HMTECSL के बोर्ड ऑफ एडमिनिस्ट्रेटिव अधिकारियों द्वारा कंपनी को लगाया करोड़ों रुपयों का चूना

Edited By Isha, Updated: 07 Dec, 2023 12:12 PM

the company was defrauded of crores of rupees

एचएमटी बचाओ संघर्ष समिति संरक्षक एडवोकेट विजय बंसल ने एचएमटी एम्पलाइज कोऑपरेटिव कंज्यूमर सोसाइटी लिमिटेड पिंजौर के अधिकारियों द्वारा एचएमटी कर्मचारियों के करोड़ों रुपए का गबन करने और एचएमटी कंपनी को करोड़ों

चंडीगढ़(चन्द्र शेखर धरणी): एचएमटी बचाओ संघर्ष समिति संरक्षक एडवोकेट विजय बंसल ने एचएमटी एम्पलाइज कोऑपरेटिव कंज्यूमर सोसाइटी लिमिटेड पिंजौर के अधिकारियों द्वारा एचएमटी कर्मचारियों के करोड़ों रुपए का गबन करने और एचएमटी कंपनी को करोड़ों का चूना लगाने का मामला उठाते हुए हरियाणा सरकार और प्रशासन से दोषी अधिकारियों पर सख्त कार्यवाही करने की मांग की है।

एडवोकेट विजय बंसल ने बताया कि एचएमटी कर्मचारियों को सुविधा एवं लाभ देने के उद्देश्य से सन 1964 में बनाई गई एचएमटी एम्पलाइज कोऑपरेटिव कंज्यूमर सोसाइटी लिमिटेड पिंजौर के उस पेट्रोल पंप को बोर्ड ऑफ एडमिनिस्ट्रेटिव के अधिकारियों द्वारा 800 रुपये प्रतिदिन यानी 24000 रुपए प्रतिमाह के हिसाब से किराए पर एक निजी व्यक्ति को दे दिया जिस पेट्रोल पंप से प्रतिमाह लाखों रुपए का लाभ अर्जित होता था। गलत तरीके से पेट्रोल पंप देने के विरुद्ध की गई जांच में दोषी पाए गए अधिकारियों पर गत लगभग 3 वर्षों से कोई कार्यवाही नहीं हुई है। विजय बंसल एडवोकेट ने कि हैरानी की बात है कि इस गबन के विषय में मुख्यमंत्री हरियाणा, एडिशनल चीफ सेक्रेट्री हरियाणा, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार और जांच अधिकारी एडिशनल रजिस्ट्रार कम चीफ ऑडिटर कोऑपरेटिव सोसायटी पंचकूला द्वारा दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करने के निर्देश देने के बावजूद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई है जो एचएमटी कर्मचारियों के साथ बहुत बड़ा धोखा है।

 एडवोकेट विजय बंसल ने बताया कि डिप्टी सुपरिन्टेन्डेन्ट फ़ॉर रजिस्टार कोऑपरेटिव सोसाइटी हरियाणा पंचकूला द्वारा वर्ष 2017-18 में सबमिट की गई ऑडिट रिपोर्ट के बाद इस गबन का खुलासा हुआ था। जिसमें स्पष्ट तौर पर जिक्र किया गया है। डिप्टी सुपरिंटेंडेंट ने अपनी रिपोर्ट में लिखा था कि कोऑपरेटिव सोसाइटी द्वारा दिनांक 31 मार्च 2016 को सप्लायर को एक करोड़ 39 लाख 54233 का एडवांस बिना किसी स्पोर्टिंग डॉक्यूमेंट के दिखाया गया और जांच-पड़ताल के दौरान स्पोर्टिंग डॉक्यूमेंट के बिना 23 लाख 41 814 रुपए की रिकवरी दिखाई गई है। इस प्रकार 31 मार्च 2016 को एक करोड़ 16 लाख 12419 रुपए का एडवांस बकाया दिखाया गया है। इसके अलावा समिति द्वारा पिछले वर्ष का ना तो सब लेजर पेश किया गया और ना इससे संबंधित कोई सूची पेश की गई जिसके अभाव में इस खाते को प्रमाणित करना संभव नहीं है। इसलिए किसी को अधिक और गलत अदायगी की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। यहां तक कि ऑडिट द्वारा बार-बार कहने के बावजूद भी इसका रिकॉर्ड पूरा नहीं किया गया जो की बहुत ही गंभीर विषय है।

अतः सोसाइटी प्रबंधन, प्रबंधक को समिति का रिकॉर्ड पेश करने के निर्देश दिए गए थे लेकिन उस निर्देशों की भी पालना नहीं की गई। इतना ही नहीं खाते की विशेष ऑडिट के दौरान पाया गया कि समिति प्रबंधक व लेखाकार द्वारा पिछले कई वर्षों से समिति की देनदारों की राशि सप्लायर एडवांस खाते में बकाया राशि दिखाई हुई थी जो की समिति रिकॉर्ड अनुसार 31 मार्च 2017 को एक करोड़ 11 लाख 54378 रुपए बकाया थी परंतु 1 वर्ष बाद इस राशि को बिना किसी औचित्य और दस्तावेज के रिज़र्व व सरप्लस फंड में ट्रांसफर कर खत्म कर दिया गया इस तरह की ट्रांसफर करने से संदेह होता है कि उक्त राशि फर्जी दिखाई गई थी ताकि इस राशि को भविष्य में समायोजित किया जाए।

 

  विजय बंसल एडवोकेट ने बताया कि गलत तरीके से वर्ष 2020 में कोऑपरेटिव सोसाइटी कर्मचारियों को दोषी करार देकर उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया था इसी विषय में कर्मचारियों ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका डालकर मामले की पूरी जांच करने की मांग की थी और हाई कोर्ट के आदेशों पर जब जांच की गई तो उसमें एक करोड़ 39 लख रुपए से अधिक का घोटाला पाया गया। जिसमें स्पष्ट तौर पर बोर्ड का एडमिनिस्ट्रेटिव इंस्पेक्टर सुनील कुमार कोऑपरेटिव सोसाइटी सदस्य और एचएमटी एम्पलाइज कोऑपरेटिव कंज्यूमर सोसाइटी लिमिटेड मैनेजर संजीव शर्मा को दोषी पाया गया था। मामले की जांच एडिशनल रजिस्ट्रार कम चीफ ऑडिटर कोऑपरेटिव सोसायटी पंचकूला ने की थी। जिसमें जांच अधिकारी ने रजिस्ट्रार कोऑपरेटिव सोसाइटी हरियाणा पंचकूला को 8 जून 2021 को लिखित रूप में लिखकर दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही करने की रिपोर्ट सबमिट की थी।

 

 इसके बाद गत 11 अक्टूबर 2023 को मुख्यमंत्री हरियाणा मुख्य सचिव हरियाणा ने भी पत्र लिखकर बोर्ड के दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करने के निर्देश दिए थे। पत्र में स्पष्ट तौर पर लिखा गया है कि उक्त अधिकारियों की मिलीभगत से ट्रक सप्लायर को हॉलीडे स्कीम के तहत मात्र 24000 रुपये प्रति माह के हिसाब से पेट्रोल पंप किराए पर दिया गया था जबकि इस पेट्रोल पंप से प्रति माह लाखों रुपए की इन्कम होती है।

 

 विजय बंसल ने बताया कि एचएमटी कर्मचारियों को कम कीमत पर और कॉलोनी में ही सुविधा उपलब्ध करवाने के साथ ही कंपनी को लाभ अर्जित करने के उद्देश्य से कोऑपरेटिव सोसाइटी का गठन किया गया था जिसके तहत यहां पर एलपीजी गैस, करियाना स्टोर, एचएमटी ट्रैक्टर के स्पेयर पार्ट की सेल, पेट्रोल पंप और विटा बूथ आरंभ किए गए थे। एचएमटी ट्रैक्टर बंद होने के बाद ट्रैक्टर स्पेयर पार्ट की बिक्री बंद हो गई, वीटा बूथ भी नहीं चल रहा, किराना स्टोर भी बंद हो चुका है, केवल पेट्रोल पंप को हॉलीडे स्कीम के तहत चलाया जा रहा है जबकि एलपीजी गैस की डीलरशिप भी जारी है।

 

 

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