Edited By Isha, Updated: 17 Apr, 2021 08:47 AM
वर्ष नवम्बर-दिसम्बर में कोरोना का प्रकोप कम होने लगा था तो पलायन कर चुके मजदूरों ने वापसी शुरू कर दी थी, लेकिन अब एक बार फिर कोरोना जिस तरह से कोरोना पैर पसार रहा है, उससे मजदूरों को फिर से लॉकडाऊन की आशंका सताने लगी
सोनीपत(पवन राठी): वर्ष नवम्बर-दिसम्बर में कोरोना का प्रकोप कम होने लगा था तो पलायन कर चुके मजदूरों ने वापसी शुरू कर दी थी, लेकिन अब एक बार फिर कोरोना जिस तरह से कोरोना पैर पसार रहा है, उससे मजदूरों को फिर से लॉकडाऊन की आशंका सताने लगी है। ऐसे में बहुत से औद्योगिक क्षेत्रों से मजदूरों का पलायन शुरू हो गया है। मजदूरों का यह कदम उद्योगों के लिए एक बार फिर बड़ी मुसीबत खड़ी करने वाला है। इधर, मजदूरों का साफ कहना है कि कोरोना के केस जिस तरीके से बढ़ रहे हैं, उसे देखते हुए सरकार ने सख्ती करना शुरू कर दिया है। यदि केसों पर अंकुश नहीं लगा तो हो सकता है कि सरकार लॉकडाऊन भी लगा दे, इसीलिए भविष्य में कोई जोखिम उठाने के लिए तैयार नहीं हैं। यही कारण है कि वे पहले ही अपने घरों को रवाना हो रहे हैं।
पहले कोरोना फिर किसान आंदोलन और अब फिर से कोरोना का बढ़ता प्रकाप। सालभर से कुंडली, राई, बड़ी क्षेत्रों के मजदूरों के सामने बड़ा संकट खड़ा हुआ है। कोरोना से राहत मिलने के बाद काम पर लौटे मजदूरों को उम्मीद थी कि उनकी रोजी-रोटी फिर से चलने लगेगी लेकिन अब गत 4 माह से किसानों द्वारा कुंडली बार्डर पर डेरा जमाने से उद्योग बुरी तरह प्रभावित हुआ है, जिसका सीधा असर मजदूरों पर पड़ा है। रही-सही कसर अब फिर से कोरोना के बढ़ते प्रभाव के चलते उपजी स्थिति ने पूरी कर दी है। मजदूरों कोआशंका है कि केस ज्यादा बढ़ते तो सरकार कुछ भी कदम उठा सकते हैं, ऐसे में वे पहले ही घरों को निकलने लगे हैं, ताकि बाद में दिक्कत न हो।
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