। उसके बाद से सियासत की गतिविधियों से लेकर विकास का केंद्र संगरूर ही रहा। संगरूर का उस समय सामरिक और व्यापारिक महत्व था। 
PunjabKesari
1905 से लेकर अगले कई वर्षों तक के चित्र हैं यहां
पंजाब सरकार द्वारा संरक्षित की गई ब्लैक एंड व्हाइट फोटोग्राफ वर्ष 1905 के आसपास से शुरू होकर अगले कई वर्षों की हैं। इनमें रेजीमेंट का निरीक्षण करते राजा, मार्केट, लेडी मिंटो रणबीर गर्ल्स कॉलेज, वेटरीनरी अस्पताल, दीवाने-खास व दरबार हॉल, हाईस्कूल, गोल्डन जुबली अस्पताल, राजा की विशेष ट्रेन के संगरूर पहुंचने पर स्टेशन पर स्वागत के लिए खड़े लोग शुमार है, वहीं परेड से लेकर दिल्ली में किंग जॉर्ज की ताजपोशी की भी फोटोग्राफ है। 
PunjabKesari
आर्थिक व सामाजिक हालात बयां करती हैं तस्वीरें
तस्वीरों को देखकर लगता है कि उस समय संगरूर काफी विकसित था। तस्वीरें उस समय के आर्थिक व सामाजिक हालात भी बयां करती हैं। पर्यटन विभाग ने तस्वीरों को एक निजी कंपनी को संरक्षण की जिम्मेदारी सौंपी। इस काम में करीब तीन साल का समय लगा। उसके बाद विभाग ने पंजाब डिजिटल लाइब्रेरी से सभी फोटोग्राफ का डिजिटलाइजेश करवाया, ताकि ये हमेशा के लिए आने वाली पीढ़ियों के लिए उपलब्ध रहें। सारी फोटोग्राफ अब संगरूर लाइब्रेरी पहुंचा दी गई हैं। संगरूर में एक म्यूजियम निर्माणाधीन है, उसके बनते ही फोटोग्राफ वहां प्रदर्शित की जाएंगी।
PunjabKesari
तस्वीरों से हुआ दिलचस्प खुलासा
जींद रियासत की फोटोग्राफ से एक और दिलचस्प खुलासा हुआ है। जिस तरह आज इंडिया ट्रेड फेयर या वर्ल्ड ट्रेड फेयर आयोजित किए जाते हैं। जिनमें बड़ी कंपनियां शिरकत करती हैं। उस जमाने में भी यह व्यवस्था थी। जींद रियासत की फोटोग्राफ में काफी तस्वीरें 1909 में लाहौर में आयोजित इंडस्ट्रियल एंड एग्रीकल्चर एग्जीबिशन ऑफ पंजाब नॉर्थ वेस्टर्न फ्रंट प्रॉवंस एंड कश्मीर की हैं। जिनसे पता चलता है कि बड़े पैमाने पर इसका आयोजन हुआ और इसमें देश भर की कंपनियों ने शिरकत की। उस जमाने में भी प्रदर्शनी स्थल का ले-आउट प्लान तैयार किया गया था, उसकी भी तस्वीरें हैं। प्रदर्शनी में मेयो स्कूल ऑफ आर्ट लाहौर, नारायण ब्रश फैक्ट्री आगरा, हैंड बैग्स ऑफ इंडिया, धारीवाल वुलेन मिल्स समेत देश की कई नामी कंपनियों केस्टॉल की तस्वीरें हैं। 
PunjabKesari
जींद का इतिहास 
जींद, पटियाला और नाभा रियासत के राजा एक ही खानदान से रहे हैं। सरहिंद के मुगल सम्राट के खिलाफ विद्रोह के बाद चौधरी फूल के खानदान से गजपत सिंह ने 1768 में जींद रियासत को संभाला और वे पहले राजा बने। जींद रियासत की सीमाएं उस समय दादरी, जींद, सफीदों, करनाल और संगरूर तक फैली थीं। राजा गजपत सिंह की मौत 1789 में हुई। इसके बाद राजा भाग सिंह ने गद्दी संभाली और वे 1819 तक राजा रहे। 1819 में राजा फतेह सिंह ने राजकाज संभाल लिया। 1822 में उनकी मृत्यु के बाद संगत सिंह को राजा बनाया गया। राजा संगत सिंह के कोई औलाद नहीं थी।
PunjabKesari
1834 में उनकी मृत्यु के बाद शाही परिवार में सत्ता संघर्ष शुरू हो गया, जो तीन साल तक चला। इस दौरान राजा फतेह सिंह की पत्नी ने राजकाज संभाला। इसके बाद 1837 में स्वरूप सिंह राजगद्दी पर बैठे। वे 1884 तक राजा रहे। 1884 से 1887 तक राजा रघुबीर सिंह को सत्ता मिली। उनके बेटे बलबीर सिंह की मृत्यु कम उम्र में हो जाने के कारण राजा रघुबीर सिंह से सत्ता सीधे उनके पौत्र राजा रणबीर सिंह को गई।यह दौर जींद रियासत के इतिहास में बहुत ही बुरा साबित हुआ। जींद रियासत के राजाओं ने खुले तौर पर अंग्रेजों का साथ दिया और विद्रोह के दौरान जींद रियासत की सेनाएं अंग्रेजों की तरफ से लड़ीं। इसके इनाम के तौर पर झज्जर रियासत को तोड़ कर उसका हिस्सा दादरी जींद रियासत को दिया गया।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!