Edited By Saurabh Pal, Updated: 03 Oct, 2024 09:39 PM
हरियाणा में विधानसभा प्रचार का शोर थम गया है। प्रत्याशियों के पास वोटिंग से पहले एक दिन का समय शेष है। इस दौरान सभी नेता डोर-टू-डोर कैंपेन कर जनता को रिझाने की आखिरी कोशिश करेंगे...
सिरसा(सतनाम सिंह):हरियाणा में विधानसभा प्रचार का शोर थम गया है। प्रत्याशियों के पास वोटिंग से पहले एक दिन का समय शेष है। इस दौरान सभी नेता डोर-टू-डोर कैंपेन कर जनता को रिझाने की आखिरी कोशिश करेंगे। इस बीच हरियाणा की सियासत में डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को लेकर सस्पेंस बना हुआ है। राम रहीम ने अपने पत्ते अभी तक नहीं खोले हैं। चुनाव के बीच डेरा प्रमुख की पैरोल पर कांग्रेस ने कड़ा विरोध जताया है।
सिरसा में डेरे की सियासत पर सभी पार्टियों की नजरें टिकी हैं। बता दें कि सिरसा के डेरा डेरा सच्चा सौदा की ओर से आज नाम चर्चा का आयोजन किया गया था। जिले के एक निजी होटल में हजारों की संख्या में श्रद्धालु इकट्ठा हुए थे। पैरोल के विरोध के बाद कांग्रेस को समर्थन की उम्मीद कम है, लेकिन राम रहीम को हरियाणा की सियासी हवा अंदाजा जरूर होगा। इसलिए लोगों में अभी भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
बता दें कि 2014 और 2019 के विधानसभा चुनाव में सिरसा डेरे ने भारतीय जनता पार्टी को अपना समर्थन दिया था। डेरे के समर्थन के बाद 2014 में पहली बार भाजपा ने हरियाणा में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी। हालांकि इस बार सियासत की सूरतेहाल कुछ और है। वहीं नजदीकी सूत्रों का कहना है कि गुरमीत इस बार किसी पार्टी को समर्थन न देकर कुछ खास प्रत्याशियों को समर्थन दे सकती है।