जलभराव से बर्बादी के कगार पर पहुंची हजारों एकड़ फसल, खाने के पड़ सकते हैं लाले

Edited By Mohammad Kumail, Updated: 17 Jul, 2023 03:20 PM

thousands of acres of crops reached brink of destruction due to waterlogging

लगातार हो रही बारिश के चलते क्षेत्र के दर्जनों गांवों की करीब साढ़े 24 हजार एकड़ जमीन पर जलभराव होने से जहां किसानों की खेती बर्बाद हो रही है वहीं किसानों को आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ रहा है...

चरखी दादरी (पुनीत श्योराण) : लगातार हो रही बारिश के चलते क्षेत्र के दर्जनों गांवों की करीब साढ़े 24 हजार एकड़ जमीन पर जलभराव होने से जहां किसानों की खेती बर्बाद हो रही है वहीं किसानों को आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ रहा है। हालात ऐसे हैं कि फसल बर्बाद के चलते किसानों को खाने के लाले पड़े हैं। लगातार कई वर्षों से खेत बिजाई से वंचित होने के कारण क्षेत्र के किसान भूखमरी की कगार पर पहुंच जाएंगे। इतना ही नहीं, पानी निकासी के पुख्ता प्रबंध नहीं होने के कारण जमीन बंजर होने के कगार पर पहुंच गई है। वहीं कृषि विभाग ने आंकलन का सर्वे करवाते हुए रिपोर्ट मुख्यालय भेजी है।

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चरखी दादरी क्षेत्र के दो दर्जन से ज्यादा गांवों में पिछले 4-5 वर्षों से जलभराव की समस्याएं आ रही हैं। हर बार स्थानीय प्रशासन व सिंचाई विभाग द्वारा किसी तरह पानी की निकासी करता रहा है। लेकिन इस बार पानी निकासी का कार्य शुरू होने के कारण हालात बिगड़ रहे हैं। गांव बिगोवा, इमलोटा, मोरवाला, लोहरवाड़ा, भागवी, स्वरूपगढ़, सांतौर सहित 25 गांवों में पिछले दिनों हुई बारिश के कारण सैंकड़ों एकड़ फसलें पानी में डूब गई हैं। जबकि करीब एक हजार एकड़ जमीन पर जलभराव होने के कारण बिजाई तक नहीं हो पाई। हालांकि कृषि विभाग द्वारा जलभराव की रिपोर्ट तैयार करवाई गई है। जिसमें 24 हजार 500 एकड़ बारिश के पानी से फसलों में नुकसान का आंकलन किया गया है।

किसान भूपेंद्र सिंह, धर्मबीर सिंह व रमेश कुमार इत्यादि ने बताया कि फसलों में पानी निकासी का कोई प्रबंध नहीं होने के कारण फसल बर्बादी के कगार पर है। किसान भी अपनी फसल बचाने के लिए बेबस हैं। लगातार जलभराव होने व पानी की निकासी समय पर नहीं होने के कारण अनेक गांवों के किसानों की खेती लायक जमीन अब बंजर होने लगी है। पानी के कारण कपास की फसल में सबसे ज्यादा नुकसान, ज्वार व अन्य फसलों भी 50 प्रतिशत तक नुकसान हुआ है। सरकार को तुरंत स्पेशल गिरदावरी करवाकर मुआवजा राशि देनी चाहिए।

वहीं कृषि विभाग के अधिकारी डॉ. चंद्रभान ने बताया कि लगातार बारिश के कारण 24 हजार 500 एकड़ फसल में बारिश के पानी से जल भरा हुआ है। कृषि विभाग द्वारा आंकलन करवाया गया है जिसमें शून्य से 25% 26 से 51% और 51 से 75% तक का फसलों में नुकसान हुआ है। विभाग द्वारा सर्वे रिपोर्ट तैयार करवाते हुए मुख्यालय भेज दिया गया है।

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