Edited By Deepak Kumar, Updated: 27 Apr, 2025 03:32 PM

सरस्वती बोर्ड हिमाचल प्रदेश से सतलुज नदी के पानी को सरस्वती नदी में लाने की तैयारी कर रहा है। (हारसेक ) हरियाणा स्पेस सेंटर के निदेशक सुल्तान सिंह और सेंटर वाटर कमीशन के उपनिदेशक पी दोरजे ज्यांबा से की सरस्वती बोर्ड के डिप्टी चेयरमैन धूमन सिंह...
चंडीगढ़ (चंद्र शेखर धरणी) : सरस्वती बोर्ड हिमाचल प्रदेश से सतलुज नदी के पानी को सरस्वती नदी में लाने की तैयारी कर रहा है। (हारसेक ) हरियाणा स्पेस सेंटर के निदेशक सुल्तान सिंह और सेंटर वाटर कमीशन के उपनिदेशक पी दोरजे ज्यांबा से की सरस्वती बोर्ड के डिप्टी चेयरमैन धूमन सिंह किरमच ने पंचकुला में की वर्चुअल मीटिंग की
इसकी जानकारी नई देते हुए धूमन सिंह ने बताया कि इन दोनों अधिकारियों ने हिमाचल की नदियों पर बहुत काम किया हुआ है इसी योजना से सतलुज के पानी को सोलन या बिलासपुर,सोलन से होते हुए नाहन से मात्र की खोल व शिमला के बाद टौंस नदी के माध्यम से इस पानी को सरस्वती नदी में इस्तेमाल कीया जा सकता है। उन्होंने बताया सिंधु,झेलम व चिनाब ,रावी,व्यास, सतलुज के पानी को हरियाणा , पंजाब , राजस्थान की नादियो में बाँटा जा सकता है। हरियाणा में शिवालिक की पहाड़ियों से ऊपर नाहन के पास से टौंस का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। बोर्ड सरस्वती के उद्गम स्थल आदिबद्री के माध्यम से प्लानिंग बना रहे हैं जिसका प्रोजेक्ट बनाकर जल्द ही माननीय मुख्यमंत्री नायब सैनी को दिया जाएगा।
डैम का कार्य आदिबद्री में सरस्वती के उद्गम स्थल पर चल रहा है जिससे सरस्वती नदी में 12 महीने पानी चलाने में आसानी होगी और अब हिमाचल के बिलासपुर से आने वाली नदियों में शिवालिक की रेंज में पानी के कैच मेंट को भी सरस्वती में इस्तेमाल की तैयारी बोर्ड कर रहा है विगत हो बोर्ड ने के अथक प्रयासों से सरस्वती नदी में पिछले तीन सालों से क़रीब 400 किलोमीटर में पानी बरसात के सीज़न में चलाया गया है जिससे पहले चरण में सरस्वती नदी को पानी बहने योग्य बनाया गया और अब इस चरण में 12 महीने पानी के प्रयास के लिए और सतलुज के पानी जो हिमाचल के कैच मेंट एरिया से होते हुए हरियाणा की शिवालिक रेंज तक आता है तो उस पानी को सरस्वती बोर्ड सोलन से ऊपर 1 चैनल बनाकर सोम नदी के माध्यम से सरस्वती में लाने की तैयारी में है अभी तक सरस्वती के ऊपर आदि बद्री में एक डैम एक बैराज बनाने का कार्य तेज़ी से चल रहा है तथा बिलासपुर के पास छिलोर गांवों में साढ़े 3 सौ एकड़ में एक बडी झील पर काम शुरू हो चुका है।
अब तक बोर्ड के प्रयासों से सबसे पहले सरस्वती के साथ से गुज़रने वाली सभी नदियों को साधा है और जो नाले बंद थे उनको खुलवाया गया यही कार्य आप बोर्ड माननीय मुख्यमंत्री नायब सैनी के प्रयासों से हिमाचल में भी करने जा रहा है। इसी प्रोजेक्ट को लेकर धूमन सिंह 28 अप्रैल को इसरो व रिमोट सेंसिंग के अधिकारियों से जयपुर बिरला रिमोट सेंसिंग टेक्नोलॉजी सेंटर में मीटिंग में रहेंगे जिसमें सरस्वती नदी के ऊपर आगामी रणनीति पर कार्य किया जाएगा इस मीटिंग में उनके साथ प्रोजेक्ट डायरेक्टर अरविंद कौशिक एक्सियन नवतेज सिंह एक्सियन 3 भट्ट भी उपस्थित थे।
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