Edited By Deepak Kumar, Updated: 13 Dec, 2024 03:05 PM
सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और केंद्र सरकार को हरियाणा और पंजाब के बीच खनौरी बॉर्डर पर भूख हड़ताल पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को तत्काल चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने के सख्त निर्देश जारी किए हैं।
हरियाणा डेस्कः सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और केंद्र सरकार को हरियाणा और पंजाब के बीच खनौरी बॉर्डर पर भूख हड़ताल पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को तत्काल चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने के सख्त निर्देश जारी किए हैं। शीर्ष अदालत ने कहा कि जगजीत सिंह डल्लेवाल को खाने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए,
कोर्ट ने कहा कि डल्लेवाल की जान आंदोलन से ज्यादा महत्वपूर्ण है। साथ में अदालत ने किसानों से शांति बनाए रखने का भी आग्रह किया और निर्देश दिया कि डल्लेवाल के खिलाफ कोई बल प्रयोग न किया जाए। ये निर्देश शंभू बॉर्डर को फिर से खोलने से संबंधित चल रहे मामले की सुनवाई के दौरान जारी किए गए। इसके अतिरिक्त, कार्यवाही के दौरान सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित एक समिति की अंतरिम रिपोर्ट भी प्रस्तुत की गई। अगली सुनवाई 17 दिसंबर को होनी है।
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में भी एक याचिका दायर की गई है, जिसमें जगजीत सिंह डल्लेवाल की गंभीर स्वास्थ्य स्थिति का हवाला देते हुए उनकी भूख हड़ताल समाप्त करने की मांग की गई है। याचिका दायर करने वाले अधिवक्ता वासु रंजन शांडिल्य ने कहा कि स्थिति गंभीर है।
18 दिन भी डल्लेवाल का अनशन जारी
बता दें कैंसर के मरीज किसान नेता डल्लेवा लशुक्रवार तक 18 दिनों भी आमरण अनशन जारी है और उनका स्वास्थ्य लगातार गिरता जा रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, उनका वजन लगभग 12 किलो कम हो गया है, उन्हें किडनी खराब होने का खतरा है और उन्हें दिल का दौरा पड़ने का भी खतरा है।
अमेरिका से कैंसर विशेषज्ञों और सरकारी डॉक्टरों की एक टीम ने गुरुवार को उनकी जांच की और पुष्टि की कि उनकी हालत गंभीर है। गुरुवार को डल्लेवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा, जिस पर उन्होंने अपने खून से हस्ताक्षर किए हैं। पत्र में उन्होंने केंद्र सरकार से अपने वादों को पूरा करने का आग्रह किया और पत्र को अपना पहला और आखिरी संदेश बताया।
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