राज्यसभा चुनाव: हरियाणा की तीनों सीटों पर निर्विरोध चुनाव तय, 18 मार्च को होगी विधिवत घोषणा

Edited By Shivam, Updated: 14 Mar, 2020 05:35 PM

uncontested elections decided on all three seats of haryana

हरियाणा में राज्यसभा चुनाव के लिए भाजपा की ओर से दो उम्‍मीदवारों और कांग्रेस की ओर से एक उम्‍मीदवार ने नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है। ऐसे में तीनों सीटों के लिए चुनाव निर्विरोध होना तय है। दो सीटों के लिए नियमित चुनाव और एक सीट पर उपचुनाव हो रहा है।...

चंडीगढ़ (धरणी): हरियाणा में राज्यसभा चुनाव के लिए भाजपा की ओर से दो उम्‍मीदवारों और कांग्रेस की ओर से एक उम्‍मीदवार ने नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है। ऐसे में तीनों सीटों के लिए चुनाव निर्विरोध होना तय है। दो सीटों के लिए नियमित चुनाव और एक सीट पर उपचुनाव हो रहा है। भाजपा की ओर से दुष्‍यंत कुमार गौतम और रामचंद्र जांगड़ा तथा कांग्रेस की ओर से दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने नामांकन दाखिल किया है। इस तरह रामचंद्र जांगड़ा, दुष्यंत कुमार गौतम और दीपेंद्र सिंह हुड्डा का राज्यसभा जाना तय हो गया है। उनके निर्वाचन की विधिवत घोषणा 18 मार्च को होगी। 

तीनों सीटों के लिए नहीं होगा मतदान, 18 मार्च को निर्विरोध विजेता होंगे घोषित
दो नियमित सीटों व एक उपचुनाव के लिए तीन उम्मीदवारों के नामांकन के बाद अब चुनाव की जरूरत नहीं पड़ेगी। तीनों उम्मीदवारों रामचंद्र जांगड़ा, दुष्यंत कुमार गौतम और दीपेंद्र सिंह हुड्डा का राज्यसभा जाना तय हो गया है। अब इसकी औपचारिक घोषणा होनी बाकी है। 16 मार्च को नामांकन पत्रों की जांच होगी, जबकि 18 मार्च को नाम वापस लिए जा सकते हैैं, जिसके तुरंत बाद उसी दिन रिटर्निंग अधिकारी अजीत बालाजी जोशी तीनों को निर्विरोध जीत का सर्टिफिकेट दे देंगे।

जांगड़ा व दीपेंद्र छह-छह और दुष्यंत दो साल के लिए जाएंगे राज्यसभा
राज्यसभा की दो नियमित सीटों के लिए भाजपा के रामचंद्र जांगड़ा और कांग्र्रेस के दीपेंद्र सिंह हुड्डा छह-छह साल के लिए राज्यसभा पहुंचेंगे। उनका राज्यसभा का कार्यकाल 10 अप्रैल 2020 से 9 अप्रैल 2026 तक होगा। पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह के इस्तीफा देने की वजह से खाली हुई सीट पर हुए उपचुनाव में दुष्यंत कुमार गौतम का कार्यकाल एक अगस्त 2022 तक रहेगा। बीरेंद्र सिंह ने जब अपनी सीट से इस्तीफा दिया था, तब उनका इतना ही कार्यकाल बचा हुआ था।

तीन बार सांसद रह चुके दीपेंद्र पहली बार जाएंगे राज्यसभा
कांग्रेस उम्मीदवार दीपेंद्र सिंह हुड्डा राजनीति में अब स्थापित चेहरा बन चुके हैैं। दीपेंद्र ने रोहतक लोकसभा सीट से वर्ष 2005 में पहला उपचुनाव जीता था। उसके बाद 2009 और 2014 के लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की। तीन बार सांसद रह चुके दीपेंद्र सिंह हुड्डा मई 2019 में हुए लोकसभा चुनावो में भाजपा के डॉ. अरविंद शर्मा से मात्र 7503 वोटो के अंतर से हार गए थे। 

अब खुला चार चुनाव हारे जांगड़ा की किस्मत का ताला
भाजपा ने रामचंद्र जांगड़ा के रूप में पिछड़ा वर्ग को राज्यसभा में प्रतिनिधित्व दिया है। जांगड़ा भाजपा पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के अध्यक्ष, भाजपा के प्रांतीय उपाध्यक्ष और राज्य सरकार में चेयरमैन रह चुके हैैं। पिछले राज्यसभा चुनाव में उनकी टिकट कट गई थी। जांगड़ा ने वर्ष 1987 में जींद के सफीदों हलके से लोकदल के टिकट पर, 1991 में रोहतक के महम हलके से हरियाणा विकास पार्टी से और फिर 2014 में सोनीपत के गोहाना हलके से भाजपा से चुनाव लड़ा। वह तीनों बार चुनाव हार गए। 2004 के लोकसभा चुनाव में वह करनाल लोकसभा सीट से हविपा के टिकट पर भी चुनाव लड़े, लेकिन पराजित हो गए।

दिल्ली में दो बार चुनाव लड़े, लेकिन जीत नहीं सके दुष्यंत गौतम
दुष्यंत कुमार गौतम राजनीतिक तौर पर दिल्ली में सक्रिय रहे हैैं। अब उन्होंने हरियाणा को अपनी कार्य स्थली बनाने की बात कही है। भाजपा में अनुसूचित जाति मोर्चा के अध्यक्ष रह चुके तथा भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद पर काम कर चुके हैैं। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के साथ भी गौतम ने काम किया है। वर्ष 2008 और 2013 में दिल्ली विधानसभा चुनावों में वह लगातार दो बार कोंडली (आरक्षित) हलके से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ें, मगर जीत नहीं पाए।

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