नए प्रयोग के साथ 'बदला' नजर आएगा मुख्यमंत्री सचिवालय का स्वरूप!, नई नियुक्तियां भी शीघ्र संभावित

Edited By Shivam, Updated: 30 Oct, 2020 12:07 AM

with new experiment will be seen as changed form of cm secretariat

मुख्यमंत्री के करीब पांच वर्ष तक बतौर प्रधान सचिव कार्य करने वाले 1983 बैच के आईएएस अधिकारी राजेश खुल्लर के विश्व बैंक में कार्यकारी निदेशक नियुक्त होने के बाद रिक्त हुए उनके पद को भरने के साथ साथ जिस तरह से मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अपने...

चंडीगढ़ (संजय अरोड़ा): मुख्यमंत्री के करीब पांच वर्ष तक बतौर प्रधान सचिव कार्य करने वाले 1983 बैच के आईएएस अधिकारी राजेश खुल्लर के विश्व बैंक में कार्यकारी निदेशक नियुक्त होने के बाद रिक्त हुए उनके पद को भरने के साथ साथ जिस तरह से मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अपने कार्यालय में नए प्रयोगों के साथ कई नई नियुक्तियां की हैं, उससे प्रदेश के प्रशासनिक इतिहास में संभवत: यह पहला मौका है जब मुख्यमंत्री सचिवालय का न केवल स्वरूप पूरी तरह से बदला नजर आएगा बल्कि यह भी पहला अवसर होगा जब पूरे मुख्यमंत्री सचिवालय का ओवरऑल प्रभारी भी एक सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी होगा।

गौरतलब है कि राजेश खुल्लर के विश्व बैंक में नियुक्त होने के बाद मुख्यमंत्री ने नए प्रयोग के तौर पर सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी दीपेंद्र सिंह ढेसी को एक नए सृजित पद पर मुख्यमंत्री का मुख्य प्रधान सचिव नियुक्त किया और अपने अतिरिक्त प्रधान सचिव वी.उमाशंकर को पदोन्नत करते हुए राजेश खुल्लर के स्थान पर अपना नया प्रधान सचिव नियुक्त कर दिया। इसके अलावा मुख्यमंत्री के सचिवालय में पहले से चल रहे कयासों के अनुरूप ही वर्ष 2003 बैच के आईएएस अधिकारी अमित अग्रवाल के रूप में एक नई एंट्री भी हुई है। 

मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव के तौर पर कार्य कर रहे योगेंद्र चौधरी को मुख्यमंत्री कार्यालय में संसाधन प्रबंधन का सलाहकार नियुक्त करने के साथ साथ पहली बार मुख्यमंत्री कार्यालय में दो उपप्रधान सचिव भी बनाए गए हैं। अमित अग्रवाल से पहले आशिमा बराड़ भी मुख्यमंत्री के उप प्रधान सचिव के रूप में कार्य कर रही हैं। प्रधान विशेष कार्यधिकारी नीरज दफ्तुआर व दो विशेष कार्याधिकारी सतीश कुमार और भूपेश्वर दयाल पहले की तरह कार्य करते रहेंगे। बुधवार को मुख्यमंत्री सचिवालय में नियुक्त सभी अधिकारियों को किए गए विभागों के बंटवारे के बाद सबसे अधिक पॉवरफुल दीपेंद्र सिंह ढेसी ही हुए हैं। उनके बाद प्रधान सचिव वी.उमाशंकर को काफी अहम विभाग सौंपे गए हैं। 

नए अंदाज में काम करेगी नई टीम
इस बार मुख्यमंत्री की इस नई टीम को सरकार की नीतियों व काम काज के निपटारे को लेकर मुख्यमंत्री की ओर से खास हिदायतों के साथ अलग हटकर नए अंदाज में कार्य करने की रणनीति समझाई गई है ताकि आम लोगों की मुख्यमंत्री सचिवालय तक पहुंच सहज होने के साथ साथ कामों व शिकायतों का निपटान तीव्रता से हो सके। इसके अलावा विशेष बात ये भी है कि इन सभी अधिकारियों की कार्यप्रणाली की स्वयं मुख्यमंत्री समय समय पर समीक्षा करेंगे ताकि अधिकारियों की आऊटपुट सामने आने के साथ साथ कार्यांे में भी तेजी बनी रहे। मुख्यमंत्री सचिवालय में 1982 बैच के सेवानिवृत आई.ए.एस. अधिकारी के अलावा तीन आईएएस, एक आईआरएस, एक एचसीएस अधिकारियों के साथ साथ चार अन्य नियुक्तियां की हुई हैं। इनमें नीरज दफ्तुआर, भूपेश्वर दयाल, कृष्ण बेदी व अजय गौड़ शामिल हैं। जानकारी के अनुसार आने वाले दिनों में मुख्यमंत्री सचिवालय में राजनीतिक सलाहकार व मीडिया सलाहकार की नियुक्ति भी संभावित है। 

कुशल व सरल स्वभाव के धनी हैं ढेसी व उमाशंकर 
वर्ष 1982 बैच के सेवानिवृत आईएएस अधिकारी डीएस ढेसी मुख्य सचिव के पद से 30 जून 2019 को रिटायर हुए थे और उन्हें अगस्त 2019 में ही हरियाणा विद्युत नियामक निगम का चेयरमैन नियुक्त किया गया था। ढेसी ने आईएएस अधिकारी के तौर पर करीब 37 वर्ष तक प्रदेश में उपायुक्त से लेकर मुख्य सचिव तक अपनी सेवाएं दी। उनकी गिनती कुशल व बेदाग अधिकारियों में होती है। इसी प्रकार सीएम सचिवालय मेंं प्रधान सचिव के तौर पर नम्बर दो की हैसियत रखने वाले वी. उमाशंकर 1993 बैच के आई.ए.एस. हैं। वे पिछले काफी समय से मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव के रूप में काम कर रहे थे। उमाशंकर को 23 अक्तूबर 2018 को मुख्यमंत्री को अतिरिक्त प्रधान सचिव नियुक्त किया गया था और इसके ठीक 2 वर्ष बाद उन्हें प्रधान सचिव बना दिया गया है। उमाशंकर अपनी साफगोई व सरल स्वभाव और साधारण व्यक्तित्व के कारण आईएएस लॉबी में एक अलग पहचान रखते हैं। 

सरकार की प्रचार-प्रसार की अहम जिम्मेदारी अब नीरज के हाथ
इसी तरह से मुख्यमंंत्री के साथ पिछले काफी समय से जुड़़े नीरज दफ्तुआर ने 1990 में नेट क्वालीफाई किया और प्रोफैशनल मीडिया में उनका दो दशक का अनुभव है। मनोहर लाल खट्टर जब 2014 में मुख्यमंत्री बने और उसके कुछ समय बाद ही नीरज दफ्तुआर उनकी टीम का हिस्सा बन गए थे। नीरज कोलकता में ऑडियो विजूयल कंपनी में मार्कीटिंग मैनेजर के रूप मेंं काम करने के अलावा गलोब फाइनैंस लिमिटेड में वाइस प्रेजीडैंट के रूप में कार्य कर चुके हैं। वे मुख्यमंत्री के अत्यंत विश्वासपात्रों में से एक माने जाते हैं। मनोहर सरकार पार्ट-वन में भी वे अन्य विभागों के साथ-साथ लोक संपर्क विभाग का भी काम संभालते थे। अब फिर से उन्हें लोक संपर्क विभाग की जिम्मेदारी दी गई है और इस बार उनकी जिम्मेदारी इसलिए भी अहम होगी क्योंकि सरकार अपनी नीतियों को जनसंपर्क विभाग के माध्यम से जन जन तक पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया पर पूरी तरह सक्रिय होने जा रही है।

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