Edited By Yakeen Kumar, Updated: 06 Dec, 2025 08:53 PM

हरियाणा सरकार अब राज्य को अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाने जा रही है। इसके तहत प्रदेश में सभी सरकारी स्कूलों, कॉलेजों, अस्पतालों, दफ्तरों और गोदामों की छतों पर सोलर पैनल सिस्टम अनिवार्य रूप से लगाए जाएंगे।
चंडीगढ़ : हरियाणा सरकार अब राज्य को अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाने जा रही है। इसके तहत प्रदेश में सभी सरकारी स्कूलों, कॉलेजों, अस्पतालों, दफ्तरों और गोदामों की छतों पर सोलर पैनल सिस्टम अनिवार्य रूप से लगाए जाएंगे।
साथ ही राज्य सरकार कर्मचारियों और नियमित बिजली बिल जमा करने वाले उपभोक्ताओं के लिए नई ‘सौर ऊर्जा प्रोत्साहन योजना’ लागू करने की तैयारी में है, जिसे मंजूरी के लिए सरकार के समक्ष भेजा गया है। योजना लागू होने के बाद पात्र लोगों को रूफटॉप सोलर लगवाने पर विशेष लाभ और सब्सिडी मिल सकेगी।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बजट घोषणाओं की समीक्षा बैठक में पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना की प्रगति रिपोर्ट ली और अधिकारियों को घर-घर सोलर सिस्टम लगाने में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हर जिले में प्रभावी मॉनिटरिंग की जाए और शहरों व कस्बों में बड़े पैमाने पर सौर पार्क विकसित किए जाएं।
बैठक में बताया गया कि अब तक राज्य में 42,486 रूफटॉप सोलर यूनिट्स लगाए जा चुके हैं। लक्ष्य है कि 31 मार्च 2027 तक यह संख्या 2,22,000 तक पहुंचाई जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऊर्जा सुरक्षा राज्य के आर्थिक विकास की आधारशिला है और सभी लंबित ऊर्जा परियोजनाओं को तय समय सीमा में पूरा किया जाना चाहिए।
विभागीय अधिकारियों के अनुसार अगले सात वर्षों में हरियाणा में 24,000 मेगावाट बिजली क्षमता बढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसी दिशा में यमुनानगर में 800 मेगावाट अल्ट्रा सुपरक्रिटिकल थर्मल यूनिट का निर्माण कार्य भी शुरू हो चुका है।
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