Edited By Pawan Kumar Sethi, Updated: 18 Dec, 2025 10:47 PM

उत्तर भारत में शीत लहर का प्रकोप शुरू हो गया है। ठंड के साथ शहर में धुंध भी बढ़ गई जिसके कारण कई स्थानों पर सुबह के वक्त जीरो विजिबिलिटी रही। वहीं, वीरवार को शहर में हवा के स्तर पर थोडा सुधार दर्ज किया गया।
गुड़गांव, (ब्यूरो): उत्तर भारत में शीत लहर का प्रकोप शुरू हो गया है। ठंड के साथ शहर में धुंध भी बढ़ गई जिसके कारण कई स्थानों पर सुबह के वक्त जीरो विजिबिलिटी रही। वहीं, वीरवार को शहर में हवा के स्तर पर थोडा सुधार दर्ज किया गया। प्रदूषण स्तर में सुधार होते ही बुधवार को रेड जोन में आए गुड़गांव के चार स्टेशनों में से दो स्टेशन ऑरेंज जोन में आ गए। विशेषज्ञों की मानें तो पूर्व की अपेक्षा की अब हवा में थोडा सुधार है।
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वीरवार सुबह पूरा गुड़गांव घने कोहरे की चपेट में आ गया। सोहना रोड सहित द्वारका एक्सप्रेसवे व दिल्ली जयपुर हाइवे पर वाहनों को रेंगते देखा गया। दिन में ही गाड़ियों की लाइटें जली दिखाई दी। सुबह 9 बजे जहां साेहना रोड पर घामडौज टोल प्लाजा के पास जीराे विजिबिलिटी दर्ज की गई तो वहीं दोपहर होने तक मौसम कुछ हद तक खुल गया। सोहना क्षेत्र में जहां 11 बजे के बाद धूप निकलने लगी तो दोपहर होने के बादजूद पुराने गुड़गांव व आसपास के क्षेत्र में घना कोहरा देखने को मिला। दोपहर करीब दो बजे तक पुराने गुड़गांव सहित द्वारका एक्सप्रेसवे के आसपास क्षेत्र में विजिबिलिटी 100 मीटर के आसपास रही।
वहीं, आज प्रदूषण के स्तर में भी राहत देखने को मिली है। अधिकारियों की मानें तो शहर के ग्वाल पहाड़ी, टेरीग्राम, सेक्टर- 51, की हवा रेड जोन में दर्ज की गई। जबकि विकास सदन व टेरीग्राम की हवा ऑरेंज जोन में रिकार्ड की गई। दूसरे दिन भी पूरे दिन स्मॉग व धुएं जैसा गुबार देखने को मिला। दूसरे दिन भी हाईवे सहित आम सड़कों पर भी वाहन चालकों को दिन में ही लाइट जलाकर यात्रा करनी पडी। वही एनसीआर क्षेत्र में लगातार बिगड़ती वायु गुणवत्ता व वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) द्वारा लागू ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) के प्रावधानों को सख्त किया गया है। डीसी अजय कुमार द्वारा द्वारा जारी आदेशों के तहत जिले के सभी स्कूलों में कक्षा पहली से पांचवीं तक की कक्षाएं हाइब्रिड मोड में संचालित की जानी चाहिए। बच्चों के स्वास्थ्य व सुरक्षा के लिए यह व्यवस्था लागू की गई है। जिसके अंतर्गत कक्षा पांचवी तक की पढ़ाई ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों माध्यमों से की जा रही है। स्थानीय निवासियों की मानें तो गंभीर प्रदूषण स्तर के कारण लोगों को सांस लेने में दिक्कतों के साथ आंखों में जलन व गले में खराश आदि की दिक्कतों से जूझना पडा। सबसे ज्यादा समस्या दिल व अस्थमा मरीजों को रही है। बताया गया है कि ज्यादा गंभीर मरीज बाहर रहने के बजाय घरों में ही रहने को मजबूर है।