Edited By Isha, Updated: 31 May, 2025 07:50 PM

बरसात के बाद भिवानी के लघु सचिवालय में अचानक सायरन बजा। आपदा की स्थिति से निपटने के लिए मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया।
भिवानी: भारत सरकार के गृह मंत्रालय के आदेशानुसार पाकिस्तान सीमा के साथ सटे विभिन्न राज्यों में आपदा प्रबंधन को लेकर आज सांय 5 बजे बरसात के बाद सिविल डिफेंस माक ड्रिल का आयोजन किया गया। यह रिहर्सल हरियाणा के सभी 22 जिलों में आयोजित करवाई गई। इसी के तहत भिवानी जिला में सांय 5 बजे यहां के लघु सचिवालय परिसर में आयोजित माक ड्रिल में सिविल डिफेंस प्रशिक्षण प्राप्त कर्मचारियों, विद्यार्थियों व युवाओं सहित पुलिस, वालियंटीयर, फायर बिग्रेड, एंबुलैंस सेवा व रैडक्रॉस वालिंयटीयर सहित करीबन 500 कर्मचारियों ने हिस्सा लिया।
इसके तहत भिवानी जिला प्रशासन द्वारा मॉक ड्रिल कर आपदा जैसी स्थितियों से निपटने के लिए आमजन को जागरूक किया गया। बरसात के बाद मॉक ड्रिल की शुरूआत सायरन बजने के साथ हुई। जिले के लघु सचिवालय परिसर में स्थित सार्वजनिक स्थलों पर आयोजित इस मॉक ड्रिल में आपदा से बचने के लिए लोग अपने ऑफिसों के कमरों में छिपते हुए टेबल व अन्य शरण स्थलियों के नीचे छिपने का अभ्यास किया गया। इसके साथ ही संभावित घटना स्थल से घायलों को अस्पताल में ले जाने के अभ्यास के साथ ही रास्ते को भी जल्दी पहुंचने के लिए तैयार किया गया। मॉक ड्रिल के दौरान लाईटों को व अन्य कार्यकलापों को बंद किया गया।
इस मौके पर भिवानी के उपायुक्त महाबीर कौशिक व जिला लोक संपर्क अधिकारी सुरेंद्र सिंघल ने बताया कि केंद्र सरकार के आदेशों की पालना करते हुए आज यह मॉक ड्रिल कार्यक्रम का आयोजन करवाया गया है। भिवानी के लघु सचिवालय में आयोजित इस माक ड्रिल में आपदा की स्थिति में कैसे निपटना है तथा कम समय में कैसे रिस्पोंस देकर विपरीत परिस्थितियों से कैसे बचना है, इसका अभ्यास किया गया। घटना स्थल के मौके पर एंबुलैंस की गाड़ी पहुंचने व पुलिस के पहुंचने तथा फायर बिग्रेड तथा अन्य सहायता पहुंचने का अभ्यास किया गया।
उन्होंने बताया कि भिवानी में हुई मॉक ड्रिल में 20 लोगों के डमी चोंटें आई, जिनको तुरंत एंबुलैंस व पुलिस के माध्यम से सिविल अस्पताल पहुंचाया गया। जहां रैडक्रॉस द्वारा डमी 30 यूनिट ब्लड उन्हे मौके पर उपलब्ध करवाया गया। मिसाईल या अन्य हमलों जैसी स्थिति में प्रशासन व आमजन को कैसे रिएक्ट करना है, उन सबका अभ्यास यहां करवाया गया। उन्होंने बताया कि मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य सभी आपातकालीन सेवाओं की जांच व गुणवत्ता की परख करना था। इसमें लोगों को अपील की कि किसी प्रकार का पैनिक लेने की आवश्यकता नहीं है। यह सिर्फ एक जागरूकता कार्यक्रम था।
भिवानी उपायुक्त महाबीर कौशिक बताया कि इस अभ्यास की अगली कड़ी में आमजन को भी रात 8 बजे से सवा 8 बजे तक शामिल किया गया है, जिसके लिए शहर में चार जगहों पर सायरन लगाए गए है तथा स्थानीय निवासियों को निर्देश दिए गए है कि वे 8 बजे से सवा 8 बजे तक 15 मिनट के लिए सायरन बजने के बाद अपने घरों में रहे तथा लाईटों को बंद कर दे। खिड़कियों व दरवाजों को भी ढकक़र रखे। इसके साथ ही प्रशासन द्वारा दी जाने वाली जानकारियों का पालन करे।
इस दौरान लिफ्ट का प्रयोग ना करे तथा वाहन चला रहे है तो उसे साईड में लगाकर लाईट बंद करके खड़े हो जाए। इसके साथ ही भवन के सुरक्षा संबंधी निर्देशों का पालन करें। ब्लैकआऊट के दौरान घर की खिड़कियों से दूर रहे, मकान की इंडोर व आऊटडोर लाईटें बंद कर दे, बुजुर्गो, बच्चों व पालतू जानवरों की निगरानी रखे। ऐसा करके वे आपदा जैसी स्थिति से निपटने के लिए अपने आपको तैयार रखे, ताकि विपरीत स्थितियां पैदा होने पर इस मॉक ड्रिल को याद करके नुकसान होने से बचा जा सकें।
इस मौके पर स्वयं सेवक मोहित ने कहा कि इस ड्रिल में उन्हे आपात स्थित से बचने के लिए महत्वपूर्ण जानकारियां दी गई है तथा आपात स्थित से बचने के लिए बताया गया। उन्होंने बताया कि समय पर एंबुलैंस व पुलिस सेवा पहुंची तथा सायरन बजने के बाद उन्हे माक ड्रिल का हिस्सा बनाकर आपात स्थिति से बचने संबंधी प्रक्रियाओं को अपनाया गया।