जन शिक्षा अधिकार मंच के बैनर तले अध्यापकों और समाजसेवी संगठनों ने किया प्रदर्शन, सरकार पर बोला हमला

Edited By Gourav Chouhan, Updated: 18 Feb, 2023 08:07 PM

teachers and social organizations demonstrated the government

जन शिक्षा अधिकार मंच के तत्वावधान में लघु सचिवालय पर चल रहे पड़ाव के 145वें दिन आज शिक्षक तालमेल कमेटी व जन शिक्षा अधिकार मंच ने जवाहर पार्क में इकट्ठा होकर एक सभा का आयोजन किया...

कैथल (जयपाल) : जन शिक्षा अधिकार मंच के तत्वावधान में लघु सचिवालय पर चल रहे पड़ाव के 145वें दिन आज शिक्षक तालमेल कमेटी व जन शिक्षा अधिकार मंच ने जवाहर पार्क में इकट्ठा होकर एक सभा का आयोजन किया। उसके बाद शहर में प्रदर्शन करते हुए जन शिक्षा विरोधी नीतियों का पर्चा कैथल की जनता में वितरित किया गया। उसके बाद पेहवा चौक पर पहुंचकर महिला कोच से छेड़छाड़ के आरोपी मंत्री संदीप सिंह को बचाने व जन शिक्षा को बर्बाद करने के विरोध में हरियाणा सरकार का पुतला दहन किया गया।

जवाहर पार्क में हुई सभा प्रदर्शनकारियों ने कहा कि आज सत्ता की कुर्सी पर बैठे अहंकारी लोग जनता द्वारा दान में व पंचायती जमीन देकर बनाए गए सरकारी स्कूलों को धड़ाधड़ बंद करके बड़े-बड़े धन्ना सेठों व कॉरपोरेट घरानों के हवाले करना चाहते हैं। नई शिक्षा नीति भी इसी दिशा की ओर बढ़ते कदमों का दस्तावेज है। जिसे संसद में बिना बहस के करोना काल में सरकारी आदेशों से लागू कर दिया गया। उसी के दिशा निर्देश में शिक्षा व स्कूलों को बर्बाद करने के लिए प्रदेश में अध्यापकों के 50,000 से अधिक खाली पदों पर भर्ती न करके चिराग योजना के माध्यम से बच्चों को सरकारी स्कूलों से भगाया जा रहा है। ताकि कम छात्र संख्या के नाम पर सैकड़ों स्कूलों को आसानी से बंद किया जा सके। राज्य में लड़कियों के आठवीं कक्षा तक के सभी स्कूलों को बंद कर दिया गया। मर्जर के नाम पर 4813 स्कूलों को बंद कर दिया गया। गांव के सरकारी विद्यालय में साइंस स्ट्रीम को बंद किया जा रहा है। राज्य के सैकड़ों स्कूलों में एक भी अध्यापक नहीं है। ज्यादातर स्कूलों में मुख्य विषय के अध्यापक नहीं हैं। हर रोज ऐसी नीतियां घोषित की जा रही हैं जिनमें सरकारी स्कूल में अभिभावकों को 500 रुपए मासिक फीस देनी होगी व प्राइवेट स्कूल में दाखिला लेने पर सरकार फीस देगी। प्राइवेट स्कूलों को दी जाने वाली राशि से सरकारी स्कूलों का कायाकल्प किया जा सकता है। जो सरकारी विद्यालय मुख्य राजमार्ग पर हैं उनमें दुकान काटकर स्कूलों में संसाधन जुटाने के लिए कहा जा रहा है। सरकारी स्कूलों को इतनी बड़ी संख्या में बंद किए जा रहे हैं तो क्या हजारों पद अध्यापक, लिपिक, मिड-डे-मील व सेवादार आदि के खत्म नहीं होंगे। जिससे प्रदेश के युवक-युवतियों के सामने रोजगार का संकट पैदा होगा।

आगे उन्होंने कहा कि जब सरकार की जन विरोधी नीतियों का शिक्षक तालमेल कमेटी द्वारा विरोध करने की कोशिश की गई तो शिक्षक नेता सुरेश द्रविड़ पर राजद्रोह का केस दर्ज कर दिया गया। शिक्षा अधिकार मंच के जिला संयोजक सतबीर गोयत को अन्य मामले का बहाना लेकर निलंबित कर दिया गया। ऐसे में अध्यापकों के साथ-साथ किसान-मजदूर, छात्र, नौजवान, महिला, एससी/बीसी के संगठन, सामाजिक संगठन भी लड़ाई में साथ आ गए।

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