Edited By Nitish Jamwal, Updated: 14 Jul, 2024 12:54 PM
एक दिल के साथ जन्मी से छाती से जुड़ी जुड़वा बच्चियां, आखिरकार 48 घंटे बाद जिंदगी की जंग हार गई। दोनों बच्चियों ने शनिवार देर रात 2 बजे आखिरी सांस ली थी। मां की गोद में ही दोनों ने दम तोड़ दिया। परिजनों ने बच्चियों का नाम लक्ष्मी रखा था।
अंबाला (अमन कपूर): एक दिल के साथ जन्मी से छाती से जुड़ी जुड़वा बच्चियां, आखिरकार 48 घंटे बाद जिंदगी की जंग हार गई। दोनों बच्चियों ने शनिवार देर रात 2 बजे आखिरी सांस ली थी। मां की गोद में ही दोनों ने दम तोड़ दिया। परिजनों ने बच्चियों का नाम लक्ष्मी रखा था। शुक्रवार को वो दोनों बच्चियों को चंडीगढ़ पीजीआई ले जाने की जगह अपने संग घर ले आए थे।
बता दें कि परिजन दिनरात बच्चियों की देखभाल कर रहे थे। महज उन्हें ड्रापर के जरिए ही दूध पिलाकर लंबी उम्र की कामना कर रहे थे। रविवार सुबह 10 बजकर 20 मिनट पर पिता चुनचुन ने हुड्डा सेक्टर-34 के पास टांगरी नदी के पास बने श्मशान घाट में दोनों बच्चियों को दफनाया। दरअसल, वीरवार देर रात को प्रसव पीड़ा उठाने पर शकुंतला को सेक्टर-34 हुड्डा से छावनी नागरिक अस्पताल लाया गया था। नार्मल डिलिवरी हुई तो दो जुड़वा जन्मी थी। दोनों की छाती व पेट के नीचे का हिस्सा आपस में जुड़ा हुआ था।
अल्ट्रासाउंड से पता चला था कि दोनों में एक ही दिल धड़क रहा है। कुछ ही देर बाद दोनों बच्चियों को रात में चंडीगढ़ पीजीआई रेफर कर दिया था लेकिन वहां से उपचार न होने की बात बोलकर वापस अंबाला के छावनी नागरिक अस्पताल भेज दिया गया था। शुक्रवार को जब डॉक्टरों ने दोबारा बच्चियों का चंडीगढ़ पीजीआई रेफर किया तो परिजन हारकर बच्चियों को अपने घर ले आए थे।
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