अधूरे अरमानों के साथ संसार का त्याग कर गई सोनाली फोगाट

Edited By Gourav Chouhan, Updated: 24 Aug, 2022 08:11 PM

sonali phogat left the world with unfulfilled dreams

महिलाओं के बारे हमेशा सोचने वाली फोगाट क्षेत्र में बढ़ते नशे को लेकर हमेशा काफी चिंतित रही। उनके अनुसार नशे की लत चाहे पति को हो या बेटे को परेशानी महिला को ही होती है। इसलिए हर महिला को नशे के खिलाफ अभियान में अपनी आहुति डालनी चाहिए।

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): महिलाओं के बारे हमेशा सोचने वाली फोगाट क्षेत्र में बढ़ते नशे को लेकर हमेशा काफी चिंतित रही। उनके अनुसार नशे की लत चाहे पति को हो या बेटे को परेशानी महिला को ही होती है। इसलिए हर महिला को नशे के खिलाफ अभियान में अपनी आहुति डालनी चाहिए। नशे के खिलाफ बड़े युद्ध में फोगाट हमेशा आगे रही, बल्कि सरकार के साथ-साथ कलाकारों से भी इसमें योगदान की अपील करती रही। फोगाट ने नशे से उत्पन्न होने वाली समस्याओं  की जागरूकता और इसे जड़ से समाप्त करने के लिए एक फिल्म "प्रेरणा'' बनाने के लिए सकारात्मक कदम उठाए। इसके लिए नशा प्रभावित क्षेत्रों में उन्होंने लगातार दौरा भी किया। लगातार युवा वर्ग को नशे की गिरफ्त में जाते देख इसके कारणों को जानने के लिए वह चिंतित भी रही। जिन क्षेत्रों में नशा काफी हावी थे। घर-घर में छोटे बच्चे नशे के चंगुल में फंसे थे। वहां सर्व समाज को आगे आने की हमेशा वह अपील करती रही। फिल्म ''प्रेरणा'' के जरिए जिसमें आईएएस की भूमिका में फौगाट ने रोल अदा किया, नशे को समाप्त करके समाज- प्रदेश और राष्ट्र को सशक्त और ताकतवर बनाने की सोच के साथ हमेशा कदम उठाती रही। 

 

हर व्यक्ति को नशे के खात्मे के लिए गंभीर होने बेहद आवश्यकता

फौगाट नशे से संबंधित विषय पर एक किताब का लेखन भी मौजूदा समय में कर रही थी, जिसमें मुख्यतः किसी परिवार का बच्चा जब नशे की लत में पड़ जाए, तो क्या कदम उठाने चाहिए और प्रदेश से नशा समाप्ति के लिए क्या-क्या कदम उठाए जाने आवश्यक हैं, यह मुख्यतः विषय किताब में था। नशे के खात्मे को लेकर लगातार प्रयासरत रहने वाली फोगाट हरियाणा नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की कार्यशैली में और अधिक सुधार की संभावनाओं को देखती थी। उनका मानना था कि अगर सच में पर्याप्त प्रयास होते, तो हर तीसरे घर में नशे का शिकार बच्चा नहीं मिल सकता था। चिट्टा और इंजेक्शन जैसे घातक नशे का प्रयोग कर 13-14 साल के बच्चों की अक्सर वह बात किया करती थी। उनका मानना था कि हर व्यक्ति को अपने बच्चों के प्रति इस मसले पर बेहद गंभीर होने की आवश्यकता है।

 

''क्यों कहती है, दुनिया की नारी कमजोर है, नारी के हाथों में तो घर चलाने की डोर है'': फौगाट
आदमपुर मंडी में बारिश के दिनों पानी भर जाने की समस्या से लंबे समय से प्रभावित परेशान किसानों की समस्या को आला अधिकारियों- मंत्रीगण  के सामने बेहद बुलंद आवाज में उठाया। लेकिन सबसे बड़ी परेशानी आड़े आ रही फंड पास न होने के समाधान के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल के संज्ञान में लाया गया और मुख्यमंत्री ने इस व्यक्तित्व  की सोच पर मोहर लगाते हुए आदमपुर को नगर पालिका का खिताब दे डाला। जिसका लाभ लंबे समय तक यहां की जनता को मिलता रहेगा। डायल 112 को महिलाओं के लिए वरदान बताने वाली  फोगाट हमेशा महिला सशक्तिकरण के लिए काम करती रही। फोगाट का मानना था कि ''क्यों कहती है दुनिया की नारी कमजोर है- नारी के हाथों में तो घर चलाने की डोर है''।
 

बहुत से कलाकारों के लिए रोल मॉडल थी सोनाली फोगाट

मनोरंजन की दुनिया से राजनीति में कदम रखकर बहुत से कलाकारों के लिए रोल मॉडल बनी सोनाली फोगाट अपने अधूरे सपनों के साथ भगवान के घर लौट गई। मंगलवार को हुए इस दुखद हादसे से जहां फिल्मी-नाटकीय कलाकारों की दुनिया में एक शोक की लहर दौड गई, वहीं प्रदेश के सभी राजनीतिज्ञ कॉफी हैरान और परेशान दिखे। बेहद मिलनसार व्यक्तित्व और सीखने-समझने की फोगाट की क्षमता ने उन्हें लगातार सीढ़ी दर सीढ़ी ऊपरी पायदान पर पहुंचाया। 8 साल की उम्र मे स्कूल से एक्टिंग के शौक से शुरुआत कर टिक टॉक स्टार, एंकर, मॉडल और अभिनेत्री जैसे किरदार भी बखूबी से निभाए। उनकी इसी पहचान और लगातार बढ़ते हुए फॉलोअर्स की गिनती ने भाजपा का ध्यान आकर्षित किया और प्रदेश के एक ताकतवर परिवार के सामने ताकतवर प्रतिद्वंदी के रूप में स्थापित करने का पार्टी ने निर्णय लिया। भाजपा महिला इकाई की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाते हुए, पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के पुत्र कुलदीप बिश्नोई को भी आदमपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ कर कड़ी चुनौती दी। बेशक सफलता नहीं मिली, लेकिन जनता का उनके प्रति लाड और जनता के प्रति उनके भाव कभी किसी से छुपे नहीं रहे। हमेशा समाज हित के लिए बड़ी से बड़ी चुनौती के सामने डटकर मुकाबला करने वाली सोनाली फोगाट आज बेशक इस संसार को छोड़कर जा चुकी हैं,  लेकिन लोगों के दिलों में राज करने वाली फोगाट हमेशा जनता की यादों में बसी रहेंगी। 

 

राजनीति के माध्यम से जनता की सेवा करना चाहती थी फोगाट

अभिनेत्री और नेत्री जैसे बेहद अलग-अलग प्लेटफार्म पर सोनाली फोगाट की कार्यशैली बेहद सटीक नजर आई। कुलदीप बिश्नोई की लापरवाह कार्यशैली को लेकर हमेशा मीडिया के सामने फोगाट पूरी तरह से आक्रामक दिखी। मीडिया के माध्यम से कुलदीप बिश्नोई को हमेशा विधायक होने का फर्ज सिखाने की कोशिश में फोगाट जनहित के लगातार कार्यों में आगे बढ़ती रही। आदमपुर विधानसभा के गांव-गांव तक लोगों के दुख दर्द में शामिल होने के चलते उनकी बेहद मजबूत पकड़ आम जनमानस में बढ़ती जा रही थी। आम जनमानस की समस्याओं के समाधान के लिए मुख्यमंत्री तक से चर्चा करने से कभी परहेज ना वाली फोगाट ने जनहित में बहुत से कार्य भी करवाए। अदाकारी और राजनीति दोनों को साथ-साथ लेकर चलने वाली फौगाट की प्राथमिकता हमेशा जनता रही और जनसेवा को बेहतर माध्यम राजनीति को बताती रही।
 

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