बिना एक टांग के ही मोहित ने बनाया पहाड़ जैसा शरीर, अब तक जीते कई मेडल, सरकार से मदद की आस

Edited By Shivam, Updated: 20 Oct, 2020 11:55 PM

without a leg mohit built a mountain like body won many medals update

एक आम इंसान को अगर कहा जाए कि वह एक पैर पर खड़ा रह कर दिखाए तो उसका बैलेंस बिगड़ जाएगा, लेकिन सोनीपत के रहने वाले मोहित ने अपने एक ही पैर से न केवल चलना सीखा, बल्कि अपने शरीर को पहाड़ सा मजबूत बना लिया, जिसे देख लोग दांतों तले ऊंगलियां दबा लें।...

सोनीपत (पवन राठी): एक आम इंसान को अगर कहा जाए कि वह एक पैर पर खड़ा रह कर दिखाए तो उसका बैलेंस बिगड़ जाएगा, लेकिन सोनीपत के रहने वाले मोहित ने अपने एक ही पैर से न केवल चलना सीखा, बल्कि अपने शरीर को पहाड़ सा मजबूत बना लिया, जिसे देख लोग दांतों तले ऊंगलियां दबा लें। मोहित ने कैंसर को मात देकर बॉडीबिल्डिंग की फील्ड में नाम कमाया है, वह भी तब जब कैंसर ने उससे उसका एक पैर छीन लिया।



मोहित ने अपने जीवन के सबसे बुरे हादसे को अपनी कमजोरी नहीं मानी, बल्कि इससे अपनी आत्मशक्ति को इतना मजबूत बना लिया कि उसने वह कारनामा कर दिखाया, जिसके लिए एक आम आदमी के लिए मुश्किल ही नहीं नामुमकिन हो जाता है। मोहित के हुनर का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने खुद अपने ट्विटर हैंडल पर मोहित का एक वीडियो शेयर किया है। अब मोहित को उम्मीद है कि सरकार की तरफ से उसे कुछ मदद मिल जाए, जोकि जायज भी है। 

मोहित के संघर्ष की कहानी-


सोनीपत के विशाल नगर का रहने वाला मोहित जब 11 साल का था तो उसे बोनमैरो कैंसर हो गया था। डॉक्टरों ने उसके एक पैर में रॉड डाल दी, जिसके बाद 2015 तक वह ठीक रहा, लेकिन जहां रॉड डाली गई थी, उस जगह पर कैंसर ने जगह बना ली। यही नहीं मोहित का वही पैर एक हादसे में टूट भी गया, तो डॉक्टरों ने एहतियात के तौर पर उसका पैर निकाल दिया। इसी दरम्यान जब मोहित हॉस्पिटल में कैंसर से जंग लड़ रहा था तो उसने यूट्यूब पर बॉडीबिल्डिंग की वीडियो देखना शुरू किया, वहां से उसमें जुनून भर गया कि वह भी एक अन्य बॉडी बिल्डरों की तरह अपनी एक टांग पर ही खड़ा रहकर बॉडीबिल्डिंग करेगा। 



यही लक्ष्य साधकर मोहित ने 2020 तक सैकड़ों टाइटल अपने नाम कर लिए। 9 अक्टूबर 2020 को हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने मोहित का एक वीडियो अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट भी किया। हालांकि अभी तक मोहित को सरकार की तरफ से कोई भी मदद नहीं मिल पाई है। उसने सरकार से गुहार लगाई है कि उसको सरकारी नौकरी दी जाए ताकि वह अपने सपनों को पूरा कर सके।



जब सीएम मनोहर ने अपने ट्विटर हैंडल से 9 अक्टूबर 2020 को मोहित का एक वीडियो पोस्ट किया तो उसे लगा कि अब उसे सरकारी नौकरी मिल जाएगी क्योंकि अब वह इस आस में बैठा है कि सरकार उसकी सुनेगी और उसकी मदद के लिए आगे आएगी। उसने सीएम मनोहर लाल के ट्वीट पर कमेंट भी किया, लेकिन अभी तक कोई भी जवाब सरकार की तरफ से मोहित को नहीं मिला है। उसको इंतजार है कि सरकार उसकी मदद के लिए आगे आएगी।



मोहित के पिता महेंद्र सिंह ने बताया कि 11 साल की उम्र में मोहित को कैंसर हो गया था। पूरा परिवार सदमे में था, लेकिन जब 2015 में उसकी कैंसर के चलते टांग कटी तो हमारे पास उसके भविष्य की चिंता के अलावा कोई भी चारा नहीं था। पूरा परिवार को चिंता से ग्रस्त था, लेकिन मोहित ने यूट्यूब पर बॉडीबिल्डिंग की वीडियो देखते हुए अपने सपने को पूरा किया और कैंसर को मात दी।



पिता ने बताया कि एक बार मोहित उनके जन्मदिन पर मेडल लेकर घर लौटा तो सभी की आंखों से खुशी के आंसू छलक गए। उनका कहना है कि अब हमें उम्मीद जगी है कि मोहित अपने सपनों को जरूर पूरा करेगा और अपंगता को अपने सपनों के आड़े नहीं आने देगा। उन्होंने सरकार से गुहार लगाई है कि उसको सरकारी नौकरी दी जाए, ताकि वह अपने सपनों को पूरा कर सके।

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