ये हरियाणवी भी गजब है! VIP नंबर के लिए खर्च कर डाले लाखों रुपए

Edited By Manisha rana, Updated: 18 Jul, 2024 01:31 PM

spent lakhs of rupees for vip number

कहते हैं शोक का कोई मोल नहीं होता, कोई मन में ठान ले मुझे यह वस्तु प्राप्त करनी है तो उसकी कीमत नहीं देखी जाती। ऐसा ही कुछ यमुनानगर में हुआ है, जिसमें मोटर व्हीकल की नई सीरीज शुरू होने पर ट्रांसपोर्ट विभाग द्वारा इसकी वीआईपी नंबरों की नीलामी की गई।...

यमुनानगर (सुरेंद्र मेहता) : कहते हैं शोक का कोई मोल नहीं होता, कोई मन में ठान ले मुझे यह वस्तु प्राप्त करनी है तो उसकी कीमत नहीं देखी जाती। ऐसा ही कुछ यमुनानगर में हुआ है, जिसमें मोटर व्हीकल की नई सीरीज शुरू होने पर ट्रांसपोर्ट विभाग द्वारा इसकी वीआईपी नंबरों की नीलामी की गई। पहले पांच नंबर की नीलामी में काफी लोग बोली देने वाले थे। जिसके चलते 50000 रुपए के बेस प्राइज का नंबर 7777 की अंतिम बोली 16 लाख पांच हजार में छुटी।  

बता दें कि जिले में मोटर व्हीकल की नई सीरीज शुरू होने पर ट्रांसपोर्ट विभाग द्वारा इसकी वीआईपी नंबरों की नीलामी की गई। पहले पांच नंबर की नीलामी में काफी लोग बोली देने वाले थे, जिसके चलते 50000 रुपए के बेस प्राइज का नंबर 7777 की अंतिम बोली 16 लाख पांच हजार में छुटी, जबकि 50000 हजार  के रिजर्व प्राइज के नंबर 1000 की बोली 4 लाख में हुई।  9000 नंबर की बोली 95000 में, इसी तरह 5000 नंबर वाले को 74000 और 2222 नंबर वाले को 80000 का भुगतान करना पड़ा है। उपमंडल अधिकारी (नागरिक) सोनू राम ने बताया कि शुरू के पांच नंबरों में एक से ज्यादा बोली देने वाले थे जिसके चलते नीलामी हुई और सर्वाधिक 16 लाख 5000, प्रथम नंबर 7777 वाले को बोली दी गई। उन्होंने बताया कि 8888 नंबर 50000 में इसी तरह 3000 नंबर 50000 में 5555 नंबर 50 हजार में और 9999 नंबर भी 50000 में बिका है। उन्होंने यह भी बताया कि पुरानी सीरीज समाप्त होने के बाद नई सीरीज एचआर 02बीए शुरू की गई है। 

लोगों का मानना है कि शोक का कोई मोल नहीं होता। उसके लिए कोई भी कीमत चुकाने को तैयार होता है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह नीलामी 16 लाख में गई है, अगर इससे ज्यादा होती तो भी खरीदने वाला इसी नंबर को खरीदता।

वहीं एक दिलचस्प बात यह भी सामने आई है कि जिन लोगों ने बोली में यह नंबर खरीदे हैं उनमें से कुछ ने अभी तक गाड़ी ही नहीं खरीदी। ट्रांसपोर्ट विभाग का भी यह नियम है कि 90 दिन के अंदर गाड़ी लेकर उस पर नंबर लगाना होता है, अन्यथा वह नंबर जप्त कर लिया जाता है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में बोली दाताओं को विभाग की हिदायत के बारे में जानकारी दे दी गई है।

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