लग्जरी कार के बराबर इस भैंसे की कीमत, रख-रखाव पर राेजाना खर्च हाेते हैं इतने रूपये(VIDEO)

Edited By vinod kumar, Updated: 31 Jan, 2020 07:39 PM

हरियाणा की मुर्रा नस्ल को काला सोना कहा जाता है। इसी मुर्रा नसल को आगे बढ़ाने का काम भिवानी के पशुपालक शमशेर जांगड़ा बाखूबी कर रहे है। इन्होंने इस नस्ल से बेहतर कॉफ (कटड़े) प्रजनन के लिए राज्य पशु प्रदर्शनियों में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले भैंसे...

भिवानी(अशोक): हरियाणा की मुर्रा नस्ल को काला सोना कहा जाता है। इसी मुर्रा नसल को आगे बढ़ाने का काम भिवानी के पशुपालक शमशेर जांगड़ा बखूबी कर रहे हैं। इन्होंने इस नस्ल से बेहतर कॉफ (कटड़े) प्रजनन के लिए राज्य पशु प्रदर्शनियों में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले भैंसे विराट को 8 लाख रूपये की लागत से खरीदा है। जो महंगी कारों की कीमत के समान है। 

शमशेर जांगड़ा ने मुर्रा नस्ल के भैंसे वराट के बारे में बताया कि इसका वजन 7 क्विंटल, ऊंचाई 5 फुट 4 ईंच है। यह राज्य पशु प्रदर्शनियों में अनेको बार ईनाम ले चुका है। उसने यह भैंसा गांव लेघां के किसान महेंद्र से खरीदा है। इसकी कीमत पशु प्रदर्शनियों में 8 लाख रूपये तक लग चुकी है। 

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पशुपालकों को सीमन सस्ते दामों पर देंगे
उन्होंने इसके खरीदने के उद्देश्य के बारे में बताया कि हरियाणा प्रदेश में दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने मेें मुर्रा नस्ल अग्रणीय रही है। वे इस भैंसे से सीमन तैयार करके जिला व प्रदेश के पशुपालकों को सस्ते दामों में देंगे। जिससे हरियाणा प्रदेश में मुर्रा नस्ल को बढ़ावा मिलेगा। इसका सीमन प्रतिमाह लाखों रूपये में बिकता है।

रख रखाव के लिए प्रतिदिन खर्च होते हैं 1200 रुपये
शमशेर ने बताया कि वे इसके रख-रखाव पर प्रतिदिन हजार से 1200 रूपये खर्च करते हैं। जिसमें चार किलो दूध, तीन किलो चने, तीन किलो बिनौले, दो किलो मक्का मिक्सचर, दो किलो गुड़ के साथ हरा चारा व सूखा चारा शामिल होता है। इसके साथ इसे नहला-धुलाकर इसकी मालिश का काम भी वे हर दिन करते है। 

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विराट ने राज्य पशु प्रदर्शनी में ईनाम किया हासिल
वहीं भिवानी के पशु चिकित्सक विजय सनसनवाल ने बताया कि विराट ने हाल ही में राज्य पशु प्रदर्शनी में ईनाम पाया था। किसानों की आय को दोगुना करने के लिए पशुपालन भी एक महत्वपूर्ण कार्य है, जिसे भिवानी के पशुपालक शमशेर जांगड़ा मुर्रा नस्ल के भैंसे विराट के माध्यम से आगे बढ़ा रहे हैं। आज प्रदेश में दुग्ध उत्पादन के साथ ही भैंसे के माध्यम से सीमन उत्पादन में भी अच्छी-खासी कमाई है, जिसके महत्व को समझते हुए शमशेर ने विराट के पालन-पोषण का जिम्मा उठाया है। 

गौरतलब है कि पशुपालन व्यवसाय से किसानों की आय में तेजी से वृद्धि हो रही है। आज न केवल दूध के अच्छे दाम मिल रहे है, बल्कि उच्च गुणवत्ता के सीमन का भी मार्केट में मांग है। जिसे विराट व युवराज जैसे भैंसे पूरा कर रहे है। इनको पालने वाले पशुपालक खासा मुनाफा कमा रहे हंै।

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