सोहना: ठेकेदार की लापरवाही ने छीन ली 1300 बच्चों की पढ़ाई, समय पूरा होने के बाद भी नहीं बनाई स्कूल की इमारत

Edited By Manisha rana, Updated: 07 Jul, 2024 10:17 AM

the contractor s negligence took away the education of 1300 children

इन दिनों हरियाणा शिक्षा विभाग का हाल बद से बदतर हो चुका है। किसी स्कूल के बाहर बरसाती पानी का जमावड़ा है तो किसी स्कूल के अंदर मलमूत्र वाला सीवरेज युक्त पानी भरा है। किसी स्कूल की इमारत जर्जर हो चुकी है तो किसी इमारत की छतों से पानी टपक रहा है, लेकिन...

सोहना (सतीश) : इन दिनों हरियाणा शिक्षा विभाग का हाल बद से बदतर हो चुका है। किसी स्कूल के बाहर बरसाती पानी का जमावड़ा है तो किसी स्कूल के अंदर मलमूत्र वाला सीवरेज युक्त पानी भरा है। किसी स्कूल की इमारत जर्जर हो चुकी है तो किसी इमारत की छतों से पानी टपक रहा है, लेकिन इसकी चिंता विभागीय उच्च अधिकारियों से लेकर शिक्षा मंत्री तक को नहीं है। स्थानीय लोगों द्वारा शिक्षा के मंदिरों की शिकायत मंत्रियों के जनता दरबारों से लेकर शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों तक दी जा रही है। 

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आपको जिस स्कूल के बारे में बता रहे है वह स्कूल सोहना का सबसे बड़ा स्कूल है और इसमें करीब 1300 छात्र-छात्राएं शिक्षा ग्रहण करने के लिए आती है, जिसकी जर्जर इमारत को कई साल पहले तोड़ दिया गया था और नई इमारत बनाने का ठेका भी छोड़ दिया गया था, जिसकी इमारत का निर्माण कार्य 30 जून को कंप्लीट होना था और उम्मीद यह जताई जा रही थी कि कई सालों से बरसाती सीजन के दौरान बाधित होने वाली स्कूली बच्चों की पढ़ाई अबकी बार बाधित नहीं होगी। ठेकेदार की लापरवाही के चलते स्कूल की इमारत का निर्माण कार्य अभी भी अधर में लटका हुआ है, जिसको शिक्षा विभाग द्वारा नोटिस देने के बाबजूद इसके निर्माण कार्य की अवधी को एक महीने के लिए ओर बढ़ा दिया गया है, लेकिन ठेकेदार के कार्य करने की गति को देखते हुए ऐसा नहीं लग रहा कि एक माह के अंदर स्कूल भवन के निर्माण का कार्य पूरा हो पाएगा। स्कूल की इस दुर्दशा को लेकर कस्बा के मौजिज लोगों में सरकार व शिक्षा विभाग के खिलाफ भारी रोष व्यापत है, जिंन्होने मंत्री के जनता दरबार में भी इसकी लिखित शिकायत दी है। 

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बता दें कि स्कूल प्रिंसिपल द्वारा स्कूली बच्चों को दो शिफ्ट में बुलाया जाता है, ताकि बच्चों की पढ़ाई बाधित ना हो सके, लेकिन स्कूल के अंदर पानी भरने से बच्चों के लिए बाहर बैठने के लिए भी कोई स्थान नहीं बचा है, जिसकी वजह से बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है। ऐसे में शिक्षा विभाग के अधिकारियों को जरूरत है कि स्कूल भवन के निर्माण का कार्य करने वाले ठेकेदार के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करें ताकि समय रहते स्कूल की इमारत बन सकें। बच्चों की पढ़ाई बाधित ना हो सके। देखने वाली बात यह होगी कि शिक्षा विभाग द्वारा ठेकेदार के खिलाफ क्या कार्यवाही अमल में लाई जाती है और स्कूल की इमारत का निर्माण कार्य कब तक पूरा किया जाता है। 

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