वैश्य अग्रवाल समुदाय की अनदेखी करना विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को पड़ा भारी: विजय बंसल

Edited By Isha, Updated: 08 Nov, 2024 02:39 PM

vijay bansal statement about congres

हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में लगातार तीसरी बार कांग्रेस की हार के कारणों की जांच करने और हार का विश्लेषण करने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी ने

चंडीगढ़(धरणी): हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में लगातार तीसरी बार कांग्रेस की हार के कारणों की जांच करने और हार का विश्लेषण करने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी ने 3 सदस्य की एक समिति का गठन किया है। जो हरियाणा विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों और अन्य नेताओं से बात करेगी और सुझाव भी लेगी।

इसी के मध्य नजर हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व प्रदेश सचिव एवं पूर्व चेयरमैन हरियाणा सरकार विजय बंसल एडवोकेट ने कांग्रेस पार्टी की जांच कमेटी को पत्र लिखकर हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के अप्रत्याशित परिणामों के संबंध में सुझाव दिए और अपनी प्रतिक्रिया भी दी गई कि कैसे कांग्रेस पार्टी विभिन्न कारणों से सरकार बनाने में सक्षम नहीं हो सकी।

  विजय बंसल एडवोकेट ने लिखा कि वे पुराने कांग्रेसी हैं जो 1982 से एनएसयूआई में शामिल हुए थे तभी से पार्टी में हैं और तब से एक सच्चे कांग्रेसी के रूप में पार्टी की सेवा कर रहे हैं और उन्होंने हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव और राज्य सरकार में चेयरमैन के रूप में भी काम किया है। विजय बंसल ने कहा लेकिन हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के परिणामों ने मुझे झकझोर दिया है क्योंकि सत्ता विरोधी लहर के बावजूद यह परिणाम अप्रत्याशित हैं क्योंकि प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार के विरुद्ध लोगों का गुस्सा था और हर चुनाव सर्वेक्षण में हम पूर्ण बहुमत के साथ राज्य में सरकार बना रहे थे। बावजूद इसके हम हरियाणा में सरकार बनाने से वंचित रह गए इस विषय में मेरे विचार में कई कारण रहे हैं।

 

विजय बंसल ने लिखा कि विधानसभा चुनावों के साथ-साथ पार्टी में वैश्य अग्रवाल समुदाय को प्रतिनिधित्व का अभाव देखने को मिला। वैश्य अग्रवाल समुदाय हरियाणा की कुल आबादी का लगभग 8 प्रतिशत है जो पूरे राज्य में अग्रणी समुदाय है लेकिन इस तथ्य के बावजूद हमारी पार्टी ने अग्रवाल समुदाय के नेताओं को पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं दिया। यह एक कड़वी सच्चाई है कि हरियाणा में जातिगत राजनीति और समुदाय के नेताओं को प्रतिनिधित्व एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है लेकिन यह बहुत चौंकाने वाला तथ्य है कि पूरे 90 विधानसभाओं में से केवल दो टिकट ही अग्रवालों को दिए गए हैं जींद और फरीदाबाद।

यहां तक की मेरे जैसे पुराने नेताओं को भी नजरअंदाज कर दिया गया और 8 संसदीय क्षेत्रों में से लगभग 72 विधानसभा क्षेत्रों में अग्रवालों को एक भी टिकट नहीं दिया गया। इसके अलावा बाकी दो संसदीय क्षेत्रों में भी 18 विधानसभा क्षेत्रों से केवल दो टिकट दिए गए हैं और वह भी उन लोगों को जो पिछले विधानसभा चुनावों में हार गए थे। जबकि अंबाला लोकसभा में वैश्य अग्रवाल समुदाय की संख्या सबसे अधिक है पहले कांग्रेस पार्टी अंबाला लोकसभा की 2 विधानसभा से अग्रवाल समुदाय के दो लोगों को टिकट देती थी लेकिन इस बार इस समुदाय के एक भी व्यक्ति को टिकट नहीं दिया जबकि दूसरी ओर बीजेपी ने अंबाला लोकसभा की 2 विधानसभा क्षेत्र से वैश्य अग्रवाल के दो उम्मीदवार उतारे थे पिछली बार अंबाला से बीजेपी के दोनों उम्मीदवार जीते थे और दोनों को मंत्री भी बनाया गया था।

 

विजय बंसल ने कहा कि इसके अलावा कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं के साथ प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) का समन्वय नहीं था। पीसीसी अध्यक्ष स्वयं होडल विधानसभा से चुनाव लड़ रहे थे और उक्त कारण से वे हरियाणा राज्य में प्रचार करने में असमर्थ थे। इसके अलावा पीसीसी के अध्यक्ष होने के नाते सभी उम्मीदवारों को संगठनात्मक समर्थन सुनिश्चित करना उनका कर्तव्य था चूंकि पीसीसी अध्यक्ष स्वयं चुनाव लड़ रहे थे और उसके बाद हरियाणा राज्य में कोई संगठन नहीं था इसलिए इससे कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं के साथ पीसीसी का समन्वय नहीं हो पाया जिससे चुनावों में पार्टी को भारी नुकसान हुआ। पार्टी के सभी चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को पीसीसी का समर्थन मिलना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं किया गया जिससे चुनावों में पार्टी को नुकसान हुआ। 

 

 साथ ही सिटिंग-गेटिंग फार्मूला का पालन करना और अपने 5 वर्ष में कमजोर नेतृत्व करने के कारण जनता में अपना विश्वास खो देने वाले विधायकों को टिकट देना भी पार्टी पर भारी पड़ा। विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के पास 31 सिटिंग विधायक थे और 2024 के चुनाव में लगभग 15 विधायक वर्तमान चुनाव हार गए और उनमें से अधिकांश वह विधायक शामिल है जो अपने 5 वर्ष के कार्यकाल में कमजोर नेतृत्व साबित हुए जिससे वह जनता में अपना विश्वास खो चुके थे। हालाँकि पार्टी ने पार्टी को जीत ना दिला पाने वाले और जनता में अपना विश्वास खो देने वाले व्यक्ति को कोई टिकट न देने का फार्मूला भी बनाया था लेकिन वास्तविक तथ्यों और परिस्थितियों को स्वीकार किए बिना सिटिंग-गेटिंग फार्मूला का पालन किया गया जिससे पार्टी को नुकसान हुआ।

 

  विजय बंसल ने कहा कि कांग्रेस नेताओं द्वारा चुनावों में पार्टी कार्यकर्ताओं विशेष कर पुराने कार्यकर्ताओं की अनदेखी करना भी पार्टी के विरुद्ध गया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं ने फ्रंटफुट पर पार्टी के सच्चे और निष्ठावान कार्यकर्ताओं और नेताओं की अनदेखी की जो पार्टी के लिए काम कर रहे हैं। चाहे वह टिकट वितरण की बात हो चाहे विभिन्न समितियों के गठन की बात हो या पार्टी के अन्य मंचों पर दायित्व सौंपने की बात हो। जिसके परिणामस्वरूप किसी न किसी तरह से चुनावों में पार्टी को नुकसान हुआ।

  

 इसके अलावा एक और महत्वपूर्ण बात रही कि विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों से कांग्रेस नेताओं और टिकट चाहने वालों का दलबदल करना और पार्टी विरोधी गतिविधियां भी हार का कारण रही। विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों से कांग्रेस नेताओं और टिकट चाहने वालों ने चुने हुए उम्मीदवारों को नकार सा दिया था और उन नेताओं की पहचान होने के बावजूद उन नेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई  होनी चाहिए जो पार्टी विरोधी गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल थे।

 

 उन्होंने कहा कि इसके अलावा यह भी देखा जाना चाहिए कि जिन नेताओं और टिकट चाहने वालों ने पार्टी उम्मीदवारों का समर्थन किया उन्हें पार्टी के हित में किए गए कार्यों के लिए मान्यता दी जाए और पुरस्कृत किया जाए उन्हें संगठन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी भी दी जाए।

 

बंसल ने कहा कि राज्य में संगठन की कमी, बूथ, ब्लॉक और जिला स्तरीय समिति का गठन नहीं होना भी नुकसान का कारण बना। पिछले 10 वर्षों से हमारी पार्टी जमीनी स्तर, जिला स्तर और राज्य स्तर पर संगठन के बिना काम कर रही है  इसलिए पूरे राज्य में कांग्रेस पार्टी के संगठन का गठन करने की अति आवश्यकता है ताकि आगे के चुनावों में पार्टी की जीत सुनिश्चित हो सके और पार्टी कार्यकर्ताओं को उचित रूप से पहचान कर उन्हें और बढ़ावा दिया जा सके। इतना ही नहीं हमारे पास पार्टी उम्मीदवार को वोट देने के लिए मतदाताओं को मतदान केंद्र तक लाने के लिए बूथ स्तर का कोई कार्यकर्ता भी नहीं है। विजय बंसल ने पत्र में लिखा कि हो सकता है कि हार के कुछ और अन्य कारण भी रहे हों लेकिन मेरे विचार में ऊपर दिए गए कारण ही हैं कि हम हरियाणा में सरकार क्यों नहीं बना पा रहे हैं और ये मेरी ओर से केवल सुझाव और फीड बैक है जो कि मेरे व्यक्तिगत विचार हैं यदि इन पर अमल किया जाए तो आगामी चुनावों में पार्टी की जीत सुनिश्चित हो सकती है।

 

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!