Edited By Isha, Updated: 11 Oct, 2024 05:33 PM
पिछले कई सालों से पंचकूला में हो रहे भारत के सबसे ऊंचे रावण के पुतले की लंबाई इस बार करीब 26 फुट कम हो गई है। हालांकि कारीगरों की ओर से इस बार भी रावण की पुतले की लंबाई 181 फुट ही रखी गई थी
पंचकूला (चंद्रशेखर धरणी) : पिछले कई सालों से पंचकूला में हो रहे भारत के सबसे ऊंचे रावण के पुतले की लंबाई इस बार करीब 26 फुट कम हो गई है। हालांकि कारीगरों की ओर से इस बार भी रावण की पुतले की लंबाई 181 फुट ही रखी गई थी, लेकिन रावण का पुतला खड़ा किए जाने के बाद रात के समय अचानक आए आंधी-तूफान में सैकड़ों फीट ऊंचा रावण का पुतला धराशाई हो गया।
इसके बाद दशहरा कमेटी की ओर से फिर से रावण के पुतले को खड़ा करने का प्रबंध किया गया, लेकिन इस बार रावण के पुतले को फिर से खड़ा करते समय उसके पैर, लात और जूते खड़े नहीं हो पाए, जिसके चलते रावण के पुतले की लंबाई 181 फुट से कम होकर 155 फुट पर पहुंच गई। दशहरा कमेटी के विष्णु गोयल ने बताया कि पुतला गिरने के बाद ऐसा लग रहा था कि मानों इसे फिर से खड़ा नहीं कर पाएंगे, लेकिन प्रभु और माता मनसा देवी की कृपा से 24 घंटे के भीतर ही फिर से पुतले को खड़ा कर दिया, लेकिन रावण के पुतले के पैर और जूते वगैहरा को दोबारा से उसके साथ नहीं जोड़ पाएं, क्योंकि उनकी फाउंडेशन नहीं फिर से नहीं हो सकती थी।
गोयल ने बताया पिछले 4 महीने से रावण के पुतले को बनाने का काम किया जा रहा था। पिछले 30 सालों से दशहरा कमेटी ही रावण दहन का कार्य कर रही है, लेकिन 2019 से वह सबसे बड़ा रावण दहन कर रहे हैं। आज भी उनकी ओर से तैयार करवाया गया रावण का पुतला हरियाणा के अलावा पंजाब, हिमाचल और जम्मू-कश्मीर का सबसे बड़ा पुतलना है।
उन्होंने बताया कि पुतले की सुरक्षा के लिए पंचकूला प्रशासन की ओर से पूरा सहयोग किया जाता है। उन्हें पूरी पुलिस सुरक्षा मुहैया करवाई जाती है। इसके अलावा उन्होंने अपने स्तर पर भी 200 बाउंसर तैनात किए हैं। विष्णु गोयल ने स्कूल प्रबंधकों से भी अपील की कि वह दिन के समय में अपने छात्रों को खुद लेकर आए और उन्हें रावण के इतिहास के बारे में बताए, जिससे उन्हें अपनी सभ्यता और प्राचीन इतिहास की जानकारी मिल सके।