Edited By Isha, Updated: 19 Jun, 2024 03:01 PM
![the power of haryana once revolved around the families of the lals](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2024_6image_15_01_1361549261-ll.jpg)
कहते हैं कि राजनीति में कभी कोई किसी का स्थाई दोस्त या दुश्मन नहीं होता। शायद यहीं कारण है कि इन दिनों हरियाणा की राजनीति में नेताओं में जहां एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने की जुबानी जंग जारी है। वहीं, लोकसभा चुनाव से पहले और परिणाम के बाद भी...
चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी):कहते हैं कि राजनीति में कभी कोई किसी का स्थाई दोस्त या दुश्मन नहीं होता। शायद यहीं कारण है कि इन दिनों हरियाणा की राजनीति में नेताओं में जहां एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने की जुबानी जंग जारी है। वहीं, लोकसभा चुनाव से पहले और परिणाम के बाद भी नेताओं का एक दल से दूसरे दल में जाने का सिलसिला भी लगातार जारी है। किसी समय में देवीलाल, बंसीलाल और भजनलाल के रूप में तीन लालों के ईर्द-गिर्द घूमने वाली राजनीति कुछ समय पूर्व ही राजनीति में आए चौथे लाल मनोहर लाल के ईर्द-गिर्द घूम रही है। हालांकि देवीलाल, बंसीलाल और भजनलाल के कार्यकाल को देखे तो अलग-अलग राजनीति करने वाले इन तीनों लालों की विरासत अब भारतीय जनता पार्टी सहेज रही है। इन तीनों लालों के लाल अपना राजनीतिक भविष्य तराशने के लिए इनकी विरासत को छोड़कर भारतीय जनता पार्टी के झंडे तले जुटना शुरू हो चुके हैं।
पार्टी बनाकर किया कांग्रेस में विलय
हरियाणा की राजनीति के लाल बंसीलाल और भजनलाल ने कांग्रेस में अनदेखी होने पर खुद की अलग-अलग पार्टी बनाई। इनमें बंसीलाल ने हरियाणा विकास पार्टी और भजनलाल ने हरियाणा जनहित कांग्रेस के नाम से अपनी-अपनी पार्टी बनाई। इनमें बंसीलाल ने 1996 में भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर अपनी सरकार बनाई, लेकिन वह 2 साल से अधिक नहीं चल पाई। इसी प्रकार से भजनलाल ने 2005 में कांग्रेस से अलग होकर हरियाणा जनहित कांग्रेस पार्टी के बैनर तले विधानसभा चुनाव लड़ा। उस समय पार्टी के कुछ विधायक भी बने, जो बाद में पार्टी को छोड़कर कांग्रेस में चले गए। बाद में पुत्र मोह के चलते बंसीलाल, फिर भजनलाल ने अपनी-अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय कर दिया था। इनसे हटकर चौधरी देवीलाल की ओर से बनाई गई इंडियन नेशनल लोकदल पार्टी ही अब तक एक क्षेत्रीय दल के रूप में अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है।
बीजेपी में पहुंचे तीनों लालों के ‘लाल’
किसी समय में हरियाणा की राजनीति की पीएचडी कहे जाने वाले भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई ने कुछ समय पहले ही कांग्रेस को अलविदा कहते हुए बीजेपी में अपनी आस्था जताई और वह अपनी पत्नी और बेटे के साथ बीजेपी में शामिल हो गए। उसी प्रकार से देवीलाल के लाल के रुप में मौजूदा हरियाणा सरकार में कैबिनेट मंत्री रणजीत चौटाला भी लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए। अब विधानसभा चुनाव से पहले तीसरे लाल और लौहपुरुष कहे जाने वाले चौधरी बंसीलाल की राजनीतिक विरासत संभाल रही उनकी बहू किरण चौधरी अपनी बेटी श्रुति चौधरी के साथ भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गई।
चौथे लाल बने राजनीति की धुरी का केंद्र
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और मौजूदा केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल आजकल हरियाणा की राजनीतिक धुरी का केंद्र बने हुए हैं। इस काम में उनका सहयोग मुख्यमंत्री के पब्लिसिटी एडवाइजर तरुण भंडारी कर रहे हैं। हरियाणा की राजनीति के लाल देवीलाल, बंसीलाल और भजनलाल को राजनीति की नर्सरी कहा जाता था, लेकिन राजनीति के बदलते घटनाक्रम ने अब लोगों की धारणा बदल दी है। कारण साफ है कि हरियाणा की राजनीति के ध्रुवीकरण रहे तीनों लाल बंसीलाल, भजनलाल और देवीलाल के ‘लाल’ भाजपा के झंडे के गेरुआ रंग में रंग चुके हैं।