नीरज शर्मा को पीड़ा, बोले- राम कथावाचक भगत को क्यों नही घुसने दिया विधानसभा

Edited By Manisha rana, Updated: 20 Feb, 2024 06:01 PM

two yards of cloth is also considered a shroud

कांग्रेस के विधायक नीरज शर्मा को पीड़ा हो रही है कि राम कथावाचक भगत को विधानसभा में घुसने क्यों नहीं दिया। वह जन प्रतिनिधि चुन कर जीत कर आएं हैं।दर असल उन्होंने जो कुर्त्ता डाला था

चंडीगढ़ (चन्द्र शेखर धरणी): कांग्रेस के विधायक नीरज शर्मा को पीड़ा हो रही है कि राम कथावाचक भगत को विधानसभा में घुसने क्यों नहीं दिया। वह जन प्रतिनिधि चुन कर जीत कर आएं हैं।दर असल उन्होंने जो कुर्त्ता डाला था उस पर एक तरफ जय सिया राम व दूसरी तरफ गणेश जी थे।हाल ही में कुछ दिन पहले नीरज स्पीकर महोदय से मिल कर गए थे।तब भी स्पीकर ज्ञान चन्द गुप्ता का सीधा स्टैंड था कि साधारण वेश भूषा में आएं व नियमानुसार नही एंट्री होगी।दो गज का कपड़ा जो कफ़न भी माना जाता है,उसे पहन प्रवेश नही मिलेगा।

प्रभु सिया राम के नाम से भाजपा को परेशानी- नीरज शर्मा

एनआईटी फरीदाबाद से विधायक नीरज शर्मा विधानसभा में अपने 2 गज के कपडोे में पहुंचे तो उनको प्रवेश द्धारा पर रोक दिया गया। अधिकारियोे का कहना था कि इन कपडो पर विधानसभा में आपको जाने नही दिया जाएगा। विधायक नीरज शर्मा का कहना था कि उनके द्धारा विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर अपने कपड़ों पर स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा था साथ ही यह भी पूछा था कि जो चोला मैंने पहन रखा है कृपया विधानसभा अध्यक्ष बिंदुवार बताएँ कि उसमें विधानसभा अध्यक्ष को क्या आपत्ति है। 

नीरज शर्मा का कहना था कि उनके वस्त्र पर जय सिया राम लिखा है और स्वस्तिक चिह्न बना है कोई असंसदीय शब्द नहीं लिखा है तो फिर उन्हें क्यों सदन में जाने से रोक जा रहा है। विधानसभा से प्राप्त जवाब में हरियाणा विधानसभा कि सदस्यों पियोगी पुस्तक काम में अध्याय दो में विधानमंडल के अंदर विधायकों के लिए आचार संहिता शिष्टाचार के सामान ने नियमों के नियम निम्नलिखित हैं नियम 14 में वर्णित है कि सदन में किसी तरह का बिल्ला धारणा नहीं करेगा नियम 16 में वर्णित है कि सदन में झंडा चिन्ह या प्रदर्शनी नहीं लगाएगा तथा संसदीय पद्धति और प्रक्रिया के अध्याय 12 में सदस्यों के आचरण में सभा में मर्यादा और गरिमा बनाए रखने के लिए सदस्यों को किसी भी प्रकार की उच्छृंखलता नहीं करनी चाहिए। विधायक नीरज शर्मा ने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखा था कि बिंदु नंबर एक में जैसा कि लिखा है कि सदन में किसी तरह का बिल्ला धारणा नहीं करेगा तो मैने कोई बिल्ला धारण नही किया है। बिंदु नंबर दो में जैसा कि लिखा है कि सदन में झंडा चिन्ह यह प्रदर्शनी नहीं लगाएगा मेरे कपड़ों पर कोई प्रदर्शनी नहीं है सिर्फ़ सियाराम का नाम एवं स्वास्थ्य का निशान रामायण की चौपाई हैं। फिर मुझे सदन में प्रवेश करने से क्यो रोका जा रहा है। भाजपा सरकार को प्रभुराम के नाम से इतनी परेशानी क्यो है। मै विधानसभा में अपने कपडो पर प्रभुसियाराम का नाम लिखकर क्यो नही जा सकता।

प्रवेश द्धारा जब कोई जवाब अधिकारियों के पास नही था तो विधायक नीरज शर्मा ने अपने 2 गज का कपडा बिना कुछ लिखा हुआ पहनकर ही गए। विधायक नीरज शर्मा का कहना था कि मेरी जनता ने मुझे विधानसभा में अपने क्षेत्र की समस्यों को उठाने के लिए भेजा है इसलिए मै सत्र को नही छोडूंगा। भाजपा सरकार तो चाहती ही है नीरज शर्मा सदन में ना जाए ताकि इनकी सरकार की और बदनामी ना हो।

ग़ौरतलब है कि विधायक नीरज शर्मा ने अपने इलाक़े की जन समस्याओं के लिए मुख्यमंत्री मनोहरलाल 28 करोड़ रुपये की विकास कार्यों की फ़ाइल को पास करने का अनुरोध किया था बार बार अनुरोध किए जाने के बावजूद विधानसभा सदन में याद दिलाने के बावजूद मुख्यमंत्री ने इन फाइलों पर दस्तख़त करने से इंकार कर दिया था इसके विरोध में एक महीने का अल्टीमेटम देने के बाद विधायक नीरज शर्मा ने अपने वस्त्र त्याग कार कफ़न का दो गस से लाभ हुआ कपड़ा धारण कर लिया था जिस पर जय सियाराम स्वास्तिक जैन रामायण की चौपाई कबीर के दोहे अंकित हैं साथ ही नीरज शर्मा की विधान सभा एनआईटी 86 की जन समस्याओं की तस्वीरें और उन समस्याओं के बारे में लिखा गया है। नीरज शर्मा के इस वस्त्र को धारण करने के बाद सरकार ने उन्हें गणतंत्र दिवस समारोह में 26 जनवरी को प्रवेश करने से रोक दिया था साथ ही राज्यपाल की एट होम पार्टी में भी प्रवेश नहीं करने दिया था इसे विधायक नीरज शर्मा ने सरकार की ज्यादती क़रार दिया था और उनके अभिव्यक्ति के अधिकार का भी हनन बताया था।

 

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