Edited By Ajay Kumar Sharma, Updated: 02 Nov, 2022 03:39 PM
![yamunanagar fair kapal mochan from november 4 to 8](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2022_11image_19_11_4183136683-ll.jpg)
जिले के प्रसिद्ध ऐतिहासिक तीर्थ स्थल कपाल मोचन में इस बार लगने वाले मेले में करीब 10 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के भाग के लेने की अनुमान लगाई जा रही है।
यमुनानगर(सुरेंद्र मेहता): जिले के प्रसिद्ध ऐतिहासिक तीर्थ स्थल कपाल मोचन में इस बार लगने वाले मेले में करीब 10 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के भाग के लेने की अनुमान लगाई जा रही है। जिसे लेकर सारी तैयारियां पूरी कर ली गई है। इस मेले का शुभारंभ 4 नवंबर को साधु प्रवेश शाही स्नान से शुरू होकर 8 तक चलेगा।
इस मेले में हरियाणा, पंजाब, हिमाचल, दिल्ली, चड़ीगड़, सहित कई राज्यों से श्रदालु पहुंचते है। उत्तरी भारत का सबसे बड़ा सुप्रसिद्ध प्राचीन ऐतिहासिक एवं पौराणिक पवित्र तीर्थ राज कपाल मोचन मेला विभिन्न धर्मों,जातियों और समुदायों की एकता और भाईचारे का प्रतीक है। ग्रन्थों में इस स्थान को विश्व के महानत्म ग्रंथ की रचना करने वाले महाभारत के रचयिता महर्षि वेद व्यास की तपो व कर्म स्थली तथा सिन्धु वन के नाम से जाना जाता है।
इसके दक्षिण में व्यासपुर जिसे आज बिलासपुर के नाम से जाना जाता है। बिलासपुर में वेद व्यास सरोवर व सरस्वती सरोवर तट पर महर्षि वेद व्यास जी का सरोवर है,इसके साथ ही पश्चिम दिशा में सरस्वती नदी प्रवाहित होती है कहते हैं कि इसी स्थान पर बैठकर महर्षि वेद व्यास जी ने सरस्वती जी के तट पर महाभारत की रचना की थी।
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